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Thursday, 19 December, 2024
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भारी जीत के साथ तीसरी बार कोलकाता नगर निगम की कमान TMC के हाथों में, मिलीं 144 में से 134 सीटें

ममता बनर्जी की करीबी रिश्तेदार कजरी बनर्जी वार्ड संख्या 73 से विजयी रहीं. वार्ड संख्या 22 में भाजपा की मौजूदा पार्षद और कोलकाता की पूर्व उपमहापौर मीना देवी पुरोहित लगातार छठी बार जीती हैं.

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कोलकाताः पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के सात महीने बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने कोलकाता नगर निगम (केएमसी) की सत्ता पर मंगलवार को लगातार तीसरी बार कब्जा कर लिया. पार्टी को करीब 72 फीसदी वोट मिले हैं.

अधिकारियों ने बताया कि ममता बनर्जी की अगुवाई वाली पार्टी ने निगम की 144 सीटों में से 134 पर जीत हासिल की है. वहीं भाजपा, वाम मोर्चा और कांग्रेस राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी को चुनौती नहीं दे सकी.

विधानसभा चुनाव में हार के बाद भाजपा को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. राज्य चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, भाजपा महज़ तीन वार्ड में जीत दर्ज कर सकी. कांग्रेस और माकपा नीत वाम मोर्चे की झोली में भी दो-दो सीटें आई हैं. वहीं तीन निर्दलीयों ने फतह हासिल की है.

वाम मोर्चा मत प्रतिशत के मामले में दूसरे स्थान पर रहा.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी अपनी पार्टी का विस्तार दूसरे राज्यों में करने की कोशिश में हैं. नगर निकाय चुनाव में ‘प्रचंड विजय’ के बाद उन्होंने अपनी राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा की ओर संकेत दिया है.

बनर्जी ने अपने आवास के बाहर पत्रकारों से कहा, ‘मैं इस जीत को राज्य के लोगों और मां माटी, मानुष को समर्पित करना चाहती हूं. भाजपा, कांग्रेस और माकपा जैसे कई राष्ट्रीय दलों ने हमारे खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन वे सभी हार गए. यह माटी की बेटी की जीत है. यह जीत आने वाले दिनों में राष्ट्रीय राजनीति को रास्ता दिखाएगी.’

अप्रैल-मई में हुए विधानसभा चुनावों में टीएमसी ने शहर की सभी 16 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की थी और भाजपा मत प्रतिशत के मामले में सभी सीटों और केएमसी वार्डों में दूसरे नंबर पर रही थी.

राज्य चुनाव में प्रचंड जीत और हाल में यूनेस्को द्वारा कोलकाता की दुर्गा पूजा को ‘इनटेंजिबल हेरीटेज’ का तमगा दिए जाने से पार्टी में जबर्दस्त उत्साह था और टीएमसी ने करीब दो तिहाई मत हासिल किए.

टीएमसी को कुल पड़े वोटों में से 71.95 फीसदी मत मिले हैं जबकि वाम मोर्चो के 11.13 प्रतिशत और भाजपा को 8.94 फीसदी मत मिले हैं. कांग्रेस का मत प्रतिशत 4.47 फीसदी रहा और निर्दलीयों ने 3.25 प्रतिशत वोट हासिल किए.

टीएमसी ने 2015 के केएमसी चुनाव की तुलना में 22 फीसदी अधिक वोट हासिल किए हैं और इस साल अप्रैल-मई में हुए विधानसभा चुनाव में मिले वोटों की तुलना में 11 फीसदी ज्यादा मत हासिल किए हैं.

भाजपा को पिछले विधानसभा चुनाव में 29 फीसदी वोट मिले थे और इसे इस चुनाव में करीब 20 प्रतिशत मतों का नुकसान हुआ है. वहीं वाम मोर्चे को विधानसभा चुनाव की तुलना में सात प्रतिशत अधिक वोट मिले हैं. पिछले केएमसी चुनाव में वाम मोर्चा का मत प्रतिशत 13 फीसदी से कम था.

पूर्व महापौर फिरहाद हाकिम, पूर्व उपमहापौर अतिन घोष और माला रॉय, देबाशीष कुमार, तारक सिंह, परेश पाल समेत टीएमसी कई अन्य उम्मीदवारों ने अच्छे अंतर से जीत हासिल की है.

टीएमसी प्रत्याशी फैज़ अहमद खान ने वॉर्ड संख्या 66 से सबसे ज्यादा अंतर से जीत दर्ज की है. वह 62,045 वोटों से जीते हैं. इसके बाद अनन्या बनर्जी ने वार्ड संख्या 109 से 37,661 वोटों से विजय हासिल की.

ममता बनर्जी की करीबी रिश्तेदार कजरी बनर्जी वार्ड संख्या 73 से विजयी रहीं. वार्ड संख्या 22 में भाजपा की मौजूदा पार्षद और कोलकाता की पूर्व उपमहापौर मीना देवी पुरोहित लगातार छठी बार जीती हैं.

टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भी ‘विशाल जनादेश’ के लिए कोलकाता के लोगों को धन्यवाद दिया.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘कोलकाता के लोगों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि बंगाल में नफरत और हिंसा की राजनीति के लिए कोई स्थान नहीं है. इतने विशाल जनादेश से हमें आशीर्वाद देने के लिए मैं सभी का धन्यवाद करता हूं. हम वास्तव में बहुत सम्मानित महसूस कर रहे हैं और हमेशा आपकी बेहतरी के लिए अपने लक्ष्यों में प्रतिबद्ध रहेंगे. धन्यवाद कोलकाता.’

पार्टी के वरिष्ठ नेता और कोलकाता के पूर्व महापौर फिरहाद हाकिम ने कहा कि यह शहर में पिछले एक दशक में पार्टी के विकास कार्यों की जीत है.

हाकिम ने कहा, ‘2010 से हमारे विकास के प्रयास इस जीत को सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त थे. अभी, हम पर्यावरणीय मुद्दों सहित बेहतर नागरिक सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे. हम निकट भविष्य में शहर को कोविड मुक्त बनाने का प्रयास करेंगे.’

दूसरी ओर भाजपा ने परिणामों को ‘आतंक के शासन’ का प्रतिबिंब बताया, जिसे टीएमसी ने फैलाया था.

भाजपा नेता शमिक भट्टाचार्य ने कहा, ‘यह परिणाम अपेक्षित था क्योंकि केंद्रीय बलों की अनुपस्थिति में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं हुए थे.’

माकपा के वरिष्ठ नेता सुजान चक्रवर्ती को नतीजों में एक बढ़त दिखी है, क्योंकि वाम मार्चा अधिकतर वार्डों में मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरा है.

उन्होंने कहा, ‘अगर चुनाव निष्पक्ष हुए होते, तो हमारे नतीजे बहुत बेहतर होते.’

केएमसी के लिए चुनाव रविवार को हुआ था. इस दौरान हिंसा की छिटपुट घटनाएं सामने आईं थीं, जिनमें दो बूथ पर बम फेंकना शामिल है. चुनाव में 63 फीसदी मतदान हुआ था.

टीएमसी केएमसी की सत्ता पर 2010 से काबिज़ है. उसने 2015 के चुनाव में 124 सीटें जीती थीं, जबकि वाम मोर्चे को 13 सीटें मिली थीं. भाजपा ने पांच और कांग्रेस ने दो सीटों पर जीत हासिल की थी.

टीएमसी के नव निर्वाचित पार्षद 23 दिसंबर को शहर के अगले महापौर का चुनाव करेंगे.


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