नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने मंगलवार को मध्यप्रदेश, हरियाणा, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, नगालैंड, मणिुपर, ओडिशा, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश की विधानसभा 56 विधानसभा सीट और बिहार की एक लोकसभा सीट पर उपचुनावों क तारीखों की घोषणा कर दी है.
बिहार की एक लोकसभा सीट और मणिपुर की दो विधानसभा सीटों पर सात नवंबर को मतदान होगा. वहीं बाकि राज्यों की सीटों पर तीन नवंबर को वोट डालें जाएंगे. 10 नवंबर को मतगणना होगी.
कर्नाटक की विधान परिषद की दो और विधानसभा की दो सीटों के लिए 28 अक्तूबर को उपचुनाव होंगे. इसकी मतगणना दो नवंबर को होगी.
चुनाव आयोग ने असम, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में फिल्हाल उपचुनाव की तारीखों का एलान नहीं किया है.
इन राज्यों के मुख्य सचिवों और मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने चुनाव अयोग को उपचुनाव नहीं कराने के इनपुट दिए है. अधिकारियों ने चुनाव के लिए परेशानियां भी व्यक्त की है.
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मध्यप्रदेश में शिवराज, सिंधिया और कमलनाथ की साख दांव पर
मध्यप्रदेश में कांग्रेस अपनी खोई हुई सत्ता दोबारा पाने और भाजपा अपनी सरकार बचाने के लिए मैदान में उतरेगी. इन चुनाव में राज्य के सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया की साख भी दांव पर लगी है. राज्य में 28 सीटों पर चुनाव होना है उनमें 16 सीटें सिंधिया के ग्वालियर के चंबल क्षेत्र की हैं.
गौरतलब है कि, 10 मार्च को सिंधिया के साथ कांग्रेस के 22 विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी. इससे कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई थी. वहीं, इसके बाद कांग्रेस के बड़ा मलहरा,नेपानगर,मांधाता के विधायक भी भाजपा में शामिल हो गए थे. जबकि तीन विधायकों का निधन भी हो गया था. इसलिए राज्य में कुल 28 सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं.
उत्तर प्रदेश विधानसभा की 7 सीटों पर 3 नवंबर को वोटिंग होगी. इनमें नौगांवा सादात, बुलंदशहर, टूंडला, बांगरमऊ, घाटमपुर, मल्हनी, देवरिया सीट शामिल हैं.
इसी तरह गुजरात विधानसभा की आठ सीटों पर वोटिंग 3 नवंबर को होगी. इनमें कच्छ की अबडासा, बोटाद की गढड़ा, अमरेली की धारी, मोरबी की मोरबी-मालिया, सुरेन्द्रनगर की लींबडी, वडोदरा की करजण, डांग की डांग विधानसभा वलसाड की कपराडा सीटों पर उपचुनाव होने हैं.
बता दें कि राज्यसभा चुनाव के पहले कांग्रेस पार्टी के आठ विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद वे भाजपा में शामिल हो गए थे. विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद खाली हुई इन सीटों पर चुनाव होने जा रहे हैं.
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