विपक्षी दलों ने खेला कुर्सियों का खेल, राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर नहीं बनी आम सहमति
दिप्रिंट के प्रवीण जैन आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार के बारे में फैसला करने के लिए बुधवार को दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में हुई विपक्ष की बैठक की कुछ झलकियां लाए हैं.
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी द्वारा बुधवार को दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में बुलाई गई विपक्ष की बैठक में कई प्रमुखों ने राष्ट्रपति की कुर्सी के भविष्य पर विचार-विमर्श किया. अगले महीने राष्ट्रपति चुनाव होना है.
कुर्सी संभालने का प्रस्ताव पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के दिग्गज नेता शरद पवार को दिया गया था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया. इसके बाद बनर्जी ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला का नाम सुझाया, लेकिन उनके बेटे उमर अब्दुल्ला ने आपत्ति जताई, जो बैठक में मौजूद थे.
बनर्जी ने बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी के नाम का भी सुझाव दिया, जिस पर अन्य दलों ने कहा कि नामों पर अभी चर्चा नहीं की जानी चाहिए. पवार, बनर्जी और कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को विपक्षी नेताओं से बात करने और सप्ताह के भीतर विपक्ष की एक और बैठक बुलाने का काम सौंपा गया है.
बैठक के बाद हुई एक प्रेस कांफ्रेंस में, मीडिया ने मंच पर कार्रवाई की हड़बड़ी देखी क्योंकि नेताओं के लिए कुर्सियों की व्यवस्था बदलती रही थी. विपक्षी खेमे के कितने लोग प्रेस को संबोधित करेंगे, इस विषय पर उतना ही भ्रम था, जितना कि विपक्ष का राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार कौन होगा.
दिप्रिंट द्वारा कैद की गई बैठक की कुछ झलकियां:
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