कन्सल्टेशन के दौरान वह मुझसे कहती हैं, “अब, मुझे सर्दी के बारे में सोच के भी चिंता होती है और सोरायसिस के होने से डर लगता है.”
सोरायसिस जैसी भयानक बीमारी से रीमा अकेली नहीं है, यह एक त्वचा से संबंधित पुरानी बीमारी है जिसकी वजह से घुटनों, कोहनियों, धड़ और खोपड़ी पर शुष्क, खुजलीदार चकत्ते हो जाते हैं. कुछ लोगों ये काफी दर्दनाक भी होता है जिसकी वजह से सामान्य कामकाम करने में उन्हें दिक्कत महसूस होती है.
जहां सोरायसिस के उभार का संबंध ओवर ऐक्टिव इम्यून सिस्टम से है वहीं मौसम इसकी तीव्रता और और बार-बार उभरने में बड़ी भूमिका निभाता है. सर्दियों के दौरान, शरीर में धूप का कम लगना और शुष्क हवा के कारण सोरायसिस के लक्षण और ज्यादा गंभीर हो सकते हैं.
जाड़ों के सोरायसिस का ऐसे रखें ध्यान
जबकि दवा और अपने डॉक्टर के साथ नियमित संपर्क में रहने से इसके उभार को कंट्रोल किया जा सकता है, वहीं कुछ बातों का ध्यान रख के ठंड के मौसम में इससे बचाव किया जा सकता है.
वही पहनें जो आपके लिए सबसे अच्छा हो: एक भारी पफ़र जैकेट जितना आकर्षक हो सकता है, वहीं इसका इन्सुलेटेड वातावरण समस्या को और ज्यादा गंभीर कर सकता है. इसकी जगह कई पतले कपड़े जैसे इनर-वियर, कॉटन के पतले स्वेटर और किसी भी वक्त उतारे जा सकने वाले स्वेट शर्ट पहनना उचित होगा. जिन लोगों को अधिक ठंड लगती है, उनके लिए हाथों को गर्म रखने से इसमें मदद मिल सकती है.
खुद से अपनी देखभाल करने का अभ्यास करें: यह सोरायसिस जैसी गंभीर परेशानी का मुकाबला करने महत्वपूर्ण तरीका है. आपकी दिनचर्या में छोटे-छोटे बदलाव बहुत बड़ा बदलाव ला सकते हैं.
पानी पीते रहें: सुनिश्चित करें कि आप हर दिन कम से कम 2 लीटर पानी पियें. पर्याप्त पानी पीने से न केवल त्वचा को शुष्क होने से बचाता है बल्कि शरीर में सूजन को भी कम करता है.
सही खाएं: सूप और स्ट्यूज़ त्वचा की शुष्कता को कम कर सकते हैं और आपको आवश्यक पोषक तत्व प्रदान कर सकते हैं. ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना शुरू करें जो सूजनरोधी गुणों से भरपूर हों जैसे कि तेल में तले हुए लहसुन. ओमेगा-3 युक्त आहार का सेवन करें जिसमें अलसी के बीज शामिल हों, ताकि जब सर्दी शुरू हो तो आपकी त्वचा अत्यधिक शुष्क न हो.
तनाव को मैनेज करें: इसी बीमारी के सबसे बड़े कारणों में से एक तनाव का खराब मैनेजमेंट है. इसके लिए मेडिटेशन, जर्नलिंग, वर्कआउट या थेरेपी लेने की कोशिश करें.
छुट्टियों की योजना सोच-समझकर बनाएं: धूप वाली जगह पर छुट्टियां मनाना हमेशा बेहतर होता है – आपके शरीर को सोरायसिस से लड़ने के लिए UV किरणों की आवश्यकता होती है. हालांकि, यदि आपको काफी ज्यादा परेशानी है, तो समुद्र तट पर जाने से बचें, क्योंकि बहुत अधिक धूप भी सोरायसिस चकत्ते के लिए हानिकारक है.
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यह आदतें भी अपनाएं
आपकी नियमित शीतकालीन दिनचर्या में सोरायसिस से प्रभाव को दूर रखने के लिए थोड़े फेर-बदल की ज़रूरत हो सकती है. और यहां एक बात है जो आपको आश्चर्यचकित कर सकती है: बहुत अधिक गर्म पानी का उपयोग करने से बचें. लंबे समय तक गर्म पानी से नहाने से त्वचा शुष्क हो जाती है और सोरायसिस की समस्या और ज्यादा बढ़ जाती है. अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी के अनुसार, सोरायसिस से पीड़ित लोगों को शावर लेने का समय 5 मिनट तक और नहाने के समय को 15 मिनट तक या उससे कम तक सीमित करना चाहिए.
आपका मॉइस्चराइज़र आपका सबसे अच्छा दोस्त है – इसे हर समय अपने पास रखें. त्वचा को मॉइस्चराइज करने का सबसे अच्छा समय स्नान के ठीक बाद है, क्योंकि भाप क्रीम को साफ त्वचा में प्रवेश करने में मदद करती है.
मेरे कुछ रोगियों के लिए, ह्यूमिडिफायर एक गेम-चेंजर है. यह सर्दियों के दौरान शुष्क हवा में नमी बढ़ाता है, जिससे त्वचा की जलन कम हो जाती है.
चिकित्सा सहायता
हालांकि ये युक्तियां अधिकांश मामलों में सहायक होती हैं, लेकिन अपने त्वचा विशेषज्ञ से पूछें कि आपके लिए सबसे अच्छा क्या है. आपको अपने विटामिन डी के स्तर की जांच करानी पड़ सकती है – इस पोषक तत्व की कमी सोरायसिस के लक्षणों को बढ़ा सकती है. आगे की सलाह के लिए अपने डॉक्टर के संपर्क में रहें.
आप अपने त्वचा विशेषज्ञ से फोटोथेरेपी के बारे में भी पूछ सकते हैं. इसे लाइट थेरेपी भी कहा जाता है, यह इलाज अति सक्रिय प्रतिरक्षा कोशिकाओं की गतिविधि को कम करने के लिए यूवी किरणों का उपयोग करता है.
सोरायसिस दर्दनाक, परेशान करने वाला हो सकता है और इससे निपटने में काफी परेशानी हो सकती है. लेकिन मुख्य बात एक समय में एक कदम उठाना है.
(डॉ. दीपाली भारद्वाज एक त्वचा रोग व एंटी-एलर्जी विशेषज्ञ, लेज़र सर्जन और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षित सौंदर्यशास्त्री हैं. उनका एक्स हैंडल @dermatdoc है. व्यक्त किए गए विचार निजी हैं.)
(संपादनः शिव पाण्डेय)
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