बेंगलुरू : दो हफ्तों से अधिक समय से चली आ रही कर्नाटक की राजनीतिक उठापटक आखिरकार मंगलवार को खत्म हो गई. शाम को विश्वास मत पर वोटिंग के बाद एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जेडीएस सरकार गिर गई. सदन में विश्वास मत के समर्थन में 99 और खिलाफ में 105 वोट पड़े. सदन में सीएम कुमारस्वामी अपने विश्वास मत की कार्यवाही के भाषण में कहा कि इसे इतना लंबा खींचने की उनकी कोई मंशा नहीं थी. कुमारस्वामी ने राज्य की जनता और विधानसभा अध्यक्ष से माफी भी मांगी. वहीं जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन के विश्वास मत खोने के बाद भाजपा में खुशी की लहर है. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने विक्ट्री की साइन दिखाकर खुशी का इज़हार किया.
BS Yeddyurappa & other Karnataka BJP MLAs show victory sign in the Assembly, after HD Kumaraswamy led Congress-JD(S) coalition government loses trust vote. pic.twitter.com/hmkGHL151z
— ANI (@ANI) July 23, 2019
#Karnataka Assembly: Congress-JD(S) secured 99 votes, BJP secured 105 votes https://t.co/Cbd5eRdamO
— ANI (@ANI) July 23, 2019
वहीं इससे पहले सीएम कुमारस्वामी भावुक भाषण दिया था जिसे इस सरकार का विदाई भाषण माना गया. सीएम ने इससे पहले अपने भावुक भाषण में कहा कि वह विश्वास मत पर वोटिंग के लिए तैयार हैं और खुशी से सीएम का पद छोड़ देंगे. कुमारस्वामी ने कहा कि वह राजनीति में नहीं आना चाहते थे, लेकिन किस्मत यहां ले आई.
Bengaluru: Karnataka CM HD Kumaraswamy and Congress leader Siddaramaiah during trust vote in Karnataka Assembly pic.twitter.com/4mOELjkBAt
— ANI (@ANI) July 23, 2019
Siddaramaiah: This wholesale trade is a problem. If there is retail trade of one or two members then it's not a problem. The MLAs(rebel) who have gone have indulged in wholesale trade. https://t.co/sg8rSRxArU
— ANI (@ANI) July 23, 2019
वहीं कर्नाटक कांग्रेस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने विधायक को थोक में खरीदे जाने का जिक्र करते हुए कहा कि यहां थोक में व्यापार से दिक्कत है आगर रिटेल में एक दो सदस्यों का व्यापार होता तो कोई दिक्कत न होती. बागी विधायक थोक में लिप्त हैं.
कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार बागी विधायकों पर भड़के
कर्नाटक की राजनीतिक का उठापठक खत्म होता नहीं दिख रही है. बागी विधायकों के विधानसभा में न पेश होने के कारण अब कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार भड़क गये हैं. कर्नाटक विधानसभा में शिवकुमार ने कहा कि बागी विधायकों ने उनकी पीठ में चाकू घोंपा है. लेकिन चिंता न करें वो बीजेपी वालों के साथ भी ऐसा ही करेंगे.
DK Shivakumar, Congress, in Vidhana Soudha: Yes I was the reason MTB Nagaraj got a ticket. We spoke to him and he gave a statement as well. Couldn't we have locked them up? No, because we have trust in them. Bring them here, let them vote against this government. pic.twitter.com/heDBeplbCx
— ANI (@ANI) July 23, 2019
DK Shivakumar, Congress, in Vidhana Soudha: BJP leaders are being misguided. I went to Mumbai to speak to them (rebel MLAs). I spoke to one of the MLAs there and he asked me to come and take him away. #Karnataka https://t.co/ht5hXThXah
— ANI (@ANI) July 23, 2019
उन्होंने कह, ‘मैं आपसे कह रहा हूं कि वो लोग मंत्री नहीं बन पाएंगे. उन्होंने कहा कि जब मैं बागी विधायकों से मुंबई मिलने गया तो वे मुझसे बोले थे कि हम यहां से जाना चाहते हैं.’
सुप्रीम कोर्ट ने आज फिर मामले की सुनवाई टाली
सुप्रीम कोर्ट ने आज फिर मामले की सुनवाई टाल दी. बागी विधायकों के वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में कहा कि स्पीकर विश्वास मत परीक्षण के तहत वोटिंग को जानबूझ कर लटका रहे हैं. रोहतगी ने कोर्ट से मांग की है कि वह स्पीकर को निर्देश देकर आज ही शाम 6 बजे तक कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार की विश्वासमत के लिए वोटिंग कराएं. वहीं अदालत में स्पीकर की ओर से कहा गया कि आज शाम तक विश्वास मत पर वोटिंग पूरी कराई जा सकती है.
Mukul Rohatgi, representing #Karnataka rebel MLAs in SC: SC has passed an order saying that Court is optimistic that Speaker will hold floor test today; has kept the matter for tomorrow. I hope the Speaker realizes what his position is, what Constitution obliges him to do. pic.twitter.com/Yz9eeE9iDw
— ANI (@ANI) July 23, 2019
13 बागी विधायकों ने अध्यक्ष को पत्र लिख सामने आने के लिए चार हफ्ते का समय मांगा
कर्नाटक कांग्रेस-जद (एस) के 13 बागी विधायकों ने मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार को पत्र लिखकर उन्हें अयोग्य ठहराए जाने के नोटिस के संबंध में उनके सामने पेश होने के लिए चार हफ्ते का समय मांगा है.
विधायकों ने कहा है कि उन्होंने अपना इस्तीफा देने के बाद सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिसने स्पीकर को भी उनके इस्तीफे पर विचार करने का निर्देश दिया था. पत्र में कहा गया है, ‘इन सब के बावजूद, मुझे बतया गया है कि मेरी अयोग्यता की मांग करते हुए पार्टी ने भारत के संविधान की एक्स अनुसूची के तहत एक याचिका दायर की है.
पत्र में आगे कहा गया है, आप जानते हैं कि अयोग्यता का नियम, 1986 के लिए कम से कम 7 दिन चाहिए होता है. इसके बावजूद, कार्यवाही जल्दी की जा रही है. इन परिस्थितियों में, मैं आपसे सामने आने के लिए चार सप्ताह का समय देने का अनुरोध करता हूं.’
बागी विधायकों ने कहा है कि उन्हें एक नोटिस जारी कर आगाह किया गया था, जिसमें आज उन्हें स्पीकर के सामने पेश होने के लिए कहा गया था.
बागी विधायकों के लिखे पत्र में कहा गया है, ‘मैं राज्य में नहीं हूं और पेपर्स मिलने के बाद उनके वकील से परामर्श करना होगा.’
यह पत्र रमेश जारकीहोली, मुनिरत्न, आर शंकर, बीसी पाटिल, शिवराम हेब्बार, महेश ईरगौडा कुमथल्ली, एमटीबी नागराजू, प्रतापगौड़ा पाटिल, एसटी सोमशेखर, कांग्रेस के बीए बसवराज और नारायण गौड़ा, के गोपालैया, जेडीएस के एच विश्वनाथ ने लिखा है.