नई दिल्ली: बिहार के हाजीपुर से लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) से लोकसभा सांसद पशुपति कुमार पारस ने सोमवार को कहा कि वो पार्टी को तोड़ नहीं रहे बल्कि बचा रहे हैं. लोजपा के छह सांसदों में से पांच सांसदों ने पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
इस बीच चिराग पासवान अपने चाचा और सांसद पशुपति कुमार पारस के दिल्ली स्थित आवास पर उनसे मिलने पहुंचे हैं.
पारस ने सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सराहना करते हुए उन्हें एक अच्छा नेता तथा ‘विकास पुरुष’ बताया और इसके साथ ही पार्टी में एक बड़ी दरार उजागर हो गई क्योंकि पारस के भतीजे चिराग पासवान जद (यू) अध्यक्ष के धुर आलोचक रहे हैं.
लोजपा के पांच सांसदों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को लिखे पत्र में मांग की कि पशुपति कुमार पारस को संसदीय दल का नेता माना जाए. वर्तमान में चिराग पासवान संसदीय दल के नेता हैं.
पारस ने सोमवार को कहा, ‘लोक जनशक्ति पार्टी बिखर रही थी, कुछ असामाजिक तत्वों ने हमारी पार्टी में सेंध डाला और 99% कार्यकर्ताओं के भावना की अनदेखी करके गठबंधन को तोड़ दिया.’
हमारी पार्टी में 6 सांसद हैं। 5 सांसदों की इच्छा थी की पार्टी का अस्तित्व खत्म हो रहा है इसलिए पार्टी को बचाया जाए। मैं पार्टी तोड़ा नहीं हूं पार्टी को बचाया हूं। चिराग पासवान से कोई शिकायत नहीं है। कोई आपत्ति नहीं है वे पार्टी में रहें: लोक जनशक्ति पार्टी नेता पशुपति कुमार पारस
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 14, 2021
पिछले साल हुए बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा ने अपने सहयोगी भाजपा से गठबंधन तोड़ लिया था और अलग से चुनाव लड़ा था. चुनाव के दौरान चिराग पासवान लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला कर रहे थे जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की वो तारीफ कर रहे थे.
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‘मैं पार्टी को बचाया हूं’
एनडीए से गठबंधन पर पारस ने कहा, ‘मैं अकेला महसूस कर रहा हूं. पार्टी की बागडोर जिनके हांथ में गई, पार्टी के 99% कार्यकर्ता, सांसद, विधायक और समर्थक सभी की इच्छा थी कि हम 2014 में एनडीए गठबंधन का हिस्सा बनें और इस बार के विधानसभा चुनाव में भी हिस्सा बने रहें.’
उन्होंने कहा, ‘हमारी पार्टी में 6 सांसद हैं. 5 सांसदों की इच्छा थी की पार्टी का अस्तित्व खत्म हो रहा है इसलिए पार्टी को बचाया जाए.’
‘मैं पार्टी तोड़ा नहीं हूं, पार्टी को बचाया हूं. चिराग पासवान से कोई शिकायत नहीं है. कोई आपत्ति नहीं है वे पार्टी में रहें.’
असंतुष्ट सांसदों में प्रिंस राज, चंदन सिंह, वीना देवी और महबूब अली कैसर शामिल हैं, जो चिराग के काम करने के तरीके से नाखुश हैं. 2020 में पिता रामविलास पासवान के निधन के बाद कार्यभार संभालने वाले चिराग अब पार्टी में अकेले पड़ते नज़र आ रहे हैं.
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