नयी दिल्ली: राफेल मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले पर बृहस्पतिवार को भाजपा तथा कांग्रेस के बीच फिर से तनातनी शुरू हो गयी . केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जहां राफेल मामले में पुनर्विचार याचिका खारिज करने के शीर्ष अदालत के फैसले को सत्य की जीत बताया और कांग्रेस नेता राहुल गांधी से इस संबंध में माफी मांगने को कहा, वहीं कांग्रेस ने मामले में जेपीसी जांच की मांग करते हुए कहा कि न्यायमूर्ति के एम जोसफ ने जांच के लिए दरवाजा खुला रखा है.
भाजपा का हर नेता कर रहा है राहुल से माफी की मांग
शीर्ष अदालत के फैसले के तत्काल बाद भाजपा ने अपने शीर्ष मंत्रियों और आला नेताओं को कांग्रेस तथा राहुल गांधी पर हमले के लिए उतार दिया. दूसरी तरफ विपक्षी दल की ओर से भी तीखी प्रतिक्रिया आई और उसने कहा कि यह फैसला सरकार के लिए क्लीन चिट नहीं है.
कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव में राफेल सौदे को बड़ा मुद्दा बनाते हुए सरकार पर इसमें भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था और ‘चौकीदार चोर है’ का नारा लगाया था.
शाह ने राफेल मामले में पुनर्विचार याचिका खारिज करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले को उन ‘दलों एवं नेताओं’ को करारा जवाब करार दिया जो ‘बेबुनियाद एवं दुर्भावनापूर्ण’ अभियान चला रहे थे .
शाह ने अपने ट्वीट में कहा कि शीर्ष अदालत के फैसले से स्पष्ट हो गया है कि राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर संसद को बाधित करना शर्मनाक था. गृह मंत्री ने कहा कि गुरूवार का शीर्ष अदालत का फैसला एक बार फिर से नरेन्द्र मोदी सरकार की विश्वसनियता की पुष्टि करता है जो पारदर्शी एवं भ्रष्टाचार से मुक्त है .
Now, it has been proved that disruption of Parliament over #Rafale was a sham. The time could have been better utilised for the welfare of people.
After today's rebuke from SC, Congress and its leader, for whom politics is above national interest must apologise to the nation.
— Amit Shah (@AmitShah) November 14, 2019
उन्होंने कहा कि अदालत की फटकार के बाद कांग्रेस और उनके नेताओं को देश से माफी मांगनी चाहिए .
भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा, ‘सड़क से लेकर संसद तक राहुल गांधी और उनकी पार्टी ने देश को गुमराह करने का प्रयास किया लेकिन सत्य की जीत हुई . मैं आशा करता हूं कि राहुल गांधी देश में होंगे और राष्ट्र से क्षमा मांगेंगे . ’
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शीर्ष अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, ‘राफेल सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप कुछ और नहीं बल्कि प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार की ईमानदार एवं स्वच्छ छवि को धुमिल करने का प्रयास था . ’
उन्होंने कहा, ‘भारत की जनता इस दुर्भावना से प्रेरित अभियान के लिये कांग्रेस को माफ नहीं करेगी . लोगों को गुमराह करने के लिये कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए . ’
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, ‘आज देश यह जानना चाहता है कि वो कौन सी ताकतें थीं जो राहुल गांधी के पीछे खड़ी थीं. हम इतना ही कह सकते हैं कि यह अभियान पूरी तरह संशय से घिरा हुआ है . ’ उन्होंने कहा, ‘ कांग्रेस ने झूठ बोला, हमारे ईमानदार प्रधानमंत्री के खिलाफ अभियान चलाया, विदेशों में भारत की साख को घटाने की कोशिश की. इसलिए, आज राहुल गांधी को देश से माफ़ी मांगने की जरूरत है, क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने आज मानहानि मामले पर माफी मांगने पर आपको छोड़ा है.’ उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने राफेल लड़ाकू विमान सौदा मामले में नरेंद्र मोदी सरकार को बृहस्पतिवार को क्लीन चिट देते हुए कहा कि पुनर्विचार याचिकाएं सुनवायी योग्य नहीं हैं.
न्यायालय ने अपने 14 दिसंबर 2018 के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया.
उच्चतम न्यायालय ने राफेल सौदे के संबंध में टिप्पणियों के लिए राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि उन्हें भविष्य में सावधान रहना चाहिए.
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जिनके हाथ पूरी तरह से भ्रष्टाचार में रंगे हैं, देश की सुरक्षा से जिन्होंने खिलवाड़ किया है, वो अपने प्रायोजित राजनीतिक कार्यक्रम को अदालत में न्याय की गुहार के रूप में प्रस्तुत कर रहे थे .
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अपने ट्वीट में कहा, ‘ न्यायालय के फैसले ने एक बार फिर राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं सरकार के दृढ़ संकल्प की पुष्टि की है. उम्मीद है कि कांग्रेस पार्टी और उसके पूर्व अध्यक्ष झूठ फैलाना बंद करेंगे एवं राष्ट्र निर्माण और देश की सुरक्षा के प्रति सकारात्मक योगदान देंगे.’
कांग्रेस के नेताओं ने की जेपीसी की मांग
उधर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि शीर्ष अदालत के निर्णय से ही इस ‘घोटाले’ की जांच के लिए बड़ी गुंजाइश पैदा हुई है और ऐसे में जांच के लिए अब संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन होना चाहिए.
उन्होंने ट्वीट किया कि उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति जोसेफ ने जो कहा है उससे ‘राफेल घोटाले’ की जांच के लिए बड़ी गुंजाइश पैदा हुई है.
उन्होंने कहा, ‘इस मामले की पूरी तरह जांच शुरू होनी चाहिए. इस घोटाले की जांच के लिए जेपीसी गठित की जाए.’
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी कहा कि इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘उच्चतम न्यायालय ने कहा कि इस मामले की जांच पुलिस सहित सभी एजेंसियां कर सकती हैं. उसने कहा कि हमारा अधिकार क्षेत्र और दायरा सीमित है, लेकिन कोई भी जांच एजेंसी इस पूरे मामले की जांच कर सकती है. न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि न्यायालय का फैसला किसी भी जांच के रास्ते में कोई अड़चन नहीं है.’
सुरजेवाला ने कहा, ‘जीत के जश्न का दिन नहीं, बल्कि संजीदगी से जांच कराने का दिन है. भाजपा नेता और मंत्री देश को गुमराह कर रहे हैं. वे सबकी आंखों पर पर्दा डालना चाहते हैं. जेपीसी की जांच जरूरी है. भाजपा जश्न नहीं मनाए, जांच कराए.’
उन्होंने कहा, ‘सच्चाई यह है कि उन सवालों के जवाब सरकार ने नहीं दिए जो कांग्रेस और राहुल गांधी पूछते रहे हैं. पहला सवाल यह है कि भाजपा सरकार ने 30 हजार करोड़ रुपये के ऑफसेट कांट्रैक्ट से हिंदुस्तान एयरनॉटिक्स को क्यों अलग कर दिया?’
कांग्रेस नेता ने यह सवाल भी किया, ‘यह ठेका 12 दिन पुरानी कंपनी को क्यों दे दिया गया? विमान की कीमत क्यों बढ़ाई गई? जब 126 विमानों की जरूरत थी तो 36 विमान क्यों खरीदे गए? रक्षा खरीद प्रक्रियाओं की अहवेलना क्यों की गई? भाजपा सरकार ने देश को ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी से उपेक्षित क्यों किया? विमानों की आपूर्ति आठ साल में क्यों की जा रही है? नरेंद्र मोदी ने विमान की बुनियादी कीमत में 40 फीसदी बढ़ोतरी क्यों की?’