नईदिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार की शाम मध्यप्रदेश के इंदौर में थे. लोकसभा चुनावों में भाजपा ने भले ही इंदौर से लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन का टिकट काट दिया हो, लेकिन मंच से मोदी ने महाजन की जीभर के तारीफ की. ताई कहकर 12 बार पुकारा. मोदी ने इंदौर को ताई के शहर के रूप में निरुपित किया. लेकिन उन्हीं ताई को लेकर मोदी भरी सभा में एक बार फिर गलत फैक्ट बोल गए. बता दें कि सुमित्रा महाजन इंदौर से आठ बार की सांसद रही हैं और नौंवी बार उनका टिकट काटकर पार्टी ने उम्मीदवार नहीं बनाया है.
लेकिन मोदी ने जब भाषण में ताई का नाम लिया तो उन्हें नौ बार की सांसद बता दिया. मोदी ने सभा में कहा कि ‘इंदौर से मेरा विशेष स्नेह इसलिए भी रहा है क्योंकि यह सुमित्रा ताई का शहर है. नौ बार इस शहर की जनता ने उन्हें देश की सेवा करने के लिए संसद में भेजा. स्पीकर के तौर पर उन्होंने जो कुशलता से और संयम से जो काम किया उससे ताई के लोगों के मन में एक अमिठ छाप छोड़ी है. मैं भले ही पीएम हूं, लेकिन हमारी ताई मुझे डांट सकती है. इस बार ताई पूरे मध्यप्रदेश के चुनाव को लड़ा रही हैं.’
फैक्ट में हुई इस गलती में सभी भाजपा नेताओं के साथ इंदौर के स्थानीय लोगों ने भी ध्यान खींच लिया है.भाषण के दौरान पीएम ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर और सरकार के खजाने में एक लाख करोड़ की बचत के दावे भी किए. अब आलोचक और विपक्षी दल मोदी के भाषण में गिनाए इन आंकड़ों की तफतीश में जुट गए है.
भाजपा को जानने वाले इंदौर संसदीय क्षेत्र में चल रही संगठन की राजनीति को समझ नहीं पा रहे हैं. पीएम मोदी की सभा के दौरान महाजन की पीएम ने जमकर तारीफ की. उन्हीं का टिकट काटने का आरोप मोदी और अमित शाह पर लगा है.
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जिस सभा में मोदी तारीफ कर रहे थे. उसी मंच पर पहले मध्यप्रदेश और इंदौर भाजपा ने वर्तमान सांसद सुमित्रा महाजन और भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय तक की तस्वीर नहीं लगाई थी. सभा शुरू होने से ठीक पहले महाजन के गुस्से को भांपकर तुरंत अलग से बैक ड्राप पर ताई की तस्वीर चिपकाई गई.
सभी में मोदी की बार-बार तारीफ से महाजन मुस्कारने लगी थीं. लेकिन फिर उनकी मुस्कुराहट को छिनने को एक और काम भी हुआ. इंदौर भाजपा में वरिष्ठ नेता गिने जाने वाले सत्यनारायण सत्तन सबसे देर से सभा में पहुंचे. वे पीएम भाषण के बीच में न केवल मंच पर पहुंचे. बल्कि स्थानीय पार्टी नेताओं ने इसी बीच मंच पर उनके लिए कुर्सी लगाकर बैठने की व्यवस्था भी कर दी. महाजन के चाहने वालों को सत्यनारायण सत्तन को ताई के बराबर और मोदी के साथ मंच पर कुर्सी की पेशकश करना भी नागवार गुजरा है.
इसके पीछे की कहानी यह है कि इंदौर में निर्विवाद नेता माने जाने वाली सुमित्रा ताई का एक साल पहले ही सत्तन ने खुला विरोध किया था. प्रत्यक्ष राजनीति से दूर हो चुके सत्तन ने सार्वजनिक घोषणा तक कर दी थी कि अगर महाजन को टिकट दिया गया तो मैं भी चुनाव लड़ूंगा. ताई के मनाने की कोशिश के बाद भी सत्तन टस से मस नहीं हुए.
ताई का टिकट भी कटा और सत्तन ने खुशी भी जताई . ऐसे में एक ओर मंच से ताई की तारीफ और दूसरी ओर उनके सबसे बड़े विरोधी को कुर्सी देना और बैक ड्राप के पहले ताई की तस्वीर को गायब कर देना अब इन सबसे मायने निकालने के लिए भाजपा के तमाम गुट माथापच्ची में जुट गए हैं.
पीएम को इसलिए याद आई ताई
इंदौंर में करीब 3 लाख से ज्यादा मराठी वोटर माने जाते हैं. इन्हीं के सहारे अरसे तक लोकसभा सीट पर सुमित्रा महाजन और भाजपा की बादशाहत बरकरार रही. इन चुनावों में भाजपा के उम्मीदवार शंकर लालवानी का बीते करीब 10 वर्षों से जमीनी राजनीति से कोई वास्ता नहीं हैं. इंदौर में न तो समर्थकों की बड़ी टीम है न ही जनाधार है. फिर भी उन्हें टिकट दे दिया गया. कमजोर उम्मीदवार होने के चलते ही मोदी को सभा करने इंदौर आना पड़ा हालांकि पूरी सभा के दौरान उम्मीदवार लालवानी का नाम तक नहीं लिया. इसकी बजाए बार- बार सुमित्रा महाजन की तारीफ करते हैं. इसके पीछे वजह यहीं मानी जा रही है कि ताई का परंपरागत मराठी वोट बैंक जो उनके टिकट कटने से नाराज हैं. फिर से भाजपा और उम्मीदवार को मोदी और ताई के नाम पर वोट दें दे.
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पीएम ने खाया ताई के घर का खाना
सभा के बाद पीएम मोदी मंच से उतरे वैसे ही उन्होंने कहा कि ताई बहुत भूख लग रही है. आप घर से भोजन लाई हो तो गाड़ी में ही खा लूंगा. इसके बाद ताई ने कहा सुरक्षा की दृष्टि को देखते हुए वह नहीं लाई हैं और तत्काल फोन बेटे को घर से खाना लेकर एयरपोर्ट पहुंचने के लिए कहा.
लगातार आठ बार से इंदौर से सांसद है सुमित्रा महाजन
इंदौर संसदीय क्षेत्र से लगातार आठ बार से सांसद चुनी गईं सुमित्रा महाजन को इंदौरवासी स्नेह से ‘ताई’ यानि बड़ी बहन बुलाते हैं. मामूली से कार्यकर्ता के रूप में शुरुआत करने वाली ताई काफी संघर्ष के बाद लोकसभा अध्यक्ष तक पहुंचीं. मीरा कुमार के बाद महाजन लोकसभा अध्यक्ष बनने वाली दूसरी महिला हैं. महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के चिपलुन में 12 अप्रैल 1943 में जन्मी महाजन ने 1982 में इंदौर नगर निगम के पार्षद के तौर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की. इसके बाद वे 1984—85 तक शहर की उप महापौर भी रहीं.
1989 में ताई पहली बार इंदौर से चुनावी मैदान में उतरीं. उनका सामना कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रकाशचंद्र सेठी से था. उस दौरान ताई ने सेठी से कहा था कि वह अब इंदौर की बहू के रूप में चुनावी लड़ रही हैं. बहू होने के नाते उन्हें इंदौर की चाबी सौंप दी जाए. इस चुनाव में ताई ने अच्छे अंतराल से जीत हासिल की. इसके बाद अपने राजनीतिक जीवन में उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
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पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान वे राज्यमंत्री भी रहीं. मानव संसाधन, संचार—प्रौद्योगिकी व पेट्रोलियम—प्राकृतिक गैस जैसे महत्वपूर्ण विभागों का जिम्मा संभाला. भाजपा में ताई हमेशा अपनी साफ छवि, ईमानदारी और सरलता के अलावा शहर से शानदार रिकार्ड से जीत हासिल करने के लिए मानी जाती हैं. उन्होंने सक्रिय सांसद के रूप में शहर से जुड़े मुद्दों को संसद में दमदारी से उठाया. महाजन ने 16वीं लोकसभा चुनाव में इंदौर से 4.67 लाख मतों के अंतर से जीत दर्ज करके लगातार आठवीं बार जीत कर संसद पहुंची थी.
कई बार तथ्य गलत बता चुके हैं पीएम मोदी
ऐसा पहली बार नहीं है कि पीएम मोदी जनसभा में अपने भाषण में गलत आंकड़ा बोला हो. इसके पहले भी कई बार वे गलत आंकड़ें और तथ्य को लेकर विवादों में रहे हैं.
अमरीका दौरे के दौरन पीएम मोदी ने कोणार्क के सूर्य मंदिर के बारे में यह कह दिया कि ये दो हजार साल पुराना है,जबकि मंदिर 7 सौ साल पुराना है.
2014 में फरवरी में मोदी ने मेरठ मे कहा था कि कांग्रेस ने आजादी की पहली लड़ाई को कम कर आंका था. जबकि तथ्य यह है कि मेरठ में 1857 में क्रांति शुरु हुई थी. वहीं क्रांग्रेस की स्थापना 1855 में हुई थी.
इसके अलावा भी पीएम मोदी अपने भाषणों में गलत तथ्य के कारण कई बार विपक्ष के निशाने पर रहे हैं.