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Monday, 6 May, 2024
होमराजनीतिCM बोले, ‘परिणाम अच्छे नहीं होते’ — यौन उत्पीड़न के आरोपी मंत्री संदीप सिंह को लेकर कांग्रेस बनाम खट्टर विवाद

CM बोले, ‘परिणाम अच्छे नहीं होते’ — यौन उत्पीड़न के आरोपी मंत्री संदीप सिंह को लेकर कांग्रेस बनाम खट्टर विवाद

कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने विधानसभा में खेल संबंधी सवाल उठाते हुए संदीप सिंह, जो अब खेल मंत्री नहीं हैं, पर सवाल उठाए. खट्टर ने सिंह को बताया ‘सम्माननीय’, भुक्कल को ‘परिणाम’ भुगतने की दी चेतावनी.

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गुरुग्राम: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को मंगलवार को राज्य विधानसभा में यौन उत्पीड़न के आरोपी मंत्री संदीप सिंह को खेल से संबंधित सवाल का जवाब देने और फिर इस कदम पर सवाल उठाने के लिए झज्जर की कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल को कथित तौर पर धमकाने के लिए कांग्रेस की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.

संदीप सिंह ने पिछले साल जनवरी में राज्य के खेल मंत्री का पद छोड़ दिया था क्योंकि एक जूनियर एथलेटिक्स कोच ने उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. भुक्कल ने 27 फरवरी को विधानसभा में झज्जर में खेल सुविधाओं के बारे में सवाल उठाया और सिंह से संक्षिप्त जवाब मिला कि “जवाब मेज पर है”. इसके बाद भुक्कल ने कहा कि वे अब खेल मंत्री नहीं हैं. हालांकि, खट्टर ने सिंह की प्रतिक्रिया का समर्थन करते हुए कहा कि वे एक “सम्मानित” कैबिनेट सदस्य हैं और उन्होंने भुक्कल को “परिणाम” भुगतने की चेतावनी दी.

सीएम ने विधानसभा में कहा, “संदीप जी मेरे मंत्रीमंडल के सम्मान साथी हैं. मैं अपनी सरकार के किसी भी मंत्री को कह सकता हूं जवाब देने के लिए. आपने ये कहा ये उचित नहीं है. आप इस प्रकार की…मैं शब्द प्रयोग करना नहीं चाहता…अन्यथा इन चीज़ों के परिणाम अच्छे नहीं होते हैं. इस बीच, भुक्कल दोहराती रहीं कि सिंह अब खेल मंत्री नहीं हैं.

इससे पहले, स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने भुक्कल से कहा था कि सरकार किसी भी मंत्री से किसी विधायक द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देने के लिए कह सकती है.

हरियाणा से राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक्स पर भुक्कल को दिए गए खट्टर के जवाब का एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा, “इन चीजों के परिणाम अच्छे नहीं होते है”. ये किस अहंकारी भाषा में खट्टर साहब एक महिला विधायक को धमका रहे हैं? महिलाओं के शोषण के आरोपी मंत्री संदीप सिंह के नाम लेने मात्र से हरियाणा के मुख्यमंत्री खुलेआम विधानसभा में विधायक गीता भुक्कल को धमकी दे रहे है – क्यों? क्या कसूर था गीता जी का? CM साहब, इस अहंकार का परिणाम भी जनता अच्छा नहीं देगी.”

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अंबाला कैंट से कांग्रेस नेता चित्रा सरवारा, जो आम आदमी पार्टी (आप) छोड़ने के बाद अपने पिता — पूर्व मंत्री निर्मल सिंह — के साथ पार्टी में शामिल हुईं, ने “परिणाम अच्छे नहीं होंगे” कहने के लिए सीएम से माफी की मांग की.

सरवारा ने बुधवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “भाजपा शासित हरियाणा में “इन बातों के परिणाम अच्छे नहीं होते…” ‘बेटी’ पैदा होने के…अपने अधिकारों की अवाज उठाने के… आत्मसम्मान की लड़ाई लड़ने के…सत्ता पक्ष से सवाल करने के…लेकिन सत्ताधारियों को याद रहे कि महिला अपमान और दमन के परीणाम भी अच्छे नहीं होते.”

उन्होंने कहा कि दलित विधायक और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता भुक्कल जानना चाहती थीं कि पूरक सवाल किससे पूछे जाएं क्योंकि सिंह अब खेल मंत्री नहीं हैं. उन्होंने कहा, “कब, क्यों और कैसे हमारे मुख्यमंत्री ने उस सहज सवाल को संदीप सिंह के सम्मान से जोड़ा? और उन्होंने गीता भुक्कल जी से बेहद अभद्रता से बात की. हम इस व्यवहार की निंदा करते हैं और सीएम से माफी की मांग करते हैं.”

भुक्कल ने गुरुवार को दिप्रिंट को बताया कि वे इस बात से दुखी हैं कि उनकी वरिष्ठता और उनकी कोई गलती नहीं होने के बावजूद सीएम ने उनके साथ कैसा व्यवहार किया. वे भूपिंदर सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के दौरान कैबिनेट में शिक्षा मंत्री थीं. उन्होंने कहा, “मुझे महिला या दलित कार्ड खेलने की आदत नहीं है, लेकिन एक वरिष्ठ विधानसभा सदस्य के रूप में भी मैं एक बेहतर सौदे की हकदार थी.”

उन्होंने कहा, “संदीप सिंह एक महिला कोच, जो मेरे विधानसभा क्षेत्र से है, के यौन उत्पीड़न के लिए आपराधिक मुकदमे का सामना कर रहे हैं. जब आरोप सामने आए तो सरकार ने कहा कि उसने उनसे खेल विभाग छीन लिया है.”

भुक्कल ने कहा, “जब मैंने मंगलवार को शून्यकाल के दौरान सवाल पूछा, तो सिंह ने बस इतना कहा कि जवाब मेज पर है. मेरे पास एक पूरक प्रश्न था, इसलिए मैंने स्पीकर को बताया कि मेरा सवाल खेल विभाग के बारे में है और सिंह मंत्री नहीं थे. हालांकि, सीएम ने नाराज़गी जताई और वही कहा जो उन्हें कहना था.”

खट्टर के मुख्य मीडिया समन्वयक सुदेश कटारिया ने कहा कि कांग्रेस विधायक को नियमों की पूरी जानकारी है कि मुख्यमंत्री अपने किसी भी मंत्री को शून्यकाल के दौरान पूछे गए सवाल का जवाब देने के लिए कह सकते हैं. उन्होंने कहा कि कोई विसंगति नहीं है.

कटारिया ने कहा, “सीएम ने उनसे यहां तक कहा कि वे इस प्रथा को जानती हैं क्योंकि वे पहले भी सरकार में रह चुकी हैं. उन्होंने संबंधित विधायक को वही समझाया जो स्पीकर पहले ही समझा चुके थे.”


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संदीप सिंह के खिलाफ मामला

दिसंबर 2022 में हरियाणा खेल विभाग में एक जूनियर एथलेटिक्स कोच ने आरोप लगाया कि तत्कालीन खेल मंत्री सिंह ने उसे जुलाई 2022 में चंडीगढ़ में अपने आधिकारिक आवास पर बुलाया और उनके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की. महिला ने उन पर मार्च 2022 में भी ऐसी ही हरकत का आरोप लगाया था.

उस समय, सिंह ने आरोपों से इनकार किया, लेकिन कहा कि चंडीगढ़ के सेक्टर-26 थाने में पुलिस द्वारा उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद वह खेल विभाग छोड़ रहे हैं.

सिंह अब चंडीगढ़ की एक अदालत में आपराधिक मुकदमे का सामना कर रहे हैं, जहां पुलिस ने पिछले साल 25 अगस्त को अपना आरोपपत्र दायर किया था, जिसमें कहा गया था कि मंत्री ने महिला एथलीट का यौन उत्पीड़न और हमला किया था.

आरोपपत्र में कहा गया है , “ऐसा प्रतीत होता है कि अब तक की गई जांच से भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 342 (किसी व्यक्ति को गलत तरीके से बंधक बनाना), 354 (किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 354-ए (किसी महिला के खिलाफ यौन उत्पीड़न जब शारीरिक संपर्क और प्रगति जिसमें स्पष्ट यौन इशारे या मांग या प्रस्ताव शामिल हो), 354-बी (किसी महिला पर हमला या आपराधिक बलपूर्वक उसके कपड़े उतारना या उसे नग्न होने के लिए मजबूर करना), 506 (आपराधिक धमकी), धारा 509 (शब्द, इशारा या किसी महिला की गरिमा का अपमान करने का कृत्य) आरोपी द्वारा किए गए हैं.”

भुक्कल ने क्या पूछा

भुक्कल के सवाल के दो भाग थे. पहला यह कि क्या उनके विधानसभा क्षेत्र झज्जर के गांवों में खेल स्टेडियम खराब स्थिति में हैं.

दूसरा यह था कि क्या उनके द्वारा नामित 11 गांवों के स्टेडियमों में ट्रैक, चारदीवारी, पीने का पानी, उपकरण और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने का कोई प्रस्ताव था और अगर हां, तो इन सुविधाओं को प्रदान करने की समयसीमा क्या है.

सरकार के लिखित जवाब में पहले भाग का उत्तर नकारात्मक था, लेकिन, दूसरे भाग के जवाब में, इसमें खेल सुविधाओं पर काम के लिए तैयार किए गए अनुमान और उस काम को निष्पादित करने में लगने वाले समय की डिटेल दी गई थी. इसमें यह भी कहा गया कि झज्जर जिले से 40 आवेदन प्राप्त होने के बाद सरकार ने पहले ही 27 ग्राम पंचायतों को खेल उपकरण उपलब्ध करा दिए हैं.

(संपादन : फाल्गुनी शर्मा)

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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