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Friday, 22 November, 2024
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कोरोनावायरस के कारण बिना भीड़भाड़ के रामलला को अस्थायी मंदिर में शिफ्ट किया जायेगा

नवरात्र के पहले दिन 25 मार्च को रामलला नए मंदिर में शिफ्ट होंगे. इस विशेष अनुष्ठान के लिए दिल्ली,काशी,मथुरा व अयोध्या के विद्वान पंडित आए है.

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नई दिल्ली: राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है. इसमें श्रीराम जन्मभूमि परिसर में रामलला को फाइबर के नए मंदिर में विराजमान किया जा रहा है. भगवान राम को अस्थायी मंदिर में शिफ्ट करने का अनुष्ठान सोमवार से शुरु हो गया है.

नाम न छापने की शर्त पर ट्रस्ट के एक सदस्य ने दिप्रिंट से कहा, ‘नवरात्र के पहले दिन 25 मार्च को रामलला नए मंदिर में शिफ्ट होंगे. इस विशेष अनुष्ठान के लिए दिल्ली, काशी, मथुरा व अयोध्या के विद्वान पंडित आए है.अनुष्ठान में कई तरह की पूजा पद्धति अपनाई जा रही है. इसमें नए स्थल को जागृत किया जा रहा है. वहीं भगवान राम से प्रार्थना की जा रही है कि जब तक स्थाई मंदिर न बन जाए तब तक इस स्थल पर आसन ग्रहण करें.’

दो दिन चलते वाले इस विशेष अनुष्ठान के बाद रामलला की शिफ्टिंग नए अस्थाई मंदिर में 25 मार्च को सुबह 4 बजे कर दी जाएगी. कोरोनावायरस के चलते अनुष्ठान में भीड़ का जमावड़ा नहीं हो इसलिए किसी को आमंत्रित नहीं किया गया है.अस्थाई मंदिर में विराजित होने के बाद भगवान राम को नवरात्र के होने के चलते पहले दिन सिंघाड़े, कुट्टू के आटे की पूड़ी, सब्जी, खीर, हलवा व पंचमेवा का भोग लगेगा. वहीं रामलला को मखमली भगवा वस्त्र पहनाएं जाएंगे.

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के उपाध्यक्ष चंपत राय के अनुसार, ‘श्रीराम जन्मभूमि निर्माण के पहले चरण का काम प्रारंभ हो गया है. इसमें भगवान राम जहां विराजमान है उन्हें वहां से एक नए आसान पर विराजित करना है. तभी जन्मभूमि पर मंदिर के निर्माण कार्य होना संभव है. नए आसन बनकर तैयार है. इसे पूरी विधि विधान के साथ पूजा पाठ शुरु हो चुकी है. ये पूजा-पाठ सोमवार और मंगलवार तक चलेगी. 25 मार्च को ब्रह्म मुहूर्त में भगवान राम नए आसन पर पधारेंगे.’

राय के अनुसार,’ वर्तमान महामारी के चलते अयोध्या के संत महापुरुषों और जनता को निमंत्रण नहीं दिया गया है. संकट हो सकता था इसलिए किसी को नहीं बुलाया है.’

अभी तय नहीं है भूमिपूजन की तारीख

मंदिर में सुरक्षा को लेकर विशेष सुरक्षा के इंतजाम किए गए है. इसमें पक्षी और बंदर तक नहीं घुस सकेंगे. मंदिर के परिक्रमा मार्ग पर प्रवेश मेटल डिटेक्टर गेट से होकर ही होगा. जिस पर श्रद्धालु तीन तरफ से 48 मीटर चलने के बाद बाहर हो जाएंगे. इसके अलावा मंदिर पहुंचने के पूरे रास्ते में फाइबर की छत लगाई गई है. वहीं वॉच टावर भी लगाया गया है.

मंदिर के भूमि पूजन की तारीख अभी तय नहीं हुई है. इसके बाद ही पीएम व अन्य प्रमुख संतों को निमंत्रण दिया जाएगा. लेकिन कोरोनावायरस के चलते अभी भूमि पूजन की तारीख का आगे बढ़ाया जा सकता है. ट्रस्ट की बैठक 4 अप्रैल को अयोध्या में होगी.

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