गुरुग्राम: हरियाणा के उपमुख्यमंत्री और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के नेता दुष्यंत चौटाला ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ अपने गठबंधन में दरार की अटकलों को खारिज करते हुए दावा किया कि यह “बहुत अच्छी तरह से काम कर रहा है” और सीटों के बंटवारे पर फैसला लोकसभा चुनाव से पहले लिया जाएगा.
उनकी यह टिप्पणी भाजपा अध्यक्ष जे.पी.नड्डा द्वारा पंचकुला में यह बयान देने के दो दिन बाद आई है कि उनकी पार्टी हरियाणा में सभी 10 सीटें जीतेगी, जिससे जेजेपी के लिए कोई भी सीट छोड़ने की उनकी अनिच्छा का संकेत मिलता है, जिसने 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद उसके साथ गठबंधन किया था.
जेजेपी इस बार कम से कम एक लोकसभा सीट-हिसार या भिवानी-पर चुनाव लड़ना चाहती है.
दुष्यंत चौटाला ने दिप्रिंट को बताया, “मैंने कई मौकों पर कहा है कि जैसे-जैसे चुनाव करीब आते हैं, हर राजनीतिक दल सभी सीटों पर चुनाव की तैयारी करता है.”
उन्होंने कहा, “भाजपा और जेजेपी दोनों सभी सीटों के लिए तैयारी कर रहे हैं. जैसा कि राज्य सरकार के प्रदर्शन से पता चल रहा है, भाजपा के साथ हमारा गठबंधन बहुत अच्छी तरह से काम कर रहा है, जहां तक चुनावी गठबंधन का सवाल है, दोनों पार्टियां चुनाव से पहले एक साथ बैठेंगी और फैसला करेंगी.” उन्होंने आगे कहा कि गठबंधन बनने के बाद से ही मीडिया इसके बारे में अटकलें लगा रहा है.
नड्डा के बयान के एक दिन बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहले जो कहा था, उसे दोहराते हुए, जेजेपी ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के विधानसभा क्षेत्र के समान घरौंडा में एक रैली आयोजित की — जहां पार्टी कार्यकर्ताओं ने दुष्यंत के संभावित सीएम बनने के नारे लगाए.
जेजेपी सुप्रीमो अजय सिंह चौटाला और प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह ने पार्टी कार्यकर्ताओं से ‘‘मिशन दुष्यंत-2024’’ की सफलता के लिए कड़ी मेहनत करने का आह्वान किया, जिसका उद्देश्य इस साल के विधानसभा चुनावों में दुष्यंत चौटाला को सीएम बनाना सुनिश्चित करना है.
लेकिन, दिप्रिंट से बात करते हुए सिंह ने कहा कि न तो मिशन और न ही नड्डा का बयान गठबंधन की स्थिति का प्रतिबिंब है.
उन्होंने कहा, जब नड्डा ने कहा कि भाजपा सभी 10 सीटें जीतेगी, तो उनका मतलब गठबंधन की जीत से था.
उन्होंने केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत जागरूकता और नामांकन को बढ़ावा देने की पहल का ज़िक्र करते हुए कहा, “राजनीतिक दलों में पार्टी कार्यकर्ताओं को उत्साहित करने के लिए कुछ नारे देना एक आम बात है. भाजपा ने चुनाव से पहले अपने अभियान में ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ का नारा भी दिया है.
इसी तरह, उन्होंने कहा, ‘मिशन दुष्यंत-2024’ को ‘इस साल होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनावों’ के नारे के रूप में भी देखा जाना चाहिए.
सिंह ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भाजपा और जेजेपी इस साल एक साथ चुनाव लड़ेंगे और सीट बंटवारे के मुद्दों को उचित समय पर सुलझा लिया जाएगा.
उन्होंने कहा, तब तक दोनों पार्टियां व्यक्तिगत स्तर पर चुनाव की तैयारी कर रही हैं.
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला ने कहा कि जेजेपी के साथ गठबंधन जारी रखने का मुद्दा पार्टी आलाकमान द्वारा तय किया जाएगा, लेकिन नड्डा द्वारा सभी 10 सीटों पर जीत का विश्वास व्यक्त करने में कुछ भी असामान्य नहीं है.
बराला ने कहा, “बीजेपी ने 2019 में सभी 10 सीटें जीतीं और हमारी पार्टी के पास हरियाणा की सभी 10 सीटों पर मौजूदा सांसद हैं. किसी भी प्रकार के सीट गठबंधन में, यह स्वाभाविक है कि सभी 10 सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार होंगे.”
बराला 2014 में हरियाणा की टोहाना विधानसभा सीट से चुने गए थे, लेकिन 2019 में जेजेपी के देवेंद्र बबली से हार गए थे.
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कठिन परीक्षा
राजनीतिक पर्यवेक्षकों के मुताबिक, हालांकि, पार्टियां इससे इनकार कर रही हैं, लेकिन बीजेपी और जेजेपी की हालिया गतिविधियों से लगता है कि गठबंधन कड़ी परीक्षा की ओर बढ़ रहा है.
हरियाणा स्थित राजनीतिक विश्लेषक पवन कुमार बंसल ने कहा कि यह संभावना नहीं है कि गठबंधन संसदीय चुनावों तक चलेगा.
उन्होंने कहा, “जेजेपी का एक भी लोकसभा सीट पर दावा नहीं है क्योंकि राज्य की सभी 10 सीटों पर भाजपा के मौजूदा सांसद हैं. स्वाभाविक रूप से अगर पार्टी गठबंधन जारी रखना चाहती है तो भाजपा जेजेपी को कोई सीट देने की संभावना नहीं रखती है. उस स्थिति में, यह जेजेपी पर छोड़ दिया जाएगा कि वह या तो एक भी सीट के बिना भाजपा का समर्थन करे या गठबंधन छोड़ दे.”
एक अन्य राजनीतिक विश्लेषक, हेमंत अत्री ने कहा कि भाजपा द्वारा जेजेपी के साथ गठबंधन तोड़ने की संभावना नहीं है, लेकिन संसदीय चुनावों में जेजेपी के कोई भी सीट छोड़ने की भी संभावना नहीं है.
(संपादन : फाल्गुनी शर्मा)
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