नई दिल्ली: कांग्रेस ने मंगलवार को बीजेपी नेता स्मृति ईरानी के अमेरिकी एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) से जुड़े होने का मुद्दा उठाया. यह तब हुआ जब बीजेपी ने इस एजेंसी द्वारा भारत में “मतदाता टर्नआउट” के लिए 21 मिलियन डॉलर आवंटित किए जाने पर सवाल खड़े किए और यह जानना चाहा कि यह राशि किसे दी गई तथा मामले की जांच की मांग की.
कांग्रेस नेता प्रियंक खड़गे ने एक्स पर पोस्ट कर यह रेखांकित किया कि ईरानी पहले “USAID की गुडविल एंबेसडर” रह चुकी हैं.
उन्होंने पूछा, “दिलचस्प. सरकार की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, श्रीमती स्मृति ईरानी की जीवनी में लिखा है कि उन्होंने USAID की ‘गुडविल एंबेसडर’ के रूप में कार्य किया है. क्या इसका मतलब यह है कि असली जॉर्ज सोरोस एजेंट बीजेपी के नेता हैं?” गौरतलब है कि अरबपति जॉर्ज सोरोस पर दुनियाभर में सरकारों को अस्थिर करने के लिए USAID अनुदान प्राप्त करने के आरोप लगते रहे हैं.
बीजेपी और कांग्रेस के बीच यह विवाद तब बढ़ा जब एलन मस्क के नेतृत्व वाले यूएस डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) ने पिछले बाइडेन प्रशासन के तहत अमेरिकी करदाताओं द्वारा वित्तपोषित इस अनुदान को रद्द कर दिया.
DOGE ने कहा कि USAID ने भारत में “मतदाता टर्नआउट” के लिए 21 मिलियन डॉलर आवंटित किए थे, जो “कंसोर्टियम फॉर इलेक्शंस एंड पॉलिटिकल प्रोसेस स्ट्रेंथनिंग” के लिए प्रदान किए गए 486 मिलियन डॉलर के व्यापक अनुदान का हिस्सा था.
स्मृति ईरानी के अलावा, कांग्रेस ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को भी मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान USAID का समर्थन करने के लिए घेरा और पूछा कि बीजेपी-नीत एनडीए सरकार को USAID से कितनी फंडिंग मिली है.
खड़गे के आरोपों को आगे बढ़ाते हुए कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने X पर पोस्ट किया: “यह शानदार है. आखिरकार हमें बीजेपी के सबसे पसंदीदा सवाल का जवाब मिल गया—’रसोड़े में कौन था?’ असली जॉर्ज सोरोस एजेंट स्मृति ईरानी निकलीं.”
कांग्रेस के इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने पूर्व कांग्रेस नेता और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का जिक्र किया.
The World Health Organization (WHO) appointed Smriti Irani as the Oral Rehydration Salts (ORS) Goodwill Brand Ambassador from 2002 to 2005. At the time, she was a household name due to the immense popularity of the television serial Kyunki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi.
The WHO… https://t.co/nlzSG7kzOz pic.twitter.com/AOwUKUydSk
— Amit Malviya (@amitmalviya) February 18, 2025
“विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने स्मृति ईरानी को 2002 से 2005 तक ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्ट्स (ORS) गुडविल ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया था. उस समय, वह टेलीविजन धारावाहिक ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ की अपार लोकप्रियता के कारण घर-घर में पहचानी जाती थीं,” उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया.
“स्मृति ईरानी को लेकर WHO के इस अभियान को दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (DTC) सहित अन्य संगठनों का समर्थन प्राप्त था, जिसने अपनी बसों पर प्रचार सामग्री प्रदर्शित करने की अनुमति दी थी. उस समय दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित थीं, और पवन खेड़ा उनके व्यक्तिगत सहायक के रूप में कार्यरत थे, जो उनके चप्पल और सूटकेस उठाने जैसे छोटे-मोटे काम देखते थे. ऐसे गंभीर मुद्दे, जैसे यह अभियान, उस समय उनकी जिम्मेदारी से बाहर थे,” उन्होंने आगे कहा.
मालवीय ने यह भी कहा कि भारतीय प्रबंधन संस्थान, इंदौर (IIM Indore) की एक रिपोर्ट में इस कार्यक्रम की सफलता का दस्तावेजीकरण किया गया था. उन्होंने सवाल किया, “क्या मुझे यह भी याद दिलाने की जरूरत है कि 2004 से 2005 तक कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार सत्ता में थी?”
उन्होंने आगे कहा, “इसके अलावा, कांग्रेस को स्मृति ईरानी पर इतना ध्यान देना बंद कर देना चाहिए. यह तथ्य कि उन्होंने (वरिष्ठ कांग्रेस नेता) राहुल गांधी को चुनाव में हराया, कांग्रेस के लिए एक स्थायी दुःस्वप्न बना रहेगा.”
मालवीय के इन बयानों के जवाब में, पवन खेड़ा ने एक्स पर आरोप लगाया कि बीजेपी, USAID, सोरोस और वैश्विक सहयोग को बदनाम कर रही है, और तथाकथित बाहरी हस्तक्षेप का सहारा लेकर अपनी घरेलू विफलताओं से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है.
खेड़ा ने 2023 में भारत और USAID के बीच भारतीय रेलवे को 2030 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने में सहायता देने वाले सहयोग और जयशंकर की USAID प्रशासक से मुलाकात कर “खाद्य, ऊर्जा और ऋण संकट की वैश्विक परिस्थितियों” पर चर्चा करने से संबंधित स्क्रीनशॉट साझा किए.
उन्होंने लिखा, “बीजेपी आईटी सेल के चाटुकार यह दावा कर रहे हैं कि WHO के ORS अभियान की शुरुआत शीला दीक्षित ने की थी और सोच रहे हैं कि इससे हमें शर्मिंदा किया जा सकता है. यह तो गर्व की बात है… जब आपकी पोल खुलती है, तो आप बेवकूफी भरी बातों का सहारा लेते हैं.”
उन्होंने आगे लिखा, “हम शासन और भू-राजनीति में वैश्विक सहयोग की भूमिका को स्वीकार करते हैं.”
BJP IT cell coolies are invoking Ms Sheila Dikshit as the one who started the WHO ORS initiative, and thinking they will be able to embarrass us with that. It is something to be proud of.
It is you who first demonise USAID, Soros, global cooperation, and then hide behind the so… pic.twitter.com/HJL03BHe9m
— Pawan Khera 🇮🇳 (@Pawankhera) February 18, 2025
अन्य कांग्रेस नेताओं ने भी जयशंकर के बेटे के साथ ईरानी की बातचीत का एक वीडियो साझा किया जिसमें वह यूएसएआईडी राजदूत के रूप में अपने अनुभव बता रही हैं.
बीजेपी ने रोना रोया
DOGE द्वारा USAID की फंडिंग रद्द किए जाने की पोस्ट के बाद, मालवीय ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे से इस फंडिंग के पीछे की मंशा पर सवाल उठाया.
“मतदान बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर? यह निश्चित रूप से भारत की चुनावी प्रक्रिया में बाहरी हस्तक्षेप है. इससे किसे लाभ हो रहा है? निश्चित रूप से सत्तारूढ़ दल को नहीं!” मालवीय ने रविवार को पोस्ट किया.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि “2012 में, एसवाई कुरैशी के नेतृत्व में चुनाव आयोग ने ‘इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इलेक्टोरल सिस्टम्स’ (IFES) के साथ एक समझौता किया था—जो कि जॉर्ज सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन से जुड़ा एक संगठन है, जिसे मुख्य रूप से USAID द्वारा वित्त पोषित किया जाता है.” उस समय केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार थी.
बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भारत में कई विरोध प्रदर्शनों के पीछे “विदेशी फंडिंग” का मुद्दा उठाया.
उन्होंने कहा, “यह चौंकाने वाला खुलासा है कि USAID जैसी संस्थाएं भारत में करोड़ों रुपये भेज रही थीं. यह पुष्टि करता है कि पिछले कुछ वर्षों में जो भी विरोध प्रदर्शन हुए, वे विदेशी धन से प्रायोजित थे. इन्हें सीमा पार से उकसाया और नियंत्रित किया जा रहा था. भारत में कुछ लोग, जिनमें राजनीतिक नेता और वंशवादी भी शामिल हैं, उन देशों और ताकतों के हथियार बन गए हैं जो भारत के उत्थान को रोकना चाहते हैं.”
संसद में, निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि कांग्रेस से जुड़े भारत विरोधी तत्वों को USAID द्वारा फंडिंग दी गई.
उन्होंने कहा, “क्या USAID ने जॉर्ज सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन को भारत को अस्थिर करने के लिए 5,000 करोड़ रुपये दिए? क्या USAID और जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन ने राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट को धन मुहैया कराया या नहीं? मैं कांग्रेस से जवाब मांगता हूं और इस मामले की जांच की जानी चाहिए.”
इस बीच, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने मंगलवार को DOGE द्वारा इस ग्रांट को रद्द करने के फैसले का बचाव किया.
उन्होंने कहा, “हम भारत को 21 मिलियन डॉलर क्यों दे रहे हैं? उनके पास बहुत अधिक पैसा है. वे दुनिया के सबसे अधिक कर वसूलने वाले देशों में से एक हैं, खासकर हमारे लिए; हमें वहां प्रवेश करना मुश्किल होता है क्योंकि उनके टैरिफ बहुत ऊंचे हैं. मैं भारत और उसके प्रधानमंत्री का बहुत सम्मान करता हूं, लेकिन मतदान बढ़ाने के लिए $21 मिलियन? भारत में? हमारे यहां मतदान बढ़ाने के बारे में क्या?”
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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