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Friday, 3 May, 2024
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बेरोजगारों को मदद, पहाड़ों में रुकने के लिए रियायतें- उत्तराखंड घोषणापत्र में क्या कुछ पेश करने जा रही कांग्रेस

उत्तराखंड के लिए कांग्रेस का घोषणापत्र प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा बुधवार को जारी किया जायेगा. राज्य में 14 फरवरी को मतदान होना है.

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नई दिल्ली: जैसा कि दिप्रिंट को पता चला है, भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए बनाई जाने वाली एक परिषद, कर्तव्य का निर्वाह करते हुए शहीद सैनिकों के परिवारों को मिलने वाले मुआवजे को दोगुना करना, चार धाम तीर्थ यात्रा के लिए एक ऐप लांच करना, पहाड़ी इलाकों में बसे अपने पैतृक गांवों में रहने वाले लोगों के लिए विशेष भत्ता, युवाओं के लिए बेरोजगारी भत्ता, राज्य सरकार की नौकरियों में रिक्तियों को भरना और रोजगार में महिलाओं के लिए प्राथमिकता – ये कुछ ऐसे वादे हैं जिनकी घोषणा कांग्रेस इस विधानसभा चुनाव से पहले अपने उत्तराखंड घोषणा पत्र में करने जा रही है.

इस राज्य में 14 फरवरी को एक चरण में मतदान होना है.

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का कहना था, ‘राज्य में बेरोजगारी एक बड़ी चिंता है और कांग्रेस उत्तराखंड में प्रत्येक परिवार के एक व्यक्ति को या तो सरकारी नौकरी या फिर सरकारी परियोजनाओं के माध्यम से रोजगार प्रदान करेगी.’ उन्होंने यह भी कहा कि इसके साथ ही ‘राज्य सरकार की नौकरियों पर कथित रोक’ को भी समाप्त कर दिया जायेगा.

घोषणापत्र में कहा गया है कि ‘फ़िलहाल राज्य में 28,000 पदों को भरा जाना बाकी है’.

घोषणापत्र में आगे कहा गया है, ‘इन्हें भरने के लिए सरकारी नौकरियों पर लगी रोक हटाई जाएगी. हम हर साल सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत की वृद्धि करेंगे और राज्य के ब्लॉक और जिला स्तर पर रहने वाले स्थानीय युवाओं को नौकरी (वर्ग 3, 4 आदि) के आधार पर प्राथमिकता भी दी जाएगी.‘

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इसके अलावा, अगर पार्टी सत्ता में आती है, तो तीन साल से बेरोजगार रहने वाले युवाओं को ‘न्याय योजना’ के तहत बेरोजगारी भत्ता देने का भी वादा किया गया है.

ऊपर उद्धृत नेता ने कहा, ‘सात प्रमुख विभागों में महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी. मनरेगा में भी महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी और इसके तहत 40 फीसदी काम महिलाओं के लिए आरक्षित रहेगा.


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पूर्व सैनिकों, स्वतंत्रता सेनानियों को रिझाने के प्रयास

कांग्रेस के एक दूसरे नेता ने कहा कि उनकी पार्टी ‘राज्य में स्वतंत्रता सेनानी सदनों (निकायों) की स्थापना करेगी’.

इस कांग्रेस नेता ने कहा, ‘सड़कों और गलियों का नाम स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर रखा जाएगा. हम स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को दी जाने वाली आर्थिक राशि भी बढ़ाएंगे. शहीदों के परिवारों से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाएगी.’

पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए एक परिषद भी स्थापित की जाएगी जो वित्तीय धोखाधड़ी सहित उनके सामने आने वाले समस्याओं को उठाएगी.

पार्टी के घोषणापत्र में यह भी कहा गया है कि मज़बूरी के कारण होने वाले पलायन पर रोक लगायी जाएगी. पार्टी ने कहा है कि पहाड़ी क्षेत्रों से पलायन को रोकने हेतु ऐसे क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को विशेष भत्ता और बिजली बिल में विशेष छूट प्रदान की जाएगी.

पर्यटन भी घोषणापत्र का एक हिस्सा है और चार धाम तीर्थ क्षेत्रों को प्लास्टिक मुक्त बनाने और वहां आरओ का पानी उपलब्ध कराने के अलावा, पार्टी ने पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए ‘पर्यटन पुलिस की इकाइयों’ की स्थापना का भी वादा किया है.

किसानों, कोविड प्रभावित लोगों के लिए राहत

ऊपर उद्धृत किये गए दूसरे कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी चीनी मिलों के आधुनिकीकरण के लिए भी काम करेगी और एक ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करेगी जिसके तहत किसानों के लंबित बिलों का जल्द भुगतान किया जाए.

इस नेता ने कहा, ‘कृषि कानूनों के खिलाफ हुए आंदोलन के दौरान जिन किसानों पर राजनीतिक द्वेष के की वजह से मुकदमा दर्ज किया गया था, उनके पर से ऐसे मामले वापस ले लिए जाएंगे. जैविक (आर्गेनिक) खेती को बढ़ावा दिया जाएगा और इसे हासिल करने के लिए नौ जिलों को पूरी तरह से आर्गेनिक बनाया जाना है.’

कोविड -19 महामारी से हुई तबाही का संज्ञान लेते हुए, पार्टी ने ‘महामारी के शमन के लिए एक विशेष संस्थान’ (स्पेशल इंस्टीट्यूट फॉर एपिडेमिक मिटिगेशन) बनाने का भी वादा किया है.

पार्टी नेता ने कहा, ‘जिन लोगों ने कोविड -19 के दौरान अपने कमाने वाले सदस्यों को खो दिया है उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी. एक बार हमारी सरकार बनने के बाद हम उन छात्रों की शिक्षा के लिए भी भुगतान करेंगे जिन्होंने अपने माता-पिता को खो दिया है. साथ ही जिन छात्रों ने शिक्षा ऋण लिया है, उनका भी कोविड काल के दौरान का ब्याज माफ कर दिया जाएगा.’

कांग्रेस ने गैरसैंण शहर को स्थायी राजधानी बनाने का भी वादा किया है और कहा है कि इस क्षेत्र के विकास के लिए नीति आयोग को एक प्रस्ताव भेजा जाएगा.

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘उत्तराखंड का लगभग 71 प्रतिशत भाग वन भूमि है. आठ पहाड़ी जिलों में 90 प्रतिशत भूमि वनों से पटी पड़ी है. कांग्रेस सरकार आज के संदर्भ में वन कानूनों पर चर्चा कर उनमें आवश्यक बदलाव करने के बारे में पहल करेगी.’

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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