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Saturday, 4 May, 2024
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49 और नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाए जाने के बाद, अब विपक्ष के 41% सांसद हुए निलंबित

लोकसभा से आज के निलंबन से एक सप्ताह से भी कम समय में दोनों सदनों की कुल संख्या 141 हो गई है. लोकसभा में 48% और राज्यसभा में 32% विपक्षी सांसदों को बाहर का रास्ता दिखाया गया.

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नई दिल्ली: पिछले हफ्ते संसद की सुरक्षा उल्लंघन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान की मांग को लेकर विपक्षी सांसदों के विरोध प्रदर्शन में कोई कमी नहीं आने के बाद, मंगलवार को अन्य 49 सांसदों को लोकसभा से निलंबित कर दिया गया, कुल संख्या मिलाकर एक सप्ताह से भी कम समय में दोनों सदनों में निलंबित सांसदों की संख्या 141 हो गई.

यह दोनों सदनों की संयुक्त संख्या का लगभग पांचवां हिस्सा और सभी विपक्षी सांसदों का 41 प्रतिशत है.

मंगलवार की कार्रवाई के साथ, लोकसभा में कुल विपक्षी सांसदों में से 48 प्रतिशत शुक्रवार को समाप्त होने वाले शीतकालीन सत्र के बाकी बचे समय के लिए निलंबित हो गए हैं – जो भारत के संसदीय इतिहास में एक तरह का रिकॉर्ड है. लोकसभा में कुल 522 सांसदों में से वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास 290 सांसद हैं, जबकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए, जिसमें भाजपा और सहयोगी दल शामिल हैं) के पास 324 सांसद हैं.

शेष 198 सांसद विपक्ष से हैं, जिनमें बीजू जनता दल, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) और युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) जैसे दल शामिल हैं, जो सत्तारूढ़ एनडीए के अनुकूल और फ्रेंडली हैं. मंगलवार के निलंबन के बाद, एनडीए के मित्र विपक्षी दलों को छोड़कर, अब केवल 47 विपक्षी सांसद लोकसभा में बचे हैं.

राज्यसभा में कुल विपक्षी सांसदों में से 32 प्रतिशत गुरुवार से निलंबित हैं. वर्तमान में, राज्यसभा की कुल संख्या 238 है. इसमें से भाजपा के पास 93 सांसद हैं, जबकि शेष 145 विपक्षी दलों (भाजपा के अनुकूल दलों सहित), नामित सदस्यों और स्वतंत्र सदस्यों के सदस्य हैं. राज्यसभा में मंगलवार तक 99 विपक्षी सांसद सदन में बचे रहे.

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इससे पहले मंगलवार को बीजेपी संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में विरोध प्रदर्शन को लेकर विपक्षी दलों की आलोचना की.

मोदी ने दावा किया कि वे (विपक्ष) हालिया विधानसभा चुनाव में हार से ‘निराश’ हैं और इसलिए संसद की कार्यवाही बाधित कर रहे हैं.

बीजेपी सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि संसद में हुई सुरक्षा चूक पर चिंता व्यक्त करते हुए मोदी ने पार्टी सांसदों से कहा कि ऐसे कृत्यों की निंदा की जानी चाहिए, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि विपक्ष इसे “राजनीतिक” रंग देने में व्यस्त है.

बैठक में मौजूद एक भाजपा सूत्र ने कहा, “पीएम ने कहा कि यह चिंताजनक है कि विपक्ष वास्तव में अप्रत्यक्ष रूप से उन लोगों की कार्रवाई को उचित ठहरा रहा है जिन्होंने इस कृत्य को अंजाम दिया. उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष जिस तरह से आचरण कर रहा है, उससे यह सुनिश्चित हो जाएगा कि 2024 के लोकसभा चुनावों में उसकी संख्या और कम हो जाएगी. जबकि आज संसद में जो खाली सीटें आप देख रहे हैं, वे भाजपा सांसदों से भरी जाएंगी.”

प्रधानमंत्री ने भाजपा नेताओं से कहा कि वे विपक्ष को बेनकाब करें लेकिन मर्यादा में रहकर.

पिछले सप्ताह, बुधवार को दो व्यक्ति धुएं का कैनिस्टर लेकर दर्शक दीर्घा से लोकसभा की बेंचों पर कूद पड़े और संसद के सुरक्षा प्रोटोकॉल में खामियों पर सवाल उठाए. ऐसा कहा जाता है कि दोनों एक सोशल मीडिया समूह का हिस्सा थे और उन्होंने “महीनों तक घटना की योजना बनाई थी.” जैसा कि दिप्रिंट ने रिपोर्ट किया है. मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि एक से पूछताछ की जा रही है.

पिछले सप्ताह की घटना 2001 के संसद हमले की बरसी पर हुई, जिसमें आठ सुरक्षाकर्मी और एक माली मारे गए थे.


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‘हर चीज़ की एक सीमा होती है’

मंगलवार को संसद के दोनों सदनों की बैठक शुरू होते ही हंगामा मच गया. लोकसभा सुबह 11 बजे शुरू होने के तुरंत बाद कई बार स्थगित की गई.

सदन की कार्यवाही शुरू होने के तुरंत बाद, विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी और भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल को उनके निलंबन की घोषणा करने के लिए सदन के आसन के सामने तख्तियां दिखानी शुरू कर दीं. निलंबित किए गए लोगों में कांग्रेस के शशि थरूर और मनीष तिवारी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले, बहुजन समाज पार्टी के दानिश अली, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय और जनता दल (यूनाइटेड) के राजीव रंजन सिंह शामिल हैं.

राज्यसभा की कार्यवाही भी दो बार स्थगित की गई, सभापति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को संसद के बाहर उनकी नकल करने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी और टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी सहित विपक्ष की आलोचना की, हालांकि उन्होंने किसी भी सांसद का नाम नहीं लिया.

धनखड़ ने कहा, “कुछ समय पहले मैंने इसे एक टीवी चैनल पर देखा था.. गिरावट की कोई हद नहीं है [कितना रोका है इसकी कोई सीमा नहीं है].. आपके एक बड़े नेता एक सांसद के असंसदीय व्यवहार का वीडियो बना रहे थे. मैं केवल इतना ही कह सकता हूं कि सद्बुद्धि आए. एक सीमा होनी चाहिए.. कम से कम कुछ जगह तो छोड़ दीजिए.”

“कल्पना कीजिए कि आपकी पार्टी का एक वरिष्ठ नेता किसी अन्य सदस्य की (किसी अन्य पार्टी के) अध्यक्ष की नकल, स्पीकर की नकल की वीडियोग्राफी कर रहा है, यह कितना हास्यास्पद है.

“कितना घटिया, कितना शर्मनाक, कितना अस्वीकार्य,” धनखड़ ने सदन को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित करने से पहले कहा.

वीकेंड के बाद सोमवार को जैसे ही संसदीय कार्यवाही फिर से शुरू हुई, सुरक्षा चूक पर गतिरोध के बीच, विपक्ष द्वारा संसद में घुसपैठ पर बहस पर अड़े रहने और दोनों सदनों में हंगामा करने के बाद दोनों सदनों से 78 सांसदों को निलंबित कर दिया गया.

13 दिसंबर को सुरक्षा उल्लंघन प्रकरण के बाद से दोनों सदनों में सीमित कामकाज हुआ है. लेकिन सत्ता पक्ष ने हंगामे के बीच भी महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करने में कामयाबी हासिल की, जिनमें दूरसंचार विधेयक, लोकसभा में डाकघर विधेयक और राज्यसभा में मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) विधेयक शामिल हैं. .

(संपादनः शिव पाण्डेय)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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