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Wednesday, 20 November, 2024
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‘लव जिहाद’ पर टकराव, पुलिस कार्रवाई—गुजरात और MP में राजनीतिक अखाड़े में बदले गरबा पंडाल

दोनों राज्यों में मुस्लिम युवकों के गरबा पंडालों में घुसने की कोशिश करने की कई कथित घटनाओं ने अच्छा-खासा हंगामा खड़ा कर दिया है, जहां बजरंग दल कार्यकर्ता नवरात्रि पर कार्यक्रमों के दौरान अचानक चेकिंग करने पहुंच रहे हैं.

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दिल्ली/मुंबई: विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा शासित दो राज्य मध्य प्रदेश और गुजरात में नवरात्रि के मौके पर आयोजित किए जा रहे गरबा कार्यक्रम राजनीतिक विवाद का केंद्र बनकर उभरे हैं.

दोनों राज्यों में कथित तौर पर मुस्लिम युवकों के गरबा में शामिल होने की कोशिश की कई घटनाएं परेशानी की वजह बन गई हैं. सभी मामलों में युवकों को पहचान विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की युवा शाखा बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने की, जो सोमवार से जारी नवरात्रि के नौ दिवसीय उत्सव के मौके पर आयोजित डांस प्रोग्राम की चेकिंग करने पहुंच रहे हैं.

मध्य प्रदेश के इंदौर में बजरंग दल के इशारे पर पुलिस ने तीन अलग-अलग घटनाओं में गरबा पंडालों से पकड़े गए मुस्लिम युवकों के खिलाफ कार्रवाई की है. इंदौर पुलिस ने दिप्रिंट को बताया कि इन लोगों ने नकली पहचानपत्र या नामों का इस्तेमाल किया था और उन पर ‘एहतियातन’ कार्रवाई की गई.

इंदौर बजरंग दल संयोजक तनु शर्मा ने दिप्रिंट को बताया कि तीनों घटनाएं 27 से 29 सितंबर के बीच हुईं. उन्होंने आगे कहा कि अगर पुलिस उचित कार्रवाई करने में विफल रहती तो विवाद बढ़ सकता था.

उन्होंने कहा, ‘इन दिनों मध्य प्रदेश में एक नारा काफी चर्चा में है—पहले रोकेंगे, फिर टोकेंगे और उसके बाद ठोकेंगे.’

वहीं, गुजरात के अहमदाबाद में दो अलग-अलग घटनाओं में बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने गरबा पंडालों में प्रवेश की कोशिश कर रहे मुस्लिम युवकों के साथ कथित तौर पर मारपीट की.

विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने दिप्रिंट से बातचीत में कहा कि बजरंग दल कार्यकर्ताओं की कार्रवाई के पीछे गरबा आयोजनों के दौरान ‘लव जिहाद’ का डर और ‘महिला सुरक्षा’ को लेकर चिंता एक बड़ी वजह है.

उन्होंने कहा, ‘यह एक सांस्कृतिक और साथ ही धार्मिक कार्यक्रम है. हमने राज्य पुलिस और आयोजकों से ऐसे आयोजनों के दौरान उपद्रव करने की कोशिश कर रहे लोगों पर नजर रखने का अनुरोध किया है.’

गरबा पंडालों के बाहर बजरंग दल कार्यकर्ताओं की मौजूदगी पर उन्होंने कहा कि ‘महिलाओं की सुरक्षा एक प्रमुख चिंता है और (लोगों को) इसके लिए निगरानी की जरूरत है ताकि महिलाएं आराम से इन आयोजनों में हिस्सा ले सकें.’

उन्होंने कहा, ‘बजरंग दल कार्यकर्ता सतर्क हैं. हम केवल कानून-व्यवस्था का पालन कराने वाली एजेंसियों की मदद ही कर रहे हैं. ऐसे पंडालों से लव जिहाद और महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले सामने आते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘हम नहीं चाहते कि विधर्मी इन पंडालों के आसपास भी फटकें. उन्हें वैसे तो यहां आना ही नहीं चाहिए और अगर आते हैं तो उन्हें अंदर नहीं घुसने दिया जाना चाहिए.’

गुजरात, जहां भाजपा 1995 से सत्तासीन है, में विधानसभा इस साल के अंत में प्रस्तावित हैं. वहीं मध्य प्रदेश में अगले साल चुनाव होने हैं.

दोनों ही चुनाव भाजपा के लिए बेहद अहम हैं, क्योंकि गुजरात में वह 2017 के चुनावों में मिली सीटों के दो अंकों के आंकड़े को सुधारना चाहती है. वहीं मध्य प्रदेश में हाल के नगरपालिका चुनावों में प्रदर्शन ने पार्टी की चिंता बढ़ा दी है.


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‘लव जिहाद का बनाया हथियार’

मध्य प्रदेश के इंदौर में बजरंग दल ने पिछले दो दिनों के दौरान पंडालों में हुई तीन घटनाओं की सूचना पुलिस को दी है.

बजरंग दल संयोजक तनु शर्मा ने कहा, ‘27 सितंबर को हमने कुछ युवकों को गरबा कर रही हिंदू लड़कियों के वीडियो बनाते देखा. बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने उनकी यह हरकत देखकर उनकी पहचान के बारे में जानने की कोशिश की तो वे मुस्लिम युवक निकले जिन्होंने अपने नकली नाम बताए थे. हमने तुरंत पुलिस को फोन किया.’

उन्होंने दो अन्य कथित घटनाओं का भी हवाला दिया. तनु शर्मा ने बताया, ‘द्वारकापुरी में कोलकाता के दो मुस्लिम युवक फर्जी आईडी के साथ एक पंडाल में घुसे थे और हमने इस मामले में भी पुलिस से हस्तक्षेप करने को कहा. एक अन्य घटना में एक युवक को पंडाल में लड़कियों के कांटैक्ट नंबर लेने की कोशिश करते पाया गया. और जब बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने उसका नाम पूछा तो पता चला कि उसके पास भी फर्जी आईडी थी. हमने उसे पुलिस को सौंप दिया.’

मध्य प्रदेश में गरबा विवाद राज्य की पर्यटन और संस्कृति मामलों की मंत्री उषा ठाकुर के उस बयान के बाद गहराया है जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य में ऐसे आयोजनों को ‘लव जिहाद’ का हथियार बनाया जा सकता है. उसके बाद, हरकत में आई राज्य सरकार ने गरबा आयोजकों को पंडालों में जाने वालों के पहचान पत्रों की जांच करने को कहा.

ठाकुर ने इस महीने के शुरू में ग्वालियर में संवाददाताओं से कहा था कि नवरात्रि के दौरान किसी को भी पहचानपत्र दिखाए बिना गरबा पंडालों में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी. उनके मुताबिक, अतीत में गरबा पंडाल ‘लव जिहाद गतिविधियों को अंजाम देने का एक प्रमुक तरीका’ रहे हैं.

वहीं, राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, ‘मां दुर्गा की पूजा का त्योहार नवरात्रि हमारी आस्था से जुड़ा है और एक धार्मिक कार्यक्रम है. ऐसे पवित्र अवसर पर शांति एवं सद्भाव बनाए रखने के लिए गरबा आयोजकों को कहा गया है कि पहचानपत्र की जांच के बाद ही किसी को पंडाल में प्रवेश दें.’

उन्होंने आगे कहा कि यह कदम ये सुनिश्चित करने के लिए था कि इस तरह के आयोजनों में कोई ‘अप्रिय घटना’ न हो. उन्होंने कहा, ‘देवी की पूजा करने के लिए कोई भी आ सकता है.’

वहीं, भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने कड़ा रुख अपनाया. उन्होंने इस सप्ताह भोपाल में संवाददाताओं से कहा कि गरबा पंडालों में मुस्लिम समुदाय के लोगों को घुसने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘गरबा पंडालों में प्रवेश से पहले पहचानपत्र की सख्ती से जांच होनी चाहिए. मुस्लिम समुदाय के लोगों को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. हम अपने धार्मिक आयोजन को शुद्ध रखना चाहते हैं.’

कांग्रेस ने उनके इस बयान पर सवाल उठाया और इसे अभद्र भाषा करार दिया.

कांग्रेस नेता नरेंद्र सलूजा ने कहा, ‘आरएसएस प्रमुख (मोहन भागवत) मस्जिद इमाम से मिलने जाएं, मदरसे जाएं…(पीएम नरेंद्र मोदी के बचपन के दोस्त) अब्बास उनके साथ घर पर रहें, उनकी मां ने ईद पर अब्बास के लिए खाना बनाया. अजान के वक्त भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अपना भाषण रोक दें….वो सब सही है. साध्वी को नफरत का जहर फैलाने से पहले इन लोगों का विरोध करने का साहस दिखाना चाहिए.’

भाजपा के एक नेता के मुताबिक, पार्टी ने हमेशा हिंदुत्व के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है क्योंकि वे समुदाय के लिए बहुत मायने रखते हैं और ‘लव जिहाद के जरिये भोली-भाली हिंदू लड़कियों को निशाना बनाने की कोशिशें की जाती रही हैं.’

भाजपा के एक अन्य नेता ने कहा, ‘आने वाले महीनों में हिंदुत्व से जुड़े मुद्दों पर और भी ज्यादा फोकस किया जाएगा क्योंकि पार्टी नहीं चाहती कि अपनी तथाकथित नरम-हिंदुत्व रणनीति के आधार पर कांग्रेस को आगे बढ़ने का कोई मौका मिले.’


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औचक निरीक्षण और टीका लगाकर पहचान की कोशिश

गुजरात में बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर दो गरबा पंडालों में मुस्लिम युवकों को घुसने से रोका. विहिप प्रवक्ता हितेंद्र सिंह राजपूत ने दिप्रिंट को बताया, ‘हमारे कार्यकर्ता ऐसी जगहों का औचक निरीक्षण करते रहते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मुसलमान प्रवेश नहीं कर रहे हैं और लव जिहाद की कोई संभावना नहीं है.’

उन्होंने बताया, ‘मंगलवार को दो स्थानों पर औचक निरीक्षण के दौरान, हमारे कार्यकर्ताओं ने कुछ मुस्लिम युवकों को महिलाओं को परेशान करते देखा. जब हमने उनसे बात की, तो उनका इरादा खराब लग रहा था. ऐसा लग रहा था कि वे लव जिहाद की अवधारणा से प्रेरित थे. कुछ झड़पें हुईं, और हाथापाई भी हुई.’

राजपूत ने कहा कि हर साल की तरह विहिप ने इस बार भी सभी विधर्मियों और गैर-हिंदुओं से नवरात्रि पूजा पंडालों से दूर रहने की अपील की है. उन्होंने कहा, ‘यह भक्ति का मामला है.’

राजपूत के मुताबिक, विहिप ने होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन (वेस्टर्न इंडिया) और ओयो रूम्स को कहा है कि वे यह सुनिश्चित करें कि नवरात्रि के दौरान ‘लव जिहाद को रोकने’ के लिए हिंदू युवतियों के साथ आने वाले मुस्लिम युवकों को कमरे किराए पर न मिलें.

गुजरात वीएचपी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी अशोक रावल ने दिप्रिंट को बताया, ‘बजरंग दल कार्यकर्ता गरबा पंडालों के बाहर खड़े होते हैं और वहां आने वालों के माथे पर टीका लगाते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘जो हिंदू हैं उन्हें टीका लगवाने में कोई गुरेज नहीं होता. अगर कोई विरोध करता है और हमें कुछ गलत लगता है और फिर उसकी पहचान के बारे में पता लगाने की कोशिश करते हैं कि कहीं वह मुस्लिम तो नहीं हैं. यह सब केवल जागरूकता बढ़ाने के प्रयास का हिस्सा है.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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