scorecardresearch
Monday, 23 December, 2024
होमराजनीतिमध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में ‘आप’ सभी 230 सीटों पर उतारेगी अपने उम्मीदवार

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में ‘आप’ सभी 230 सीटों पर उतारेगी अपने उम्मीदवार

मध्य प्रदेश में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कुल 230 सीटों में से कांग्रेस 114 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी और भाजपा को 109 सीटें मिली थीं.

Text Size:

नई दिल्ली:आम आदमी पार्टी (आप)मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में सभी 230 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. पार्टी के एक पदाधिकारी ने यह जानकारी दी.

पार्टी के संगठन महासचिव संदीप पाठक ने शनिवार को राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी कांग्रेस पर विनाशकारी राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में ‘आप’ लोगों के सामने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार के मॉडल को रखेगी.

उन्होंने मध्यप्रदेश में हाल के स्थानीय निकाय चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन का हवाला दिया और कहा कि ‘आप’ यहां अगली सरकार बनाएगी.

पाठक ने कहा, ‘हम सभी विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारेंगे और अपनी पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगे.’

मध्य प्रदेश में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कुल 230 सीटों में से कांग्रेस 114 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी और भाजपा को 109 सीटें मिली थीं.

कांग्रेस ने बाद में कमलनाथ के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनाई. हालांकि, मार्च 2020 में कांग्रेस के कई विधायकों के भाजपा में जाने के बाद भगवा पार्टी की सत्ता में वापसी का मार्ग प्रशस्त हुआ.

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए कम समय और प्रदेश कार्यसमिति भंग करने के बाद की स्थिति पर उन्होंने कहा कि राज्य में जल्द ही समिति गठित कर दी जाएगी.

‘आप’ नेता ने मध्यप्रदेश में पार्टी सदस्यता अभियान शुरू करने की घोषणा करते हुए कहा, ‘चूंकि हमारे नेताओं और कार्यकर्ताओं की संख्या मध्य प्रदेश में कई गुना बढ़ गई है, इसलिए हमने अपनी राज्य कार्यकारी समिति को भंग कर दिया ताकि इसका विस्तार किया जा सके और नए चेहरों को जोड़ा जा सके.’

उन्होंने दावा किया, ‘लोग चुनाव लड़ते हैं। हमारी पार्टी तेजी से मजबूत हुई है, जो पिछले साल मध्य प्रदेश में निकाय चुनावों के दौरान मेयर का चुनाव जीतने पर देखा गया। कई जगहों पर हमारे पार्षद भी जीते हैं.’

स्थानीय निकायों के चुनावों ने दोनों दलों (भाजपा और कांग्रेस) को एक जोरदार और स्पष्ट संदेश दिया है.

उन्होंने कहा, ‘हम मध्यप्रदेश में अगली सरकार बनाने जा रहे हैं। हमारे पास देश में 2,000 से 2,500 पार्षद हैं.’

राज्यसभा सदस्य ने यह भी कहा कि केजरीवाल के नेतृत्व में ‘आप’ के उदय के साथ भारत में ‘विनाशकारी और गंदी राजनीति’ की जगह ‘रचनात्मक राजनीति’ ले रही है.

उन्होंने कहा कि ‘आप’ तेजी से देश में एक वैकल्पिक राजनीतिक ताकत के रूप में उभरी है और केवल 10 वर्षों में दिल्ली और पंजाब में सरकार बनाकर और गुजरात में प्रभावशाली प्रदर्शन करके एक राष्ट्रीय पार्टी बन गई है.

पिछले दिसंबर में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में ‘आप’ ने 180 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिनमें से उसने पांच सीटों पर जीत हासिल की। भाजपा ने 182 सदस्यीय सदन में रिकॉर्ड 156 सीटें जीतकर लगातार सातवीं बार सत्ता बरकरार रखी.

पाठक ने कहा, ‘अब लोगों के पास ‘आप’ के रूप में एक मजबूत विकल्प हैं जो उनके उत्थान और कल्याण के लिए समर्पित है.’

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और भाजपा ‘सत्ता के लिए विनाशकारी राजनीति में लिप्त हैं जबकि ‘आप’ ने अस्पताल और स्कूल बनवाए हैं.’

‘आप’ नेता ने कहा, ‘ये दो चीजें (अस्पताल सेवाएं और स्कूली शिक्षा) विकसित देशों में भी मुफ्त हैं.’

मुफ्त की संस्कृति को बढ़ावा और सरकारी खजाने में छेद लगाने के सवाल पर पाठक ने प्रति प्रश्न पूछा कि कल्याणकारी योजनाओं के जरिए लोगों को उनका पैसा वापस देने में क्या गलत है?

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार मुनाफे में है क्योंकि इसने भ्रष्टाचार को खत्म किया जो सरकारी खजाने को खा रहा था.

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पाठक ने कहा कि यह पार्टी चुनाव से पहले भाजपा के साथ रणनीतिक गठबंधन बनाती है और बाद में उसके विधायक बिक जाते हैं. इसका मतलब है कि कांग्रेस को वोट देना, भाजपा को वोट देना है.

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा का एजेंडा किसी भी तरह से सत्ता हथियाना और बनाए रखना है व उस उद्देश्य की पूर्ति के लिए भगवा पार्टी विधायकों को खरीदती है.

पाठक ने कहा, ‘इसके विपरीत, ‘आप’ अस्पतालों और स्कूलों का निर्माण करती है और भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस के साथ लोगों को मुफ्त में सेवाएं प्रदान करती है.’

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी चाहती है कि जनता के समर्थन से भारत दुनिया का सबसे विकसित देश बने.


यह भी पढ़ेंः भारत का ग्रीन GDP सुधर रहा है मगर पर्यावरण की सुरक्षा के लिए कड़े कदम जरूरी हैं


 

share & View comments