नई दिल्ली: अवध ओझा, जिन्हें ‘ओझा सर’, के नाम से भी जाना जाता है, सोमवार को राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मौजूदगी में आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हो गए.
प्रमुख यूपीएससी कोचिंग सेंटरों के साथ काम करने के बाद, ओझा ने पार्टी में शामिल होने के अपने फैसले के पीछे शिक्षा क्षेत्र में आप पार्टी द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की.
बदले में, केजरीवाल और सिसौदिया ने मिलकर ओझा के ट्रैक रिकॉर्ड की प्रशंसा की.
आप के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि ओझा, दिल्ली की पटपड़गंज सीट से आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट मांग रहे हैं – जो 2013 से लगातार तीन बार सिसौदिया ने जीती है. सिसौदिया एक अलग सीट से चुनाव लड़ सकते हैं क्योंकि 2020 में उनकी जीत का अंतर महज 3,207 वोटों का था.
अवध ओझा जी आम आदमी पार्टी में क्यों हुए शामिल❓
खुद उन्हीं से सुनिए👇#AvadhOjhaJoinsAAP pic.twitter.com/KvXFC1yn3N
— AAP (@AamAadmiParty) December 2, 2024
आप के एक पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि पार्टी ओझा पर भी भरोसा कर रही है, जिनकी सोशल मीडिया पर उल्लेखनीय उपस्थिति है, जो पार्टी के लिए एक ‘इन्फ्लुएंसर’ की भूमिका निभाएंगे.
40 वर्षीय ओझा, उत्तर प्रदेश के गोंडा के रहने वाले हैं और उन्होंने 2020 में एक यूट्यूब चैनल के लॉन्च के साथ ‘ऑनलाइन क्लासिस’ मॉडल पर स्विच करने से पहले, दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर में यूपीएससी उम्मीदवारों को पढ़ाने में लगभग एक दशक बिताया.
दि लल्लनटॉप के साथ एक साक्षात्कार में, ओझा ने स्वीकार किया था कि उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए क्रमशः इलाहाबाद और अमेठी से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ-साथ कांग्रेस से टिकट मांगा था.
पिछले कुछ महीनों में, अवध ओझा ने उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से कई बार मुलाकात की, जिससे अटकलें लगाई गईं कि वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं.
नाम न छापने की शर्त पर यूपी बीजेपी के एक पदाधिकारी ने बताया कि ओझा ने इलाहाबाद, कैसरगंज या रायबरेली से लोकसभा टिकट मांगा था और वह यूपी के अवध क्षेत्र की किसी भी सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक थे क्योंकि वह गोंडा से हैं. इस पदाधिकारी ने कहा कि ओझा की उम्मीदवारी पर चर्चा हुई थी लेकिन पार्टी नेतृत्व उन्हें मैदान में उतारने के पक्ष में नहीं था.
बीजेपी द्वारा टिकट नहीं दिए जाने पर ओझा ने उस समय कांग्रेस से संपर्क किया, जब इस बात को लेकर अभी भी अनिश्चितता थी कि पार्टी अमेठी में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ किसे मैदान में उतारेगी लेकिन पार्टी ने इसके बजाय गांधी परिवार के वफादार के.एल. शर्मा को चुना-जिन्होंने इस सीट पर जीत हासिल की.
पता चला है कि ओझा ने इसके बाद मनीष सिसौदिया से संपर्क किया, जिन्होंने उन्हें आप में शामिल होने में मदद की.
ओझा के यूट्यूब चैनल पर नौ लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं.
अपनी एक ऑनलाइन क्लास के दौरान उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री की तारीफ करते हुए कहा था कि राज्य को योगी आदित्यनाथ जैसे सख्त प्रशासक की जरूरत है. एक अन्य क्लास के दौरान उन्होंने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की सराहना करते हुए इसे ‘प्रेरक’ बताया. एक वीडियो में, जो अब सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किया गया है, ओझा ने स्वीकार किया था कि यूपीएससी को क्रैक करने के उनके प्रयास असफल रहे थे.
अगस्त में दिल्ली में एक यूपीएससी कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में बाढ़ आने से तीन अभ्यर्थियों की मौत हो गई थी, जिसके बाद शिक्षक सुर्खियों में आ गए थे. उस समय, ओझा ने बाढ़ का कारण बनने वाली चूक के लिए जिम्मेदार लोगों के लिए कड़ी सजा की मांग की थी.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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