नई दिल्ली: आदिवासी नेता विष्णु देव साय को मुख्यमंत्री बनाने के बाद, छत्तीसगढ़ में भाजपा ने गुरुवार को अरुण साव की जगह सामान्य वर्ग से किरण सिंह देव को पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष के रूप में चुना.
इससे पहले, अपनी जाति संतुलन रणनीति के हिस्से के रूप में, राज्य में 42 प्रतिशत ओबीसी आबादी को देखते हुए, ओबीसी समुदाय के साव को डिप्टी सीएम के रूप में नामित किया गया था. बिलासपुर से पूर्व सांसद साव ने ओबीसी बेल्ट में पार्टी के प्रदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
इस बीच, पहली बार विधायक बने विजय शर्मा, जो कि एक ब्राह्मण हैं, को दूसरे डिप्टी सीएम के रूप में नियुक्त किया गया. ऐसा करके पार्टी ने ओबीसी और आदिवासियों के साथ-साथ ऊंची जातियों तक भी अपनी पहुंच बनाई है.
वहीं राजपूत नेता रमन सिंह को विधानसभा स्पीकर के रूप में चुना गया.
इस महीने की शुरुआत में संपन्न विधानसभा चुनाव में किरण सिंह देव ने कांग्रेस के जतीन जायसवाल को हराकर जगदलपुर सीट से जीत हासिल की.
भाजपा के बस्तर जिला अध्यक्ष रूप सिंह मंडावी ने प्रिंट को बताया, “किरण सिंह देव मूल रूप से एक संगठनात्मक व्यक्ति हैं. चूंकि बस्तर भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, इसलिए पार्टी ने इस क्षेत्र से एक सीएम और प्रदेश अध्यक्ष दोनों को चुना है.
इन चुनावों में, भाजपा ने आदिवासी बेल्ट, बस्तर और सरगुजा में महत्वपूर्ण बढ़त हासिल की, जिससे उसे राज्य में वापसी करने में मदद मिली. अब, उसने रणनीतिक रूप से अपना मुख्यमंत्री सरगुजा से और प्रदेश अध्यक्ष बस्तर से चुना है.
सूत्रों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में सामान्य वर्ग की आबादी 8 प्रतिशत है. इनमें से राजपूत केवल 2.5 प्रतिशत हैं. सामान्य वर्ग से राज्य इकाई का अध्यक्ष नियुक्त करने का भाजपा का निर्णय बस्तर क्षेत्र को पुरस्कृत करने का एक तरीका है, जो राज्य में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण था.
दिप्रिंट से बात करते हुए, छत्तीसगढ़ बीजेपी के एक पदाधिकारी ने कहा, “पहले जब सीएम सामान्य वर्ग से थे, तो पार्टी ने आदिवासी नेता को राज्य में पार्टी का नेतृत्व सौंपकर संतुलन बनाया. जब रमन सिंह सीएम थे तो बीजेपी ने एक आदिवासी प्रदेश अध्यक्ष को चुना था. अब जबकि मुख्यमंत्री आदिवासी समुदाय से हैं तो प्रदेश अध्यक्ष सामान्य वर्ग से चुना गया है. (पूर्व मुख्यमंत्री) भूपेश बघेल का मुकाबला करने के लिए अरुण साव या धर्मपाल कौशिक को लाकर ओबीसी को मौका दिया गया है. सामान्य जाति से प्रदेश अध्यक्ष चुनना पार्टी की जाति संतुलन रणनीति का एक हिस्सा था. पार्टी ने 20 साल बाद सामान्य जाति से किसी प्रदेश अध्यक्ष को चुना है.
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किरण सिंह देव का प्रमोशन
जगदलपुर के एक जमींदार परिवार से आने वाले किरण सिंह देव ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत बस्तर में भाजपा की युवा शाखा भारतीय जनता युवा मोर्चा से की और अंततः 2002 में तत्कालीन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष लखीराम अग्रवाल के नेतृत्व में पार्टी के जिला अध्यक्ष बने.
दिप्रिंट से बात करते हुए, जगदलपुर के पूर्व विधायक संतोष बाफना ने दावा किया कि उन्होंने किरण सिंह देव की शुरुआती राजनीतिक यात्रा में सौदान सिंह से मिलने के लिए दबाव डालकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जो रमन सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान छत्तीसगढ़ इकाई के प्रभारी थे.
पूर्व बीजेपी विधायक शरद अवस्थी ने दिप्रिंट को बताया कि 1996 से 2002 के बीच बस्तर इकाई के जिला अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने किरण सिंह देव को भाजयुमो के उपाध्यक्ष के रूप में शामिल किया था. देव को बाद में पार्टी के जिला अध्यक्ष और 2009 में जगदलपुर के मेयर के रूप में कार्यभार सौंपा गया था, जब उन्होंने बड़े अंतर से मेयर चुनाव जीता था. ये उस समय की बात है जब रमन सिंह सीएम थे. रमन सिंह के साथ उनके संबंधों ने पार्टी के भीतर उनके आगे बढ़ने में मदद की है.
2014 में, किरण सिंह देव को राज्य भाजपा सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था. उन्होंने छत्तीसगढ़ भाजपा अध्यक्ष के रूप में अपने 2020-2022 के कार्यकाल के दौरान विष्णु देव साय के नेतृत्व में महासचिव के रूप में भी कार्य किया है.
(संपादनः शिव पाण्डेय)
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