नई दिल्ली: बसपा प्रमुख मायावती ने प्रवासी मजदूरों की समस्या को लेकर कांग्रेस पार्टी पर हमलावर बनी हुई हैं. उन्होंने मजदूरों के इस दुर्दशा और पलायन के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है. मायावती ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए शनिवार को सिलसिलेवार ट्वीट किए. उन्होंने लंबे समय तक देश में शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी को मजदूरों के पलायन का जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि अगर अपने लंबे शासन काल के दौरान पार्टी ने उनकी रोजी-रोटी की सही व्यवस्था की होती तो लोगों को दूसरे राज्यों में पलायन ही क्यों करना पड़ता.
मायावती ने ट्वीट किया, ‘आज पूरे देश में कोरोना लाॅकडाउन के कारण करोड़ों प्रवासी श्रमिकों की जो दुर्दशा दिख रही है उसकी असली कसूरवार कांग्रेस है क्योंकि आजादी के बाद अगर पार्टी अपने लम्बे शासनकाल के दौरान अगर रोजी-रोटी की सही व्यवस्था गांव/शहरों में की होती तो इन्हें दूसरे राज्यों में क्यों पलायन करना पड़ता.’
कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज एक प्रवासी मजदूरों का एक वीडियो जारी किया है जो 16 मई को प्रवासी मजदूरों से बातचीत के दौरान बनाया गया था. मायावती ने बिना नाम लिए इस वीडियो को हमदर्दी वाला कम और नाटक ज्यादा बताया और कहा कि अगर उन्होंने कहा कि कांग्रेस अगर ये बताती कि अगर वीडियो में ये बताया गया होता कि उनसे मिलते समय कितने लोगों की वास्तविक मदद की तो बेहतर होता. यही नहीं कांग्रेस के साथ मायावती ने भारतीय जनता पार्टी पर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला बोला.
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बसपा प्रमुख ने ट्वीट कर आगे कहा,’ वैसे ही वर्तमान में कांग्रेसी नेता द्वारा लाॅकडाउन त्रासदी के शिकार कुछ श्रमिकों के दुःख-दर्द बांटने सम्बंधी जो वीडियो दिखाया जा रहा है वह हमदर्दी वाला कम व नाटक ज्यादा लगता है. कांग्रेस अगर यह बताती कि उसने उनसे मिलते समय कितने लोगों की वास्तविक मदद की है तो यह बेहतर होता.’
‘साथ ही बीजेपी की केन्द्र व राज्य सरकारें कांग्रेस के पदचिन्हों पर ना चलकर, इन बेहाल घर वापसी कर रहे मजदूरों को उनके गांवों/शहरों में ही रोजी-रोटी की सही व्यवस्था करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की नीति पर यदि अमल करती हैं तो फिर आगे ऐसी दुर्दशा इन्हें शायद कभी नहीं झेलनी पड़ेगी.’
1. आज पूरे देश में कोरोना लाॅकडाउन के कारण करोड़ों प्रवासी श्रमिकों की जो दुर्दशा दिख रही है उसकी असली कसूरवार कांग्रेस है क्योंकि आजादी के बाद इनके लम्बे शासनकाल के दौरान अगर रोजी-रोटी की सही व्यवस्था गाँव/शहरों में की होती तो इन्हें दूसरे राज्यों में क्यों पलायन करना पड़ता? 1/4
— Mayawati (@Mayawati) May 23, 2020
बसपा सुप्रीमों ने आगे लिखा,’बीएसपी के लोगों से भी पुनः अपील है कि जिन प्रवासी मजदूरों को उनके घर लौटने पर उन्हें गांवों से दूर अलग-थलग रखा गया है तथा उन्हें उचित सरकारी मदद नहीं मिल रही है तो ऐसे लोगों को भी अपना मानकर उनकी भरसक मानवीय मदद करने का प्रयास करें. मजलूम ही मजलूम की सही मदद कर सकता है.’
गौरतलब है कि इसके पहले भी बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस और भाजपा पर हमला बोला था. और कई ट्वीट किए थे और कहा था श्रमिकों के नाम पर कांग्रेस और भाजपा घिनौनी राजनीति कर रही है जबकि इन्हें मजलूमों को घर भेजने के लिए उचित व्यवस्था करनी चाहिए.
उन्होंने लिखा था, ‘प्रवासी श्रमिकों को घर भेजने के नाम पर भाजपा और कांग्रेस द्वारा जिस प्रकार से घिनौनी राजनीति की जा रही है यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण है. कांग्रेस को श्रमिकों का टिकट लेकर ट्रेनों से इन्हें इनके घर भेजने में मदद करनी चाहिये. यह ज्यादा उचित और सही होगा.’
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वहीं मायावती ने कांग्रेस यह भी सलाह दी कि वह एक हजार बसें उत्तर प्रदेश भेजने की बजाय उन्हें पंजाब और चंडीगढ भेजती जिससे पीड़ित श्रमिक सुरक्षित पहुंच पाते. बता दें कि तीन दिन तक कांग्रेस और भाजपा के बीच चले ड्रामे के बीच आखिरकार कांग्रेस पार्टी की प्रवासी मजदूरों के लिए मंगाई बसें वापस कर दी गईं.