नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के किसी भी बड़े दल के साथ गठबंधन करने से इनकार के बाद कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने रविवार को भरोसा जताया कि उनकी पार्टी में इनमें से किसी से भी गठबंधन किए बिना चुनाव लड़ने की और अपने दम पर अगली सरकार बनाने की क्षमता है.
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस अगले साल के उत्तर प्रदेश विधानससभा चुनाव प्रियंका गांधी वाद्रा की ‘देख-रेख’ में लड़ेगी और कहा कि उनके नेतृत्व में पार्टी करीब तीन दशक बाद राज्य की सत्ता में वापसी करेगी.
एक साक्षात्कार में, लल्लू ने कहा कि कांग्रेस ‘दमनकारी’ उत्तर प्रदेश सरकार को मुख्य चुनौती देने वाली पार्टी के तौर पर उभरी है और दावा किया कि 403 सदस्यीय विधानसभा में महज पांच विधायकों के साथ उनकी पार्टी 49 विधायकों वाली सपा से ज्यादा प्रभावी विपक्ष के रूप में साबित हुई है.
उन्होंने राज्य में ‘बदलाव की हवा’ चलने का जिक्र करते हुए कहा, ‘बदलाव की आंधी है, जिसका नाम प्रियंका गांधी है.’
प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि प्रियंका गांधी के नेतृत्व में राज्य में विभिन्न स्तरों पर कांग्रेस संगठन मजबूत हुआ है. उत्तर प्रदेश चुनावों के लिए क्या पार्टी को प्रियंका गांधी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं बनाना चाहिए, यह पूछने पर लल्लू ने कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए किसे चेहरा बनाया जाएगा, इसका फैसला पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व करेगा.
चुनावी जंग में प्रियंका गांधी को चेहरा बनाए जाने के सवाल पर लल्लू ने कहा कि वह राज्य की प्रभारी हैं और चुनाव उनकी देखरेख में लड़ा जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘उत्तर प्रदेश के लोग बहुत उम्मीद से कांग्रेस की तरफ देख रहे हैं. उनके (प्रियंका गांधी के) नेतृत्व में कार्यकर्ताओं के बीच बहुत उत्साह है, उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी.’
उनकी टिप्पणी ऐसे वक्त में आई है, जब पार्टी विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी में जुट गई है और प्रदेश इकाई ने प्रखंड अध्यक्षों, जिला अध्यक्षों और अन्य पदाधिकारियों के लिए क्षेत्रवार प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन शुरू कर दिया है.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी इस महीने कई जिलों का दौरा कर सकती हैं, जहां उनका लक्ष्य कैडर को उत्साहित करना और पार्टी को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ चुनावी जंग के लिए तैयार करना है.
पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़ेगी या सपा या बसपा के साथ गठबंधन करेगी, इसपर लल्लू ने कहा कि कांग्रेस लोगों, किसानों, गरीबों, महिलाओं एवं दलितों के मुद्दों के साथ गठबंधन करेगी.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस गठबंधन के साथ लोगों के पास जाएगी और उसे भरोसा है कि वे इसका साथ देंगे.
यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस के पास अपने बूते चुनाव लड़ने की क्षमता है, लल्लू ने कहा, ‘हां, बिलकुल इसके पास लड़ने की क्षमता है.’
लल्लू की ये टिप्पणियां काफी अहम हैं क्योंकि ये ऐसे वक्त में की गई हैं जब कुछ दिनों पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि उनकी पार्टी बड़ी पार्टियों के साथ गठबंधन नहीं करेगी, जबकि बसपा सुप्रीमो मायावती ने बाद में कहा था कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश चुनावों के लिए किसी गठबंधन में शामिल नहीं होगी.
सपा, बसपा और कांग्रेस के अलग-अलग लड़ने से वोट बंटने के संबंध में पूछे जाने पर लल्लू ने कहा कि लोगों ने राज्य में सभी अन्य राजनीतिक दलों को मौका दिया है, लेकिन वे लोगों के भरोसे पर खरे नहीं उतर पाए इसलिए अब कांग्रेस की बारी है.
चुनाव पर सपा और बसपा नेताओं के बयान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह उनकी निराशा एवं हताशा को दिखाता है क्योंकि लोगों ने उन्हें खारिज कर दिया और अब वे कांग्रेस के साथ खड़े हैं.
कई राजनीतिक विशेषज्ञ कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में भाजपा का मुख्य प्रतिद्ंवद्वी नहीं मान रहे और पंचायत चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन पर, उन्होंने आरोप लगाया कि ‘दमनकारी’ भाजपा सरकार सत्ता में है और कहा कि अगर कोई पार्टी सड़कों पर योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ अपनी आवाज उठा रही है, तो वह कांग्रेस है जो ‘मजबूत विपक्ष’ के रूप में उभरी है.
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ‘किसानों के लिये हो या ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं या गरीबों के लिए, कांग्रेस ने बेरोजगारी, कानून-व्यवस्था, कोविड महामारी के दौरान जिंदगियां बचाने, नकली शराब के चलते मौत, जंगल राज और अन्य समस्याओं के खिलाफ आवाज उठाई है.’
उन्होंने कहा, ‘सोनभद्र में जब आदिवासियों की हत्या की गई, हाथरस की बेटी के साथ जब अन्याय किया गया, जब उन्नाव और शाहजहांपुर की बेटियों के साथ अन्याय किया गया, प्रियंका गांधी ने अपनी आवाज उठाई और अन्याय के खिलाफ लड़ीं. कृषि कानूनों के विरोध में जब सड़कों पर उतरना था, तो वह प्रियंका गांधी थी जिन्होंने ऐसा किया.’
उन्होंने दावा कि राज्य सरकार के खिलाफ जब-जब कांग्रेस के कार्यकर्ता सड़क पर उतरे, तब अलग-अलग वक्त में एक लाख से अधिक कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया और हजारों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए.
लल्लू ने कहा, ‘मुझे खुद एक साल में 80 बार से ज्यादा हिरासत में लिया गया, 40-50 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए और मैं चार बार जेल गया हूं.’
पंचायत चुनावों में कांग्रेस के प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि पार्टी समर्थित 271 प्रत्याशी निर्वाचित हुए, 571 दूसरे स्थान पर जबकि 711 तीसरे स्थान पर रहे.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में 50 लाख वोट मिले और विधानसभा चुनावों में इसे 51 लाख वोट मले थे लेकिन जिला पंचायत चुनावों में इसे 1,52,00,000 वोट मिले. साथ ही आरोप लगाया कि सपा ने हारने के बावजूद जीते प्रत्याशियों पर अपना नाम डालकर केवल ‘सुर्खियां बटोरी’ हैं.
लल्लू ने चुनावों में टक्कर भाजपा और कांग्रेस के बीच होने का दावा करते हुए कहा, ‘बसपा और सपा में निराशा एवं हताशा है, कांग्रेस दृढ़ता से प्रियंका गांधी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में वापसी करने जा रही है.’
कृषि कानूनों के खिलाफ पार्टी के खड़े रहने का हवाला देते हुए उन्होंने भरोसा जताया है कि किसान उनकी पार्टी के लिए ही वोट करेंगे.