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Monday, 23 December, 2024
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ब्रह्मास्त्र, बीफ, ‘लव जिहाद’—MP में भाजपा कैसे हिंदुत्व से जुड़े मुद्दों को धार देने में जुटी है

भाजपा और विहिप के कई नेताओं को लगता है कि ‘ब्रह्मास्त्र’ के विरोध के दौरान बजरंग दल कार्यकर्ताओं पर पुलिस लाठीचार्ज से मध्य प्रदेश सरकार के ‘नाम पर धब्बा’ लग गया है. पार्टी अब ‘हिंदुत्व के मुद्दों’ को उठा रही है.

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नई दिल्ली: ब्रह्मास्त्र के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान बजरंग दल कार्यकर्ताओं पर पुलिस कार्रवाई को लेकर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और भाजपा नेताओं की नाराजगी के बीच मध्यप्रदेश सरकार यह सुनिश्चित करने में जुटी है राज्य में अगले साल प्रस्तावित विधानसभा चुनावों में हिन्दुत्व से जुड़े लव जिहाद और बीफ जैसे मुद्दे हावी रहें. दिप्रिंट को मिली जानकारी में यह बात सामने आई है.

पुलिस ने गत मंगलवार को बजरंग दल कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया था, जो ब्रह्मास्त्र फिल्म के कलाकारों आलिया भट्ट और रणबीर कपूर को उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में प्रवेश करने से रोकने के लिए जुटे थे.

विहिप की युवा शाखा बजरंग दल ने रणबीर कपूर का 2011 में दिया एक ऐसा इंटरव्यू सामने आने के बाद फिल्म के बहिष्कार का आह्वान किया था जिसमें अभिनेता ने बीफ के शौकीन होने की बात कही थी. इस पुराने इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, ‘मेरा परिवार पेशावर से है…और मुझे बीफ बहुत पसंद है.’

दिप्रिंट को मिली जानकारी के मुताबिक, बजरंग दल कार्यकर्ता फिल्म कलाकारों को महाकाल मंदिर में प्रवेश से रोकने में तो सफल रहे लेकिन उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई ने हिंदुत्ववादी नेताओं को नाराज कर दिया है.

राज्य भाजपा इकाई का दावा है कि जनभावनाओं के मद्देनजर ‘गोमांस का मुद्दा’ महत्वपूर्ण है और बजरंग दल कार्यकर्ताओं पर पुलिस की तरफ से लाठीचार्ज करना ‘भाजपा सरकार को बदनाम कर रहा है’, खासकर ऐसे समय में जब नवरात्रि का त्योहार आने वाला है.

राज्य भाजपा के कुछ नेताओं ने पहले से ही उन मामलों पर बयानबाजी तेज कर दी है जो हिंदू समाज के बड़े वर्ग की भावनाओं से जुड़े हैं.


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लव जिहाद, बीफ फिर सुर्खियों में

संस्कृति और पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर ने इस गुरुवार को ग्वालियर में संवाददाताओं से कहा कि नवरात्रि के दौरान किसी को भी प्रामाणिक पहचान प्रमाण दिखाए बिना गरबा पंडालों में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी. ठाकुर के मुताबिक, गरबा ‘लव जिहाद का एक बड़ा माध्यम’ बन चुके हैं.

भाजपा सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि पार्टी लव जिहाद का ‘मुद्दा’ उठाना जारी रखेगी क्योंकि यह बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित करता है.

पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, ‘तमाम मुस्लिम युवक खुद को हिंदू बताकर इन गरबाओं में शामिल होते हैं और मासूम लड़कियों को अपनी ओर आकृष्ट करते हैं. प्रवेश से पहले पहचान पत्रों की जांच करना इस सबको रोकने का एक प्रभावी तरीका साबित होगा.’

बीफ मामले पर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने संकेत दिया कि विरोध प्रदर्शन का एक वाजिब कारण था. उज्जैन में बजरंग दल के प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर मिश्रा ने संवाददाताओं से कहा, ‘किसी कलाकार को ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए जिससे लोगों की भावनाएं आहत हों.’

पार्टी के एक सूत्र के मुताबिक, आने वाले कुछ महीनों में हिंदुत्व से जुड़े मुद्दों को और ज्यादा धार दी जाएगी क्योंकि भाजपा कांग्रेस को उसकी तथाकथित नरम-हिंदुत्व रणनीति के आधार पर आगे बढ़ने का कोई मौका नहीं देना चाहती है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जनवरी में उज्जैन के महाकाल मंदिर जाने की संभावना है और वह नर्मदा नदी में डुबकी भी लगा सकते हैं.


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‘निरंकुश पुलिस’ को लेकर हंगामा

सूत्रों के मुताबिक, विहिप जहां लाठीचार्ज के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने को तैयार है, वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर भी इस घटना में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव है.

विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुनील बंसल ने कहा, ‘सार्वजनिक हस्तियों को जनता की भावनाएं समझनी चाहिए और उन लोगों का सम्मान करना चाहिए जिन्होंने उन्हें स्टार बनाया है. अगर उन्हें यह कहने का अधिकार है कि वे क्या चाहते हैं, तो लोगों को भी विरोध करने का अधिकार है. पुलिस ने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के साथ जिस तरह का व्यवहार किया वह शर्मनाक है. हमने इस पूरी घटना में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

वहीं, पुलिस ने दावा है कि एक प्रदर्शनकारी के पुलिस अधिकारियों के साथ लड़ना शुरू कर देने के बाद उन्हें लाठीचार्ज करना पड़ा.

भाजपा के कई नेताओं का दावा है कि ‘पुलिस अत्याचार’ बढ़ रहे हैं और जूनियर अफसर खासकर भाजपा नेताओं को ‘परेशान’ करने के लिए अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करते हैं, जिसका चुनाव से पहले नकारात्मक असर ही पड़ेगा.

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘हर किसी को शांतिपूर्ण विरोध का अधिकार है और पुलिस ने जिस तरह बजरंग दल कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की, उसकी निंदा की जानी चाहिए. सिर्फ विहिप और भाजपा पदाधिकारी ही बजरंग दल कार्यकर्ताओं के साथ बदसलूकी करने वाले पुलिस बल से नाराज नहीं हैं. सरकार के भीतर भी, कई लोगों को लगता है कि पुलिस निरंकुश होती जा रही है.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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