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Tuesday, 7 May, 2024
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कैसे BJP, VHP और RSS अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए देशभर से लोगों को जुटा रहे

इसमें जनवरी में राम मंदिर उद्घाटन के लिए अयोध्या जाने वाले भक्तों के लिए ट्रेनों, बसों की व्यवस्था करना, एक टेंट सिटी का निर्माण करना और देशभर में हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन करना शामिल है.

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नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) – अपने वैचारिक स्रोत, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और दक्षिणपंथी सहयोगी विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के साथ- 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन की तैयारी कर रही है.

मंदिर, रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा या अभिषेक के साथ खुलेगा, जिसके बाद कई औपचारिक कार्यक्रम होंगे, जिसके बारे में भाजपा नेताओं का मानना है कि इससे भारत की बहुसंख्यक हिंदू आबादी का मोदी सरकार में एक प्रकार का सांस्कृतिक पुनर्जागरण होगा, और 2024 का आम चुनाव जीतने के लिए जरूरी सेंटीमेंट तैयार होगा.

1980 के दशक में संघ परिवार द्वारा राम मंदिर आंदोलन शुरू करने के बाद से अयोध्या हिंदुत्व की राजनीति का केंद्र रहा है.

भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की पहल के मद्देनजर उद्घाटन समारोह के बाद राज्य इकाइयों को राम मंदिर के लिए भक्तों को फ्री यात्रा के लिए तैयार करने के लिए कहना (भाजपा द्वारा कई राज्यों के घोषणापत्रों में किया गया वादा), दर्शन के लिए भक्तों का पंजीकरण करने के लिए एक टोल फ्री नंबर, 10 करोड़ से अधिक लोगों को जुटाना, रामलला के दर्शन के लिए चार्टर्ड ट्रेनें, ‘अयोध्या चलो अभियान’ के हिस्से के तौर पर एक विशाल टेंट सिटी की योजना और कार्यक्रमों का सोशल मीडिया आउटरीच के तहत सीधा प्रसारण शामिल है.

दिप्रिंट से बात करते हुए, एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा: “हर राज्य से हिंदुओं की गुलामी के अंत के प्रतीक के तौर पर राम मंदिर के उद्घाटन का जश्न मनाने के लिए कार्यकर्ताओं को जुटाने के लिए कहा गया है. यह (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी के नेतृत्व में सांस्कृतिक पुनर्जागरण का भी प्रतीक होगा.”

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“आरएसएस और वीएचपी ने मंदिर आंदोलन शुरू किया था और मोदी सरकार में मंदिर के निर्माण के लिए जमीन मिली थी. लोगों को इस तरह के महत्वपूर्ण काम और वर्षों के संघर्ष के महत्व को जानना चाहिए,” उन्होंने जोर देकर कहा, “भक्तों के निजी यात्रा के लिए, सोशल मीडिया संचार और लोगों को जुटाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं.”

विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, ”22 जनवरी के बाद एक से अधिक कारसेवकों के परिवार और मंदिर संघर्ष से जुड़े लोग अयोध्या आएंगे. इस प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव 5 लाख मंदिरों में मनाया जाएगा और सीधा प्रसारण किया जाएगा. श्रद्धालुओं की यात्रा की व्यवस्था के लिए राज्यों को तारीखें भी दी जाएंगी.”

इस तड़क-भड़क से भाजपा को कई राज्यों में पैदा हुए जातीय संघर्ष को पाटने में मदद मिलने की उम्मीद है, जो उसके लिए हिंदुत्व वोट को मजबूत करने की उसकी अच्छी तरह से बनाई गई योजनाओं में बाधा पहुंचने का खतरा पैदा कर है.

बिहार ने पिछले महीने अपना जाति सर्वेक्षण जारी करते हुए राष्ट्रीय जाति जनगणना की मांग को बढ़ा दिया है, जिसे कि भाजपा ने रोक रखा है. आरक्षण को लेकर उसे महाराष्ट्र में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और मराठा समुदाय से भी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.

गुजरात बीजेपी सचिव झवेरीभाई ठकरार ने दिप्रिंट को बताया कि हर गांव और वार्ड में उत्सव मनाया जाएगा और अभिषेक समारोह का सीधा प्रसारण किया जाएगा.

उन्होंने कहा, “हनुमान चालीसा का पाठ हर नुक्कड़ और कोने में होगा और संतों के प्रवचन (भाषण) हर गांव में आयोजित किए जाएंगे क्योंकि भारत, राम के जन्मस्थान को फिर से हासिल करने के लिए किए गए संघर्ष के 500 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है.”


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विहिप-आरएसएस के प्रयास, सोशल मीडिया की योजनाएं

भव्य प्रदर्शन और आम लोगों के बीच इसके जश्न के लिए वीएचपी और आरएसएस के कार्यकर्ता एकजुट होकर काम कर रहे हैं. वीएचपी सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए कई टीमें बनाई गई हैं और उन्हें अयोध्या और राम के इर्द-गिर्द नैरेटिव फैलाने के लिए राज्यों में तैनात किया गया है.

विहिप के कुमार ने बताया कि “1 से 15 जनवरी के बीच ‘अक्षत’ निमंत्रण के जरिए 10 करोड़ लोगों को जुटाया जाएगा.”

उन्होंने कहा, इसके तहत राम की तस्वीर की अक्षत (चावल) से पूजा की जाएगी और लोगों में एक सूचनात्मक पत्रक वितरित किया जाएगा, उनसे 22 जनवरी को दीये जलाने और मंदिर के उद्घाटन का जश्न मनाने का भी अनुरोध किया जाएगा.

अक्टूबर में नागपुर में आयोजित दशहरा सार्वजनिक रैली में, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने पूरे भारत में पड़ोस के मंदिरों में सामुदायिक उत्सव मनाने के लिए भी कहा है.

30 अक्टूबर को, पीएम मोदी ने गुजरात के गांधीनगर से ‘राम नाम मंत्र लेखन यज्ञ’ की शुरुआत की है, एक अभियान जिसके तहत लोग सोमनाथ मंदिर में पोथियों (नोटबुक) पर राम का नाम लिखेंगे. इसके बाद इन नोटबुक्स को अयोध्या के मंदिर में भेजा जाएगा. बताया जाता है कि 7 लाख लोग पहले ही पोथियों में राम का नाम अंकित कर चुके हैं.

सोशल मीडिया योजनाओं के हिस्से के तौर पर, मंदिर के निर्माण और प्रबंधन की देखभाल करने वाले ट्रस्ट, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने अयोध्या में आउटरीच के लिए 400 स्वयंसेवकों को कथित तौर पर शॉर्टलिस्ट किया है.

स्वयंसेवकों को मंदिर निर्माण के लिए “संघर्ष” करने वाले अनुभवी भाजपा नेता एल.के. आडवाणी के नेतृत्व में राम जन्मभूमि आंदोलन और राम के बारे में पौराणिक कहानियों को, विभिन्न संगठनों द्वारा तैयार किए गए वीडियो रीलों को सोशल मीडिया पर चलाने के लिए प्रशिक्षित किया गया है.

लगभग 5,000 लोग जो कि सोशल मीडिया पर प्रभाव रखते हैं, उन्हें पूरे देश और यहां तक कि विदेशों में भी अभिषेक समारोह के बारे में प्रचार करने का काम सौंपा गया है.

इस महीने की शुरुआत में, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने अयोध्या का दौरा किया था और तीर्थयात्रियों के लिए शहर में एक ‘यात्री भवन’ बनाने की घोषणा की थी.

दर्शन योजनाएं और विशेष रेलगाड़ियां

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में, जहां विधानसभा चुनाव परिणाम आने वाले हैं, वहां भाजपा ने लोगों से अयोध्या की यात्रा कराने वादा किया है.

छत्तीसगढ़ में पार्टी इकाई, जहां माना जाता है कि राम ने अपने वनवास के कई वर्ष बिताए थे, “रामलला दर्शन योजना” के तहत यात्रा की सुविधा दे रही है, जबकि भाजपा के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश सरकार के पास पहले से ही मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना है.

राज्य के एक वरिष्ठ नेता ने दिप्रिंट को बताया, ‘मध्य प्रदेश में, बीजेपी के पास पहले से ही तीर्थ दर्शन योजना है, लेकिन मंदिर का उद्घाटन लोगों को एकजुट करने में पार्टी के लिए एक बड़ा बूस्टर हो सकता है.’

इस नेता ने कहा, “चाहे पार्टी राज्य चुनाव हार जाए या जीत जाए, वह लोगों को अयोध्या की यात्रा कराएगी क्योंकि इसका दूरगामी प्रभाव होगा. इसलिए वीएचपी और आरएसएस की दी गई योजना के अनुसार चार्टर्ड ट्रेनें बुक की जाएंगी.”

इस महीने की शुरुआत में राज्य में एक रैली को संबोधित करते हुए, गृहमंत्री अमित शाह ने भी वादा किया था कि “सत्ता में आने पर पार्टी लोगों के लिए राम लला के दर्शन की फ्री व्यवस्था करेगी.” उन्होंने यह भी बताया था कि “मंदिर का उद्घाटन पीएम मोदी के शासन के दौरान हो रहा है.”

गुजरात के लिए भी पार्टी की यही योजना है.

राज्य भाजपा के एक पदाधिकारी ने कहा: “संगठनात्मक गतिविधियों के जरिए लोगों की अंतरात्मा को जगाना हमारा निरंतर प्रयास रहा है. लोकसभा चुनाव से पहले, राम मंदिर का उद्घाटन राज्य में लोगों तक पहुंचने के लिए प्रमुख जुटान कार्यक्रमों में से एक होगा.”

पदाधिकारी ने कहा कि प्रतिष्ठा समारोह से पहले, अयोध्या में नौ दिवसीय हनुमान पूजा की योजना बनाई गई है, जिसमें राज्य के आदिवासियों को भाग लेने के लिए लाया जाएगा.

राज्य के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने कहा कि “आदिवासियों का भगवान राम से विशेष संबंध है और हम जनवरी में उनकी यात्रा के लिए सुविधा प्रदान करेंगे.”

राम मंदिर अभियान को, विपक्ष के ‘जितनी आबादी, उतना हक‘ (जनसंख्या के अनुपात में अधिकार) अभियान के सुविचारित जवाबी हमले के रूप में भी देखा जा रहा है.

बिहार में भाजपा उपाध्यक्ष सुरेश रूंगटा ने कहा, सारे गांवों में जश्न मनाया जाएगा.

“बिहार का राम से विशेष संबंध है क्योंकि जानकी का जन्मस्थान मोतिहारी था. इसलिए, न केवल कारसेवक और उनके परिवार अयोध्या जाएंगे, बल्कि पार्टी पूरे राज्य में जश्न मनाएगी. चूंकि बिहार में तुष्टीकरण की राजनीति ने जोर पकड़ लिया है, इसलिए भक्त इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के जरिए हिंदू जन जागरण का जश्न मनाएंगे.”

उन्होंने कहा, “यह मोदी सरकार की इच्छाशक्ति और हिंदुत्व में विश्वास के कारण हुआ है.”

पंजाब में भी सहयोगी अकाली दल से अलग होने के 3 साल बाद बीजेपी राम मंदिर के जरिए हिंदू समुदाय तक पहुंचने की तैयारी में है. पार्टी ने अयोध्या तीर्थयात्रा के लिए राज्य में पंजीकरण पहले ही शुरू कर दिया है, जिसका पहला चरण लुधियाना से शुरू हो रहा है.

महाराष्ट्र में, भाजपा ने 22 जनवरी के बाद क्रमबद्ध तरीके से 15 लाख लोगों की अयोध्या यात्रा की सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई है.

राज्य इकाई के प्रमुख चन्द्रशेखर बावनकुले ने दिप्रिंट को बताया कि “कुछ महीनों में 15 लाख से अधिक लोग अयोध्या जाएंगे और उनकी यात्रा के लिए ट्रेनों की व्यवस्था की जाएगी.”

बीजेपी के एक दूसरे पदाधिकारी ने कहा, “राम मंदिर के उद्घाटन के बाद लोगों को अयोध्या पहुंचाने के लिए रेल मंत्रालय के सामने सैकड़ों ट्रेनों की मांग रखी गई है, जबकि छोटी दूरी के लिए बसें बुक की जाएंगी.”

पार्टी सूत्रों ने बताया कि मुंबई से अयोध्या तक 36 ट्रेनों की योजना बनाई गई है.

(अनुवाद और संपादन : इन्द्रजीत)

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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