गोपालगंज: बिहार में बाहर से आने वाले लोगों के लिए कठोर शराबबंदी कानून से राहत देने की मांग को शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खारिज कर दिया.
उन्होंने इन सुझावों को भी खारिज कर दिया कि शराब के आदी लोगों को चिकित्सीय आधार पर छूट दी जाए और कहा कि लोगों ने शराब पीकर अपना स्वास्थ्य खराब कर लिया है, न कि उन्हें शराब पीने से रोकने के कारण उनका स्वास्थ्य खराब हुआ है.
राज्यव्यापी सामाजिक सुधार अभियान के तहत उत्तर बिहार के इस जिले के दौरे में मुख्यमंत्री ने एक सभा में अपने ये विचार रखे. बिहार में अप्रैल 2016 में शराबबंदी लागू हुई थी.
कुमार ने शराबबंदी कानून की आवश्यकता पर जोर दिया, साथ ही उन्होंने बाल विवाह एवं दहेज प्रथा जैसी सामाजिक कुरीतियों को भी समाप्त करने की अपील की.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैंने शराबबंदी की इसलिए काफी संख्या में लोग मुझसे नाराज हैं. वे कहते हैं कि हमें कम से कम उन लोगों को छूट देनी चाहिए जो बाहर से आते हैं. क्या लोग बिहार में शराब पीने आते हैं?’
गौरतलब है कि दीपावली के आसपास राज्य में मिलावटी शराब पीने से कई जिलों में 40 से अधिक लोगों की मौत हो गई. गोपालगंज में ही 10 से अधिक लोगों की मौत हो गई.