scorecardresearch
Wednesday, 22 May, 2024
होमदेशमोदी सरकार FCRA कानून में करेगी संशोधन, पंजीकरण के लिए जरूरी होगा आधार

मोदी सरकार FCRA कानून में करेगी संशोधन, पंजीकरण के लिए जरूरी होगा आधार

विदेशी अंशदान विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2020 रविवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा जिसमें प्रावधान है कि केंद्र किसी एनजीओ या एसोसिएशन को अपना एफसीआरए प्रमाणपत्र वापस करने की अनुमति दे सकेगा.

Text Size:

नई दिल्ली: विदेशी अंशदान (नियमन) कानून (एफसीआरए) में संशोधन किया जाना है, जिसके तहत किसी भी एनजीओ के पंजीकरण के लिए पदाधिकारियों के आधार नंबर जरूरी होंगे और लोक सेवक के विदेशों से रकम हासिल करने पर पाबंदी होगी.

विदेशी अंशदान विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2020 रविवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा जिसमें प्रावधान है कि केंद्र किसी एनजीओ या एसोसिएशन को अपना एफसीआरए प्रमाणपत्र वापस करने की अनुमति दे सकेगा.

मसौदा विधेयक में कहा गया है कि कुल विदेशी कोष का 20 प्रतिशत से ज्यादा प्रशासनिक खर्चे में इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. वर्तमान में यह सीमा 50 प्रतिशत है.

विधेयक के उद्देश्य और कारणों के बारे में बयान में कहा गया है, ‘विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 को लोगों या एसोसिएशन या कंपनियों द्वारा विदेशी योगदान के इस्तेमाल को नियमित करने के लिए लागू किया गया था. राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पहुंचाने वाली किसी भी गतिविधि के लिए विदेशी योगदान को लेने या इसके इस्तेमाल पर पाबंदी है.’

मसौदे में कहा गया है कि कानून एक मई 2011 को लागू हुआ था और दो बार इसमें संशोधन हुआ. वित्त अधिनियम, 2016 की धारा 236 के जरिए पहला संशोधन हुआ और वित्त कानून, 2018 की धारा 220 से दूसरा संशोधन हुआ.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

इसमें कहा गया है कि हर साल हजारों करोड़ों रुपये के विदेशी योगदान के इस्तेमाल और समाज कल्याण के काम में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए संशोधन किया जाना जरूरी है.

मसौदा विधेयक में कहा गया है कि एफसीआरए के तहत पूर्व अनुमति या पंजीकरण अथवा एफसीआरए के लाइसेंस नवीनीकरण का अनुरोध करने वाले किसी भी व्यक्ति को अब अपने सभी पदाधिकारियों या निदेशकों के आधार नंबर देने होंगे, विदेशी नागरिक होने की स्थिति में पासपोर्ट की एक प्रति या ओसीआई कार्ड की प्रति देना जरूरी होगा.

इसमें ‘लोक सेवक’ और ‘सरकार या इसके नियंत्रण वाले निगम’ को ऐसी इकाइयों की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव दिया गया है, जो विदेशी अनुदान हासिल करने के योग्य नहीं होंगे.

एफसीआरए के तहत पंजीकृत एनजीओ को 2016-17 और 2018-19 के बीच 58,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का विदेशी अनुदान मिला.

देश में करीब 22,400 एनजीओ हैं.


यह भी पढ़ें: राज्य सभा में आज जो हुआ वह बहुत दुखद और शर्मनाक है: राजनाथ सिंह


 

share & View comments