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Wednesday, 24 April, 2024
होममत-विमतचीन में कोविड के मामले बढ़ रहे लेकिन शी की नजर अमेरिका के खिलाफ रूस के साथ जुटने और ताइवान पर

चीन में कोविड के मामले बढ़ रहे लेकिन शी की नजर अमेरिका के खिलाफ रूस के साथ जुटने और ताइवान पर

प्रधानमंत्री ली केकियांग हटे, कोविड संक्रमण में तेजी से शंघाई और जिलिन में लॉकडाउन लेकिन शी के दिमाग में दूसरे मुद्दे हावी.

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चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया है और कोविड संक्रमण के मामलों में नई तेजी की वजह से चीन के एक बड़े शहर में लॉकडाउन लग गया है. फिर शायद चीन एक सैनिक विमान दक्षिण चीन सागर में गंवा चुका है.

चाइनास्कोप में इस हफ्ते चीन की हलचलों पर नजर.


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इस हफ्ते चीन में क्या-क्या हुआ

ली केकियांग पद से हटे

प्रधानमंत्री ली केकियांग चीनी कम्युनिस्ट पार्टी में दूसरे सबसे ताकतवर पद पर हैं. उनके राष्ट्रपति शी जिनपिंग से रिश्ते पर रहस्य और अटकलों का साया बना रहा है.

पिछले हफ्ते नेशनल पीपुल्स कांग्रेस में ली ने ऐलान किया कि अगले मार्च तक वे प्रधानमंत्री का पद छोड़ देंगे. पूर्ववर्ती प्रधानमंत्री के उलट, ली ने बिना किसी शोर-शराबे के यह ऐलान किया. पूर्व में प्रधानमंत्री वेन जिबाओ और झू रोंगजी ने अपने आखिरी सार्वजनिक संबोधन में कड़ा भाषण दिया था.

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इसके बदले ली ने चीन में महिला-बच्चों के अपहरण और मानव तस्करी की निंदा करके सहानुभूति जताने वाला भाषण दिया. एनपीसी सत्र के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, ‘जनता के हित और अधिकारों की अवहेलना करने वालों को सख्ती से जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. महिलाओं तथा बच्चों के अपहरण और बिक्री जैसी आपराधिक मामलों में लिप्त लोगों पर कड़ा रुख अपनाना चाहिए और उन्हें कड़ा दंड दिया जाना चाहिए. लोगों की सुरक्षा और लोगों की आजीविका में सुधार एक ही सिक्के के दो पहलू हैं.’

वीचैट पर सबसे अधिक ट्रेंड कर रहा था कि ‘ली केकियांग ने महिला-बच्चों के अपहरण और मानव तस्करी की निंदा की.’
प्रधानमंत्री चीन की सियासत के ऊंचे महकमे से जा रहे हैं लेकिन शी तो लंबे समय तक मौजूद रहने वाले हैं.

एनसीपी में बहस मोटे तौर पर आर्थिक विषयों पर छाई रही, लेकिन चीनी नेताओं ने पश्चिम के पतन पर विचार किया.
चीन के विदेश मंत्रालय में सीसीपी के नेता की यू ने कहा, ‘इससे ‘पूरब के उदय, पश्चिम के पतन’ के रुझान को मजबूत करने में मदद मिलेगी और हमारे देश को नई विश्व व्यवस्था और हमारे अंतरराष्ट्रीय माहौल को सुधारने में मदद मिल सकती है.’

चीनी सेना के एक लीडर ने ताजा भू-राजनैतिक घटनाक्रमों पर अपने विचारों का खुलासा किया. चीन के रक्षा मंत्री वी फेंग ने कहा, ‘पश्चिम के पतन और पूरब के उदय की पृष्ठभूमि में बड़ी ताकतों के बीच टकराव अप्रत्याशित है और हमें बाहर से आने वाले दबाव और रोकटोक पर फोकस करने की जरूरत है.’


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कोविड के मामलों में इजाफा

इस बीच चीन में कोविड के संक्रमण में वैसा ही इजाफा देखा जा रहा है, जैसा 2020 के लॉकडाउन के दौरान देखा गया था. राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के मुताबिक, चीन की मुख्य भूमि पर कोविड के स्थानीय संक्रमण के 1,807 नए मामले मिले हैं. शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के मुताबिक, ‘जिलिन में 1,412, शानदोंग में 175, गुआंगदोंग में 62, शांशी में 39, हेबेई में 33, जियंगसू में 23 और तिआनजिन में 17 मामले दर्ज हुए.’ संक्रमण के ताजा प्रसार का केंद्र जिलिन है.

जिलिन प्रांत की राजधानी चांगचुन में लॉकडाउन लगा दिया गया है. यहां की आबादी 90 लाख है. महानगर शंघाई में स्कूल बंद करने और लोगों को घर से काम करने को कहा गया है.

रूस, चीन और परिंदे

रूस को न भूलें. रूस और चीन पहली बार ऐसे एक साथ आए तो दोनों देश दुष्प्रचार में भी साझेदार दिखे. रूस ने संयुक्त राष्ट्र में दावा किया कि यूक्रेन और अमेरिका संक्रमण विषाणुओं को फैलाने के लिए प्रवासी पक्षियों को जैव-हथियार की तरह इस्तेमाल करेंगे. चीनी राजनयिकों और सरकारी मीडिया ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसे दोहराया.

समुद्र में खोया विमान

वियतनामी पत्रकार दुआन डंग ने 6 मार्च को दावा किया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का सैन्य विमान खो गया. विमान की तलाश में विएतनाम के करीब अचनाक अभियान जारी है.

अब ताइवान की प्रमुख खुफिया एजेंसी नेशनल सेक्यूरिटी ब्यूरो ने पुष्ट किया है कि मार्च में दक्षिण चीन सागर में चीन का सैन्य विमान दुर्घनाग्रस्त हो गया.

फोकस ताइवान ने नेशनल डिफेंस और विदेशी मामला समिति में एनएसबी के महानिदेशक चेन मिंग-टोंग के बयान के हवाले से बताया, ‘बीजिंग ने समुद्र में डूबे विमान को निकालने के लिए भारी तलाशी और बचाव अभियान चलाया है.’

एनएसबी की रिपोर्ट के मुताबिक, ताइवान का मानना है कि बीजिंग रूस-यूक्रेन युद्ध का फायदा उठाना चाहता है.
खुफिया एजेंसी ने रूस-यूक्रेन युद्ध का बीजिंग की ताइपाइ के खिलाफ कार्रवाई के संभावित असर पर एक विश्लेषण छापा है.

एनएसबी रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजिंग ताइवान में फूट डालने के लिए साइबर युद्ध और जनमत को प्रभावित करने की तरकीब अपना सकता है.

भारत के साथ ज्यादा बातचीत

रूस-यूक्रेन युद्ध पर दुनिया की नज़र है और उधर, भारत और चीन ने सीमा विवाद और टकराव के हालात को सुलझाने के लिए 11 मार्च को 15वें दौर की बातचीत की. ताजा बातचीत से कोई हल नहीं निकला. बातचीत सीमा के भारत की तरफ चुशुल-मोल्दो वार्ता स्थल पर हुई.

चीन के रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया, ‘दोनों देशों के नेताओं के बाकी मुद्दों को जल्द से जल्द सुलझााने के निर्देश के तहत दोनों पक्षों में खुली और विस्तार से बातचीत हुई. दोनों पक्षों ने दोहराया कि बाकी मुद्दों के सुलझने से एलएसी के पश्चिमी सेक्टर में शांति कायम होगी और द्विपक्षीय रिश्तों में सुधार होगा. इस दौरान दोनों पक्ष पश्चिमी सेक्टर के अग्रिम मोर्चे पर सुरक्षा और स्थायित्व कायम रखने को राजी हुए. दोनों पक्ष यथासंभव स्वीकार्य हल पर पहुंचने के लिए सैन्य और कूटनयिक हलकों की बातचीत जारी रखने पर राजी हुए.’

जोखिम खुफिया संगठन इनसीक्ट ग्रुप की एक नई रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि पीएलए ‘नए तरह’ की मिलिशिया की भर्ती कर रहा है. तिब्बत में मिलिशिया जैसे ग्रुप की ट्रेनिंग के कुछ सबूत जाहिर हैं लेकिन इस रिपोर्ट से चीन के दूसरे क्षेत्रों में भी पीएलए की मिलिशिया भर्ती के रवैए का पता चलता है. रिपोर्ट के मुताबिक, ‘ये नए तरह के मिलिशिया हवाई सर्वेक्षण, खुफिया जानकारियां जुटाने, बचाव कार्य, जवाबी कार्रवाई और स्थायित्व स्थापित करने के काबिल होंगे.’

‘नए तरह के मिलिशिया’ पीएलए की बी-टीम ही नहीं हैं, बल्कि उच्च शिक्षित और प्रशिक्षित लोग हैं, जिन्हें विभिन्न मिशन पर लगाया जा सकता है.

चीन ने 2021 में मिलिट्री सर्विस लॉ में संशोधन किया, जिससे गैर-कमीशन प्राप्त अफसरों की नियुक्ति का रास्ता खुला. ये ‘नए तरह के मिलिशिया’ हो सकते हैं. पीएलए ने 2021 में भर्ती का दो अभियान चलाया, जो पहले नहीं हुआ करता था.
तिब्बत में मिलिशिया में शायद स्थानीय तिब्बतियों की भर्ती की गई है, ताकि पीएलए में संबंधित भाषा वाले लोग हों.


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दुनिया की सुर्खियों में चीन

यूक्रेन में रूस के आक्रमण में मदद करने में चीन की भूमिका की अटकलें छाई हुई हैं. लेकिन सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी के बॉस विलियम बर्न्स ने अपना आकलन साझा किया है कि बीजिंग कितना जानता है.

हाउस ऑफ रिप्रेजेंटिव्स की इंटेलिजेंस कमेटी की सालाना सुनवाई में बर्न्स ने कहा, ‘मैं भी सोचता हूं.. ..कि यूक्रेन में पिछले 12 दिनों में जो उन्होंने देखा, उससे वे भी चौंक गए होंगे और कुछ हद तक परेशान होंगे, पश्चिम की प्रतिक्रिया के साथ यूक्रेनी लोगों के आक्रामक बचाव दोनों से.’

इस हफ्ते आपको क्या पढ़ना चाहिए

Wang Jixian: A Voice from The Other China, but in Odessa — Geremie R. Barmé

A Chinese Student’s Escape From War-Torn Ukraine — Xu Shijie

Confucius and the Whistleblower — Peter Wei

विशेषज्ञों ने क्या कहा

भारत पर नजर रखने वाली बाई गुआंगकन और दक्षिण एशिया अनुसंधान समूह के सदस्य झांग झेंगयांग ने लिखा, ‘2015 में प्रख्यापित नया संविधान यह निर्धारित करता है कि नेपाल संयुक्त राष्ट्र चार्टर का पालन करता है, एक गुटनिरपेक्ष नीति का पालन करता है, और एक स्वतंत्र विदेश नीति लागू करता है.’

काठमांडू इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस एंड डिप्लोमेसी के एक विद्वान ने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव और एमसीसी समझौते की तुलना करते हुए एक अध्ययन में बताया कि बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव आर्थिक सहयोग पर केंद्रित है और इसका कोई सैन्य या रणनीतिक उद्देश्य नहीं है, इसलिए नेपाली कूटनीति के सिद्धांत को लेकर कोई पूर्वाग्रह नहीं है. दूसरी ओर, एमसीसी समझौता सुरक्षा और वैचारिक सहयोग पर आधारित है. जो घुसपैठ और नेपाली सरकार के निर्णय लेने को प्रभावित करते हैं और नेपाल पर समझौते के संभावित जोखिमों की ओर इशारा करते हैं.

पॉड वर्ल्ड

इवान फीगेनबाम ने पहले कोंडोलीज़ा राइस के तहत दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के लिए उप सहायक विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया था. उन्होंने सुपरचाइना के कैसर कू से ‘चीन की यूक्रेन पहेली’ के बारे में बात की. चाइनास्कोप इस बातचीत को सुनने की सलाह देता है.

(इस लेख को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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