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गुरूवार, 24 अप्रैल, 2025
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सांसदों के निलंबन पर हंगामें के बीच राज्यसभा दो बार स्थगित, हरिवंश के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज

सदन में हंगामा थमते नहीं देख उपसभापति हरिवंश ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. निलंबित किए गए सदस्यों में तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन, कांगेस के राजीव सातव, सैयद नजीर हुसैन और रिपुन बोरा, आप के संजय सिंह, माकपा के केके रागेश और इलामारम करीम शामिल हैं.

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नई दिल्ली: राज्यसभा में आठ सांसदों के निलंबन के बाद लगातार चल रहे हंगामें के बीच सोमवार को सदन की कार्यवाही बार बार स्थगित की गई. वहीं सभापति एम वेंकैया नायडू ने उपसभापति हरिवंश के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को सोमवार को खारिज कर दिया और कहा कि प्रस्ताव उचित प्रारूप में नहीं था.

उन्होंने सदन में इसकी घोषणा की. विपक्ष ने एक दिन पहले कृषि से संबंधित दो विधेयकों पर विपक्ष के संशोधनों पर मतविभाजन की मांग ‘स्वीकार’ नहीं किए जाने को लेकर उपसभापति के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया था.

सभापति नायडू ने कहा कि सदन की कार्यवाही के रिकार्ड के अनुसार उपसभापति ने सदस्यों को अपने स्थानों पर जाने और सदन में हंगामा नहीं करने तथा अपने संशोधन पेश करने के लिए बार बार कहा था.


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निलंबित सदस्य सदन से बाहर नहीं गए

एक बार के स्थगन के बाद 10 बजे बैठक फिर शुरू होने पर सदन में विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा और उपसभापति हरिवंश ने निलंबित किए गए सदस्यों को सदन से बाहर जाने को कहा. लेकिन निलंबित सदस्य सदन से बाहर नहीं गए.

हंगामे के बीच ही शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान विधियां (संशोधन) विधेयक, 2020 चर्चा के लिए पेश किया.

सदन में हंगामा थमते नहीं देख उपसभापति हरिवंश ने 10 बजकर करीब पांच मिनट पर बैठक आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गयी.

नायडू के अनुसार, उपसभापति ने यह भी कहा था कि सदस्य अपने स्थानों पर लौट जाएं उसके बाद वह मतविभाजन कराएंगे.

उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ पेश किया गया प्रस्ताव निर्धारित प्रारूप में नहीं है और इसके लिए जरूरी 14 दिनों के समय का भी पालन नहीं किया गया है.

सभापति ने कहा कि कल हंगामे के दौरान सदस्यों का व्यवहार आपत्तिजनक और असंसदीय था. उन्होंने कहा कि कल का दिन राज्यसभा के लिए बहुत खराब दिन था. इस दौरान सदस्यों ने उपसभापति के साथ अमर्यादित आचरण भी किया.

इस दौरान सदन में हंगामा जारी रहा और सरकार ने आठ विपक्षी सदस्यों को मौजूदा सत्र के शेष समय के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से स्वीकार कर लिया.

ब्रायन, डोला और राजीव सहित 8 सांसद निलंबित

निलंबित किए गए सदस्यों में तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन, कांगेस के राजीव सातव, सैयद नजीर हुसैन और रिपुन बोरा, आप के संजय सिंह, माकपा के केके रागेश और इलामारम करीम शामिल हैं.

इस दौरान सदन में हंगामा जारी रहा और सभापति ने नौ बजकर करीब 40 मिनट पर बैठक 10 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

बता दें कि रविवार को मानसून सत्र की चल रही कार्यवाही के बीच कृषि विधेयकों पर बहस के दौरान टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने उपसभापति के सामने रूल बुक फाड़ दी. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सांसद वेल में पहुंच गए जहां उन्होंने खासा हंगामा किया. कल किए गए हंगामें पर आज कार्रवाई करते हुए आठ सांसदों को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया.


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क्या बोला विपक्ष

सांसदों के निलंबन पर टीएमसी सांसद सुखेंदु शेखर रे ने कहा, कई सदस्यों द्वारा कृषि विधेयक में संशोधन पर विचार नहीं किया गया और इसे तथाकथित ध्वनि मत के जरिए पास कर दिया गया.

सुखेंदु शेखर ने कहा, ‘इस मामले में अध्यक्ष की भूमिका पूर्ववर्ती ‘पक्षपातपूर्ण’, अभूतपूर्व और गैरकानूनी थी. यदि संवैधानिक प्राधिकारी राज्यसभा अध्यक्ष नियमों के अऩुसार कार्य नहीं करेंगे तो देश फासीवाद की तरफ भले ही न बढ़े, लेकिन इसका बहुसंख्यकवाद का शिकार होना तय है.’

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