scorecardresearch
Sunday, 3 November, 2024
होममत-विमतशी का चीन सिर्फ यूक्रेन या ताइवान में ही नहीं उलझा है, कोई रूसी रिश्ते में रोड़ा भी डाल रहा

शी का चीन सिर्फ यूक्रेन या ताइवान में ही नहीं उलझा है, कोई रूसी रिश्ते में रोड़ा भी डाल रहा

चीन सरकार में रूस-यूक्रेन युद्ध पर मतभेद से राष्ट्रपति शी जिनपिंग के लिए हालात मुश्किल हुए

Text Size:

शी जिनपिंग ने एक वीडियो कॉल में जो बाइडन से कहा कि यूक्रेन अमेरिका की समस्या है. एक चीनी ब्लॉगर यूक्रेन युद्ध की कहानी बयान करना चाहता था लेकिन उसे ‘देशद्रोही’ करार दिया गया. चीन की राजनीति में आंतरिक हलचल है, ली केकियांग बने रह सकते हैं. चाइनास्कोप में इस हफ्ते चीन की खास खबरें पेश है.

इस हफ्ते चीन

यूक्रेन में रूस के आक्रमण के बाद कूटनीति में गहमागहमी के दौर में बड़े नेताओं के बीच एक और बातचीत हुई. इस बार राष्ट्रपति शी जिनपिंग और जो बाइडन के बीच बात हुई. 18 मार्च को दोनों नेताओं के बीच वीडियो कॉल से बातचीत हुई. शी ने बाइडन से कहा, ‘यूक्रेन में हालात गंभीर बन गए हैं और चीन नहीं चाहता कि हालात और बुरे हों. चीन हमेशा शांति का पैरोकार और युद्ध का विरोधी रहा है, यह चीन की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक परंपरा रही है.’ अपना संदेश साफ करने के लिए शी ने एक चीनी कहावत का हवाला दिया, ‘जिसने बाघ के गले में घंटी बांधी, वही निकाले.’

दोनों नेताओं के बीच यूक्रेन के अलावा ताइवान भी मुद्दा था.

शी ने कहा, ‘अगर ताइवान के मुद्दे को ढंग से नहीं हल किया गया तो उसका दोनों देशों के रिश्ते पर प्रतिकूल असर पड़ेगा. उम्मीद है, अमेरिकी पक्ष पर्याप्त ध्यान देगा. चीन-अमरिका रिश्ते में मौजूदा हालात के लिए सीधे यह तथ्य जिम्मेदार है कि अमेरिका में कुछ लोग हम दोनों के बीच हुई अहम सहमति पर अमल नहीं करते, न ही वे राष्ट्रपति महोदय के सकारात्मक रुख पर अमल करते हैं. अमरिका ने चीन के रणनीतिक इरादे को गलत समझा और उसका गलत आकलन किया है.’

बातचीत के कुछ घंटे पहले वाशिंगटन डीसी को संदेश देने के लिए चीन ने ताइवान खाड़ी में विमान वाहक पोत भेज दिया. शी की ताइवान पर टिप्पणी में यह भी संकेत है कि बीजिंग बाइडन की चीन नीति की टीम में अलग-अलग राय का भी लाभ लेना चाहता है.

लेकिन चीन सरकार में भी रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर मतभेद हैं.

अमेरिका में चीन के राजदूत कीन गंग ने वाशिंगटन पोस्ट में एक ऑप-एड लेख में खंडन किया कि चीनी नेताओं को युद्ध के बारे में पहले से जानकारी थी.

कीन गंग ने लिखा, ‘अगर चीन को आसन्न संकट की जानकारी होती तो हमने उसे रोकने की जरूर कोशिश की होती.’ उन्होंने लेख में नाटो का जिक्र नहीं किया.

ऑप-एड लेख को चीन के जानकारों ने युद्ध के बारे में चीन के रवैए में बदलाव का संकेत मानकर बड़े पैमाने पर साझा किया. हालांकि, यह सही नहीं भी हो सकता है क्योंकि चीन के विदेश मंत्री ली युचेंग ने यूक्रेन युद्ध के लिए नाटो को दोषी ठहराया है. उस गठजोड़ को ‘शीत युद्ध का अवशेष’ बताया और रूस के खिलाफ प्रतिबंधों को ‘आपत्तिजनक’ माना है.

ली त्सिंघुआ यूनिवर्सिटी के अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीति केंद्र में ‘चेंजिंग एशिया-पैसिफिक: यूनाइटेडड ऑर डिवाइडेड?’ विषय के मूल सत्र में बोल रहे थे.

उन्होंने कहा, ‘भूमंडलीकरण को हथियार की तरह इस्तेमाल करके प्रतिबंधों के दुरुपयोग का पूरी दुनिया के लिए खतरनाक नतीजे होंगे, यहां तक कि खेल, संस्कृति, कला और मनोरंजन जगत के लोगों को भी इसमें जोड़ लिया गया है.’

अलबत्ता यूक्रेन की रणनीति पर भले चीनी नेतृत्व में मतभेद हों, मगर चीन किसी तरह के ‘शांति समझौते’ का मजमून शायद ही आगे लेकर आए. विदेश मंत्री वांग यी ने बाइडन-शी की बातचीत पर टिप्पणी की, ‘वक्त साबित करेगा कि चीन इतिहास की सही दिशा में था.’

रविवार को ‘चीन और अमेरिका के बीच वीडियो कॉल के बाद जारी तीन अहम संदेश’ बाइदू पर सर्च के लिए नंबर वन ट्रेंड था.

वीबो पर हैशटैग ‘चीन और अमेरिका प्रमुखों के बीच वीडियो कॉल’ ट्रेंड कर रहा था और 24 करोड़ बार देखा गया.

बाइडन के कॉल के दिन शी ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति साइरिल रैमपोसा और कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन से बातचीत की. खबरों के मुताबिक, शी ने दोनों नेताओं से यूक्रेन मुद्दे पर थोड़ी-बहुत बात की और भरोसा दिलाया कि चीन की राय युद्ध पर दक्षिण अफ्रीका और कंबोडिया के नजरिए जैसी ही है.

हाल ही में बीजिंग में संपन्न लियांघुई (दो सत्र) सीसीपी की बागडोर शी जिनपिंग के हाथ में होने से सामान्य लगता है. लेकिन वॉल स्ट्रीट जर्नल ने नवंबर में 20वीं पार्टी कांग्रेस के पहले चीनी नेताओं के बीच तनाव का खुलासा किया. अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, राजनैतिक मामलों में अभी भी वजन रखने वाले ‘कुछ पार्टी दिग्गजों’ या रिटायर हो चुके नेताओं ने स्थापित नेतृत्व-उत्तराधिकार व्यवस्था को तोड़ने की शी की इच्छा के विरुद्ध आवाज उठाई. वॉल स्ट्रीट जर्नल के लींगलींग वी ने सीसीपी के सूत्रों के हवाले से लिखा कि ‘उनमें पूर्व प्रधानमंत्री झू रोंग्जी शामिल हैं जो दिग्गज राजनेता हैं और चीन में बॉस झू के नाम से चर्चित हैं. उन्हें बतौर आर्थिक सुधारक पश्चिम में पसंद किया जाता है.’

हालांकि प्रधानमंत्री ली केकियांग ने पिछले हफ्ते ऐलान किया कि वे इस्तीफा दे रहे हैं मगर वे किसी और भूमिका में बने रहेंगे. वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में बताया गया कि ‘उन्होंने कहा कि ली का प्रधानमंत्री कार्यकाल जल्दी ही खत्म हो जाएगा, वे शायद दूसरे नेतृत्व पद पर बने रहें.’

यूक्रेन में एक चीनी ब्लॉगर वांग जिशियान का मानना है कि वे व्लादिमीर पुतिन के हमले से यूक्रेन की दुर्दशा के बारे में चीनी जनता को जानकारी दे सकते हैं. लेकिन वांग को अब चीन में ‘राष्ट्रद्रोही’ बताया जा रहा है.

वांग ने जब देखा कि कुछ चीनी वीडियो में हमले की तारीफ की गई है तो उन्होंने युद्ध के बीच अपने रहने के अनुभव के पोस्ट सोशल मीडिया पर साझा किए.

वांग ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर बंदिश लगाए जाने के बाद सीएनएन के एक इंटरव्यू में कहा, ‘मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि कैसे मैंने देश के साथ ‘धोखा’ किया.’

वांग की एकमात्र गलती यह है कि यूद्ध की सही तस्वीर का प्रसारण किया जिसे चीन की सरकारी मीडिया ने सेंसर कर दिया.


यह भी पढ़ें: गलवान में चीनी झंडा, मीडिया पर पाबंदी और भारतीय सेना-PLA ने बांटी मिठाई-चीन में हफ्ते भर छाई रहीं ये खबरें


दुनिया की खबरों में चीन

पोलिटिको के मुताबिक, यूरोपीय संघ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ईयू के नताओं के पास ‘बेहद पुष्ट सबूत’ है कि चीन रूस को सैनिक सहायता देने के बारे में विचार कर रहा है. यह खुलासा फाइनेंशियल टाइम्स की इस खबर के बाद आया कि रूस ने चीन से सैनिक मदद मांगी है.

चीन की रूस को फौरी मदद के बारे में कुछ साफ नहीं है. रूसी अखबार कॉमरसैंट के मुताबिक, रूस कर फेडरल एयर ट्रांसपोर्ट एजेंसी के एक अधिकारी वैलेरी कुदीनोव को इसलिए निकाल दिया गया क्योंकि उसने रूस को विमान के पार्ट्स सप्लाई करने से चीन के इनकार का खुलासा कर दिया था.

इस हफ्ते हमें पता चला कि चीन की तरफ से विदेश मंत्री वांग यी के भारत दौरे का प्रस्ताव आया. वांग 22-23 मार्च को ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआइसी) की बैठक के लिए पाकिस्तान में होंगे और 26-27 मार्च को नेपाल दौरे पर होंगे. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, भारत ने दौरे की खबरों पर कोई ‘प्रतिक्रिया’ नहीं दी है. फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि वांग दिल्ली पहुंचेंगे.


यह भी पढ़ें: हिंदू वोट छीने बिना मोदी-शाह की भाजपा को नहीं हराया जा सकता


इस हफ्ते आपको क्या पढ़ना चाहिए

Tricks of the External Propaganda Trade — Stella Chen

China’s Instagram Wants More Male Users. It’s Using Women as Bait — Zhang Wanqing

China’s Information Dark Age Could Be Russia’s Future — Li Yuan

पॉड वर्ल्ड

मारिया रेपनिकोवा चीन और रूस मामलों की विशेषज्ञ हैं. सुपचाइना के कैसर कू ने मारिया से चीन की सॉफ्ट पावर और रूस-यूक्रेन युद्ध की जटिलताओं पर चर्चा की है. चाइनास्कोप आपको यह बातचीत सुनने की सलाह देता है.

लेखक एक कॉलम्निस्ट और एक स्वतंत्र पत्रकार हैं जो फिलहाल स्कूल ऑफ ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज (SOAS) से चीन पर ध्यान केंद्रित करते हुए इंटरनेशनल पॉलिटिक्स में एमएससी कर रहे हैं. विचार निजी हैं. 

(इस लेख को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: चीन में कोविड के मामले बढ़ रहे लेकिन शी की नजर अमेरिका के खिलाफ रूस के साथ जुटने और ताइवान पर


share & View comments