लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व राम मंदिर आंदोलन का अहम हिस्सा रहे कल्याण सिंह का कहना है कि बाबरी विध्वंस के दौरान जो कुछ हुआ उसकी कीमत उन्होंने उसी दिन सीएम पद से इस्तीफा देकर अदा कर दी थी. दरअसल छह दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा ढहाए जाने के वक्त कल्याण यूपी के सीएम थे और इस केस में आरोपित भी हैं.
अभी भी चल रहा है केस
अयोध्या विवाद पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने छह दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा ढहाए जाने को कानून का उल्लंघन करार दिया था, यह मामला आज भी लखनऊ की विशेष अदालत में चल रहा है. सूत्रों की मानें तो अप्रैल 2020 तक इस मामले में फैसला आ सकता है.
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दिसंबर के अंत तक इस केस में परीक्षण की कार्रवाई भी पूरी हो सकती है. इस मामले में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार सहित तमाम लोगों के खिलाफ सीबीआई ने अपने अभियोजन के गवाह पेश कर रही है.
‘मंदिर बनाने का सपना पूरा हुआ’
कल्याण सिंह ने सोमवार को दिप्रिंट से अयोध्या राम मंदिर पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा, ‘राम मंदिर आंदोलन के पहले दिन हमने जो सपना देखा था, वो अब पूरा हुआ है.’
‘देश के लिए नौ नवंबर 2019 एक ऐतिहासिक दिन था. इस दिन 500 वर्ष पुराने विवाद का खात्मा हुआ.’
उन्होंने ये भी कहा, ‘राम जन्मभूमि का मामला राजनीतिक नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक मुद्दा था. सुप्रीम कोर्ट का इसको लेकर फैसला पूरी तरह से न्यायसंगत व सर्वसमावेशी है. इसी कारण किसी ने भी इसके विरोध में आवाज नहीं उठाई है.’
जल्द जाऊंगा अयोध्या
कल्याण सिंह ने कहा कि अयोध्या में ‘भव्य राम मंदिर बनना’ चाहिए. वहां पर राम के साथ अयोध्या का विकास होना चाहिए.
‘मैं अयोध्या जरूर जाऊंगा. मैं पहले दिन से ही राम भक्त हूं.’
मस्जिद को लेकर पांच एकड़ जमीन देने पर कल्याण सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने न्याय और कानून का पालन किया है, सुप्रीम कोर्ट ने समाज की एकता व अखंडता का भी ध्यान रखा है. उन्होंने आगे कहा, ‘हम राम मंदिर पर राजनीति नहीं करते हैं. सभी को फैसले का सम्मान करना चाहिए.’
योगी की करी तारीफ
कल्याण सिंह ने सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए कहा कि वह ‘सर्वांगीण विकास के लिए संकल्पित’ हैं. मैं खुद एक राम भक्त हूं. मैं तो पहले दिन से अयोध्या के विकास व राम मंदिर निर्माण का सपना देखता रहा हूं. इस मंदिर के शिलान्यास में मैं जाऊं या योगी आदित्यनाथ जाएं, अब यह कोई मसला नहीं है.मैं तो अब जल्द अयोध्या जाऊंगा पर अभी तारीख तय नहीं है.
कल्याण सिंह ने कहा कि अब तो अयोध्या फैसले को जीत और हार के रुप में नहीं देखना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने ट्रस्ट बनाने का निर्देश दिया है. इस ट्रस्ट को बनाना सरकार का काम है, कौन इसमें रहेगा कौन नहीं, यह सरकार तय करेगी.
जब उनसे पूछा गया कि सीएम रहने के दौरान क्या कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति के चलते बाबरी मस्जिद का ढांचा गिरा. इस सवाल पर कल्याण सिंह ने कहा कि मामले की जांच सीबीआई ने की है. अभी मामला कोर्ट में है जिसमें लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती, विनय कटियार आदि बड़े नेता आरोपी हैं. मेरे खिलाफ 39 गवाहों की सूची सीबीआई ने पेश की है जिनमें अभी सात की सुनवाई हुई है.इससे ज्यादा अभी मैं कुछ नही कहूंगा.जो कहना होगा कोर्ट में कहूंगा.
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बता दें कि 1992 में घटी घटना के बाद थाना रामजन्म भूमि पर मुकदमें दर्ज हुए थे, जिनकी विवेचना बाद में सीबीआई ने की.आरोपत्र आने के बाद कुल 48 लोगों पर आरोप तय हुए. इनमें से अब केवल 32 लोग जीवित बचे हैं. इस केस में आरोपित रहे शिव सेना प्रमुख बाबा साहेब ठाकरे, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के गुरू महंत अवैद्यनाथ, विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व अध्यक्ष विष्णु हरि डालमिया एवं रामजन्म भूमि न्यास के महंत श्रीरामचंद्र दास परमहंस सहित कुल 16 लोगों की मृत्यु हो चुकी है.