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Thursday, 19 December, 2024
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एक्टर, मॉडल, TMC मंत्री की ‘करीबी सहयोगी’- बंगाल के SSC घोटाले से क्या है अर्पिता मुखर्जी का ‘लिंक’

बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी सहयोगी मुखर्जी ने 2010 में फिल्मों में काम करने से पहले 2004 में एक मॉडल के रूप में शुरुआत की थी. टीएमसी का कहना है कि वह पार्टी से जुड़ी नहीं हैं.

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कोलकाता: एक मॉडल और एक्टर होने से लेकर पश्चिम बंगाल की एक प्रभावशाली मंत्री की ‘करीबी सहयोगी’ बनने तक, अर्पिता मुखर्जी ने काफी तेजी से तरक्की की. इन सालों में उनका घर का पता मध्यम वर्गीय इलाके के नॉर्थ 24 परगना के बेलघरिया के दक्षिणी कोलकाता के पॉश टॉलीवुड इलाके में बदल गया.

लेकिन जितनी तेजी से वह आगे बढ़ी थी, उसका पतन भी उतनी ही तेजी से हुआ. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को उनके फ्लैट से 21 करोड़ रुपये जब्त करने के एक दिन बाद अर्पिता को गिरफ्तार कर लिया. कथित अनियमितताएं उस समय की हैं जब बंगाल के उद्योग और वाणिज्य मंत्री पार्थ चटर्जी शिक्षा विभाग के प्रभारी थे.

ईडी ने डायमंड सिटी स्थित उसके फ्लैट से 66 लाख रुपये के आभूषण, 20 मोबाइल फोन और विदेशी मुद्रा जब्त की. केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि अर्पिता की कोलकाता और बंगाल में कई संपत्तियां हैं और दावा किया कि उन्हें कई कंपनियों के निदेशक के रूप में दिखाने वाले दस्तावेज भी मिले हैं. एक प्रेस रिलीज में ईडी ने अर्पिता को चटर्जी का ‘करीबी सहयोगी’ बताया. रविवार को शहर की एक अदालत ने उसे एक दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया.

अर्पिता की सोशल मीडिया प्रोफाइल बताती है कि वह एक अभिनेत्री और मॉडल हैं. उन्हें चटर्जी के साथ कई सामाजिक और सार्वजनिक कार्यक्रमों में देखा गया है. इन कार्यक्रमों में चटर्जी द्वारा संचालित नकटला उदयन संघ के दुर्गा पूजा उत्सव भी शामिल हैं. वह 2021 में दुर्गा पूजा के म्यूजिक एल्बम कवर पर भी नजर आई थीं.

पिछले साल बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान अर्पिता ने अपने निर्वाचन क्षेत्र बेहाला पश्चिम में चटर्जी के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार किया था. पार्थ चटर्जी और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) विधायक सोहम चक्रवर्ती के साथ खुली जीप में मुखर्जी की एक तस्वीर उनकी गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर काफी तेजी से शेयर की गई.

अर्पिता ने अपने फेसबुक पेज पर कोलकाता इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल और रक्तदान शिविरों में तृणमूल नेताओं के साथ अपनी तस्वीरें डाली हुईं हैं.

अर्पिता ने एक मॉडल के रूप में अपना करिअर शुरू करते हुए 2004 में कोलकाता की चकाचौंध भरी दुनिया में कदम रखा था. कुछ सालों तक संघर्ष करने के बाद उन्हें फिल्मों में काम मिलने लगा. अर्पिता ने 2010 की बंगाली फिल्म ‘मामा भगने’ में एक साइडकिक की भूमिका निभाई थी. इसमें उन्होंने लोकप्रिय अभिनेता प्रोसेनजीत चटर्जी, रंजीत मलिक और अनन्या चटर्जी के साथ अभिनय किया. अगले साल उनकी ‘बांग्ला बचाओ’ फिल्म पर्दे पर आई, जिसमें उन्हें पाओली डैम, साहेब भट्टाचार्य और प्रोसेनजीत चटर्जी के साथ काम करने का मौका मिला.

फिल्म निर्देशक और निर्माता अनूप सेनगुप्ता ने बताया, ‘उसने मेरे साथ तीन फिल्मों में काम किया है. लेकिन उसके बाद से मेरा उसके साथ कोई संपर्क नहीं रहा. आज 12 साल बाद मैं उसके बारे में सुन रहा हूं और वह भी खबरों में.’


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स्थिति स्पष्ट नहीं

पहले पार्टी ने चटर्जी को अलग-थलग कर दिया और अब अर्पिता के साथ भी यही रुख अपनाया जा रहा है. टीएमसी महासचिव कुणाल घोष ने इस बात से इनकार किया कि सत्ताधारी पार्टी का उनके साथ कोई संबंध था. उन्होंने रविवार को मीडिया को बताया ‘मैं एक बार फिर से कहना चाहता हूं कि अर्पिता मुखर्जी का टीएमसी से कोई संबंध नहीं है. वह पार्टी की सदस्य नहीं हैं. पार्टी का उनसे या उनके घर से बरामद हुए पैसे से कोई लेना-देना नहीं है. कई कार्यकर्ता और अलग-अलग पेशे वाले लोग तृणमूल कांग्रेस के कार्यक्रमों में मंच साझा करते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे टीएमसी का हिस्सा हैं.’

विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के पास इनमें से कुछ भी नहीं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास विपक्ष के नेता के तौर पर सुवेंदु अधिकारी हैं जिन्होंने विशेष रूप से टीएमसी पर हमलावर रुख अपनाया हुआ है.

23 जुलाई को उन्होंने पार्थ चटर्जी के पड़ोस में दुर्गा पूजा के उद्घाटन से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित टीएमसी के वरिष्ठ नेताओं के साथ अर्पिता का एक वीडियो ट्वीट किया. उन्होंने अर्पिता की एक तस्वीर भी ट्वीट की, जिसके बारे में उनका दावा है कि यह 21 जुलाई को टीएमसी के कार्यक्रम की है, जब पार्टी ने मैरी डे मनाया था. इससे पहले उन्होंने चटर्जी, टीएमसी के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बख्शी और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ अर्पिता की एक तस्वीर ट्वीट की थी.

बेलघरिया में अपने पैतृक घर में रहने वाली अर्पिता की मां मिनाती मुखर्जी ने दावा किया कि उनकी बेटी साजिश की शिकार हुई है. उन्होंने कहा कि कानून अपना काम करेगा.

मिनाती के मुताबिक, उनकी बेटी अक्सर उनसे मिलने आती रही है और वह पेशे से एक अभिनेत्री है जिसने बंगाली, उड़िया और तमिल फिल्मों में अभिनय किया है. अर्पिता की मां बेलघरिया में अकेले रहती हैं. उनकी एक बड़ी बेटी है जिसकी शादी हो चुकी है. मिनाती ने बताया कि अर्पिता के पिता केंद्र सरकार के कर्मचारी थे. अर्पिता के ग्रेजुएशन करने के तुरंत बाद ही उनकी मौत हो गई थी.

रविवार को अदालत में पेश करने से पहले अर्पिता को मेडिकल टेस्ट के लिए अस्पताल ले जाया गया था. उसने ईएसआई अस्पताल जोका के बाहर खड़े संवाददाताओं से कहा कि वह निर्दोष है और उसे फंसाया जा रहा है. यह पूछे जाने पर कि क्या उनका पार्थ चटर्जी से कोई संबंध है, उन्होंने कहा, ‘नहीं.’

फिलहाल कथित शिक्षक भर्ती घोटाले में घिरी तृणमूल, अर्पिता से किनारा करती नजर आ रही है. ईडी अब उसके और चटर्जी के बीच पैसे के लेन-देन का पता लगाने के लिए अपनी जांच तेज करने में लगी है.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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