नई दिल्लीः कांग्रेस ने सोमवार को दावा किया कि इजरायली स्पाइवेयर पेगासस का उपयोग करके पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कई अन्य विपक्षी नेताओं, मीडिया समूहों और अलग-अलग क्षेत्रों के प्रमुख लोगों की जासूसी कराई गई.
मुख्य विपक्षी पार्टी ने यह भी कहा कि इस मामले में गृह मंत्री अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए या फिर उन्हें बर्खास्त किया जाए तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका की जांच होनी चाहिए.
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संवादददाताओं से कहा, ‘इस मामले की जांच होने से पहले अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए और मोदी जी की जांच होनी चाहिए.’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस 19 जुलाई से आरंभ हुए संसद के मानसून सत्र में पेगासस के मुद्दे को पुरजोर ढंग से उठाया जाएगा.
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘राहुल गांधी, अपने मंत्रियों को जासूसी की गई है. हमारे सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों की भी जासूसी गई है. पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा, कई मीडिया समूहों की जासूसी कराई गई. क्या किसी सरकार ने इस तरह का कुकृत्य किया होगा?’
उन्होंने दावा किया कि भाजपा अब ‘भारतीय जासूस पार्टी’ बन गई है.
सुरजेवाला ने सवाल किया, ‘मोदी जी, आप राहुल गांधी जी की फोन की जासूसी करवाकर कौन से आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहे थे? आप मीडिया समूहों और चुनाव आयुक्त की जासूसी करवाकर किस आतंकवादी से लड़ रहे थे. अपने खुद के कैबिनेट मंत्रियों की जासूसी करवाकर कौन से आतंकवाद से लड़ रहे थे?’
कांग्रेस नेता ने यह दावा भी किया कि राहुल गांधी के कार्यालय के कई लोगों की भी जासूसी कराई गई.
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को लोकसभा में जो वक्तव्य दिया वो झूठ था.
सुरजेवाला ने कहा, ‘मंत्री जी, आपने राज्यसभा में कांग्रेस के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर शायद पुराने आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद का जवाब पढ़ लेते को इतना झूठ नहीं बोलते. उस वक्त के मंत्री ने कहा था कि नवंबर, 2019 में इजरायली कंपनी एनएसओ को नोटिस दिया गया.’
उन्होंने सवाल किया, ‘क्या भारतीय सुरक्षा एजेंसियां, न्यायपालिका, चुनाव आयुक्त और विपक्ष की जासूसी करना क्या देशद्रोह और राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं हो तो क्या है? क्या लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार जासूसी करवा रहे थे? यह इजरायली स्पाइवेयर पेगासस कब खरीदा गया और इस पर कितना पैसा खर्च हुआ?
सुरजेवाला ने यह भी पूछा, ‘क्या अमित शाह को एक मिनट भी अपने पद पर बने रहने का अधिकार हैं? उन्हें पद से बर्खास्त क्यों नहीं किया जाना चाहिए? प्रधानमंत्री की भूमिका की जांच नहीं होनी चाहिए?’
उधर, सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिये भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों को सोमवार को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि संसद के मॉनसून सत्र से ठीक पहले लगाये गए ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं.
लोकसभा में स्वत: संज्ञान के आधार पर दिये गए अपने बयान में वैष्णव ने कहा कि जब देश में नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है.
यह भी पढ़ेंः व्हाट्सएप जासूसी मामले में रविशंकर प्रसाद बोले- सरकार इस मामले की जांच नहीं कराएगी