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Thursday, 21 November, 2024
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धनबल की समर्थक भाजपा शुरू से ही सामाजिक न्‍याय की विरोधी: अखिलेश यादव

बसपा अध्यक्ष मायावती ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे भाजपा की कथनी-करनी का अंतर उजागर हो गया.

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लखनऊ: केन्द्र सरकार के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की जनगणना से इनकार करने पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के नाराजगी व्यक्त करने के बाद शनिवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि ‘धनबल की समर्थक सत्तारूढ़ पार्टी शुरू से ही सामाजिक न्‍याय की विरोधी’ है.

सपा प्रमुख यादव ने शनिवार को ट्वीट किया, ‘भाजपा सरकार ने लम्बे समय से चली आ रही ‘ओबीसी’ समाज की गणना की मांग को ठुकरा कर साबित कर दिया है कि वो ‘अन्य पिछड़ा वर्ग’ को गिनना नहीं चाहती है क्योंकि वो ओबीसी को जनसंख्या के अनुपात में उनका हक़ नहीं देना चाहती है. धनबल की समर्थक भाजपा शुरू से ही सामाजिक न्याय की विरोधी है.’

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय में एक शपथ पत्र दायर करके केन्द्र सरकार ने कहा है कि पिछड़े वर्गों की जातीय गणना प्रशासनिक रूप से कठिन काम है.

इस मसले पर शुक्रवार को बसपा अध्यक्ष मायावती ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे भाजपा की कथनी-करनी का अंतर उजागर हो गया.

बसपा प्रमुख ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘केन्द्र सरकार द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दायर करके पिछड़े वर्गों की जातीय जनगणना कराने से साफ तौर पर इनकार कर देना, अति-गंभीर व अति-चिन्तनीय है.. जो भाजपा के चुनावी स्वार्थ की ओबीसी राजनीति का पर्दाफाश करता है और उनकी कथनी व करनी में अंतर को उजागर करता है. सजगता जरूरी.’

उन्होंने कहा, ‘एससी व एसटी (अनुसूचित जाति-जनजाति) की तरह ही ओबीसी वर्ग की जातीय जनगणना कराने की मांग भी पूरे देश में जोर पकड़ चुकी है……’ उन्होंने कहा कि केन्द्र का इससे इनकार करना समुदाय के लिए काफी दुखद है.


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