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Tuesday, 16 April, 2024
होममत-विमतक्या एलन मस्क नये डोनाल्ड ट्रंप हैं और वह ट्विटर को गड्ढे में धकेल रहे हैं!

क्या एलन मस्क नये डोनाल्ड ट्रंप हैं और वह ट्विटर को गड्ढे में धकेल रहे हैं!

एलन मस्क ने जब टेस्ला को विशाल कंपनी बना दिया था तब उन्होंने वहां भी वही करतब किए थे - कर्मचारियों की छंटनी, उनसे लंबे समय तक काम लेना, अहंकारी आचरण दिखाना.

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क्या एलन मस्क नये डोनाल्ड ट्रंप हैं? यह एक गंभीर सवाल है. आइए, दोनों के बीच की समानताओं पर विचार करें. अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में ट्रंप के कार्यकाल की खासियत यह थी कि वे लगातार ऐसे काम करते रहे जो सनक भरे घृणित/ अशिष्ट/ मूर्खतापूर्ण/ अपमानजनक और अतार्किक थे, और हम सब उन पर एक तरह की आशंकित दिलचस्पी से नज़र रखते थे. वैसे, टीवी चैनलों की टीआरपी बढ़ रही थी. वेबसाइटों पर ट्रंप से जुड़ी बातें तुरंत आकर्षण का केंद्र बन जाती थीं. और सोशल मीडिया पर तो ट्रंप रोज ‘ट्रेंड’ होते रहते थे.

अब जरा देखिए कि मस्क के साथ क्या हो रहा है. जब तक उन्होंने ट्विटर को नहीं खरीदा था तब तक वे व्यवसाय जगत में कई लोगों के हीरो थे लेकिन आम लोग उन्हें ज्यादा नहीं जानते थे. हम सब जानते थे कि वे एक अच्छी कार कंपनी टेस्ला के मालिक हैं, उन्हें रॉकेट और उपग्रह बहुत पसंद हैं. हम यह भी जानते थे कि वे बहुत अमीर हैं, बल्कि कुछ समय के लिए तो दुनिया के सबसे अमीर शख्स थे. यहां तक तो सब ठीक था लेकिन जब से उन्होंने ट्विटर को खरीदा है उसे एलन मस्क शो में तब्दील कर दिया है. और अब क्या हो रहा है, यह भी हम जानते हैं.

ट्विटर को अंततः खरीदने से पहले मस्क ने आनाकानी का खेल किया. फिर इसके बाद 44 अरब डॉलर की भारी कीमत देकर उसे खरीदा. खुद मस्क का कहना था कि उसकी जितनी कीमत हो सकती थी उससे दोगुनी कीमत उन्होंने दी. ट्विटर के मुख्यालय में वे ‘सिंक’ (हौदी) लेकर पहुंचे थे, जिसका संकेत यह नहीं था कि ‘यह कंपनी डूबने वाली है” या “ट्विटर को नाली में बहते देखिए’, बल्कि उनका ‘बिग आइडिया’ यह था कि वे लगभग हरेक को बरखास्त करने वाले हैं. सीनियर एक्ज्क्युटिवों को भवन से बाहर का रास्ता दिखाया गया. ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के अनुसार, मस्क ने ट्विटर के आधे से ज्यादा कर्मचारियों को बरखास्त कर दिया है. कई लोग खुद छोड़कर चले गए हैं. यह कुछ आश्चर्यजनक था, क्योंकि ट्विटर की अक्सर आलोचना तो होती थी मगर इस तथ्य की आम आलोचना नहीं होती थी कि उसमें जरूरत से ज्यादा कर्मचारी हैं.

इसके बाद मस्क ने कई कदम उठाए, जिनमें से कुछ तो इतने विचित्र किस्म के थे कि उन्हें वापस लेना पड़ा. उन्होंने ट्विटर पर मुक्त अभिव्यक्ति की इजाजत देने की बात की और ट्रंप का एकाउंट फिर से चालू कर दिया. इसका उम्मीद से कम स्वागत किया गया क्योंकि ट्रंप ने ट्विटर पर लौटने से मना कर दिया. मस्क ने मुक्त अभिव्यक्ति पर पुनर्विचार किया क्योंकि उन्होंने उन पत्रकारों के एकाउंट बंद करना शुरू किया जो उनकी आलोचना कर रहे थे और निजी विमानों पर नज़र रखने वाली साइटों की भी आलोचना कर रहे थे.

मस्क को पता था कि उन्होंने जरूरत से ज्यादा पैसे देकर ट्विटर को खरीदा है इसलिए वे कमाई बढ़ाने के लिए ट्विटर के ‘ब्लू टिक’ को बेचना शुरू किया. आपके नाम के आगे ‘ब्लू टिक’ का अर्थ है कि ट्विटर ने आपके एकाउंट की जांच कर ली है. यह काम की चीज है क्योंकि अक्सर लोग सेलिब्रिटियों के नाम पर एकाउंट खोलते हैं और नुकसानदेह तथा मूर्खतापूर्ण बातें पोस्ट करते हैं. इस तरह यह एक सार्वजनिक हस्ती के असली एकाउंट की पहचान में मदद करता है. लेकिन मस्क ने जब सबको प्रति माह 8 डॉलर पर ब्लू टिक देना शुरू किया तो यह फर्क मिट गया. जालसाजों द्वारा चलाए जा रहे तथाकथित प्रमाणित हैंडल (यहां तक कि ईसा मसीह भी ट्विटर के प्रमाणित एकाउंट में नजर आए) और बुरे ट्वीट जाली एकाउंटों से आने लगे.

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मस्क को यह स्कीम बंद करनी पड़ी. इसके बाद उन्हें एपल समेत कई एडवर्टाइजरों से लड़ना पड़ा और फिर पीछे हटना भी पड़ा. लेकिन उन्होंने ट्विटर पर इतने विज्ञापन भर दिए हैं कि यूजर नाराज हो रहे हैं. मस्क ने ट्विटर के दफ्तरों का किराया देना भी बंद कर दिया. उन्होंने कंपनी के पूर्व प्रमुख पर धोखा और बच्चों की यौन सुरक्षा को लेकर झूठे आरोप लगाए.


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ट्रंप से समानता

मस्क हंसी के पात्र बन गए हैं, देर रात के टीवी कार्यक्रमों में उन्हें निशाना बनाया जाता है और उन्हें अहंकारोन्मादी कहा जाता है. उनके लिए बनाए गए कई चुटकुले ट्रंप पर भी फिट हो सकते हैं. मस्क जब भी खुद टीवी पर आए (जैसे वे हास्य कलाकार डेविड चैपल के शो में आए) तब उनका मखौल उड़ाया गया है.

हाल के सप्ताहों में मस्क ने दो असामान्य हरकतें की हैं. एक तो बिलकुल ट्रंपनुमा हरकत थी और दूसरी उतनी ही विचित्र थी. ट्रंप की तरह वे उदारवादियों की साज़िशों का जिक्र करते रहे हैं और खुद को ऐसा व्यक्ति बताते हैं जो ट्विटर को वामपंथियों से बचा सकता है. लेकिन ट्रंप के विपरीत उन्होंने खुशी से कबूल किया कि वे चुनाव में अपनी परीक्षा देना चाहेंगे और नतीजे को कबूल करेंगे.

मस्क ने ट्विटर के यूजरों से पूछा कि क्या उन्हें सीईओ के पद से हट जाना चाहिए. जब बहुमत ने हां में जवाब दिया तो वे अपने स्वभाव के विपरीत चुप रहे (आलोचकों का कहना है कि वे अप्रत्याशित नतीजे से सदमे में पड़ गए) लेकिन अंत में कहा कि वे तब हट जाएंगे जब उन्हें अपनी जगह लेने वाला कोई खब्ती मिल जाएगा. अब देखना है कि वे इस पर कितना अमल करते हैं. या ट्रंप की तरह वे चुनाव को खारिज करके अपने समर्थकों से कहेंगे कि वे इस ‘चोरी को रोकें’.

ऐसा लगता है कि ट्रंप की तरह वे भी अपने पद की ज़िम्मेदारी पूरी करने (ट्विटर को संभालने) में कोई दिलचस्पी नहीं रखते. वे मानते हैं कि यूजर को प्रतिबंधित किया जाता है. लेकिन कुछ भी बदला नहीं है. नफरत फैलाने के लिए इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल जारी है. फॉलोवरों की संख्या और उनकी गिनती का तरीका रहस्यमय बना हुआ है. और ट्रंप के साथ अंतिम समानता यह है कि पद पर रहते हुए ट्रंप ने चाहे जो भी किया हो मगर वे अमेरिकी राजनीति में एक चुनौतीपूर्ण हस्ती बने हुए हैं. वे रिपब्लिकन पार्टी से नामांकित होने की कोशिश में लगे हैं, और क्या पता वे फिर राष्ट्रपति न बन जाएं.

जिन लोगों ने हाल के वर्षों में मस्क पर करीबी नज़र रखी है वे कहते हैं कि उन्हें कमतर आंकना गलत होगा. जब उन्होंने टेस्ला को विशाल कंपनी बना दिया तब उन्होंने वहां भी वही सब करतब किए थे—कर्मचारियों की छंटनी, उनसे लंबे समय तक काम लेना यह कहके कि अगर वे ‘हार्डकोर’ नहीं बने तो कंपनी दिवालिया हो जाएगी, झगड़े मोल लेना, रेगुलेटरों को नाराज करना, अहंकारोन्मादी जैसा आचरण करना. लोग कहते हैं कि यह सब रणनीति है, अहंकार नहीं. शायद.

लेकिन आज यह पागलपन ट्विटर के लिए, जो अराजकता की शिकार है, और टेस्ला के लिए भी खतरा बन गया है, जिसके शेयर के भाव तब से काफी गिर गए हैं जब से ट्विटर के साथ दुस्साहस शुरू किया गया है.

नया सीईओ ट्विटर में स्थिरता ला सकता है लेकिन मस्क के द्वारा अधिग्रहण से पहले भी यह प्लेटफॉर्म गिरावट की ओर जा रहा था. मस्क के करतबों ने इस गिरावट को शायद तेज कर दिया है. ट्विटर का उपयोग करने और आनंद उठाने वालों के लिए यह बुरी खबर है.

मस्क वास्तव में क्या चाहते हैं, इसका अभी से अंदाजा लगाना ठीक नहीं होगा लेकिन ट्रंप की तरह वे हमारा मनोरंजन करते रहेंगे, इसलिए हर हफ्ते एलन मस्क शो के सनक भरे प्रहसन का इंतजार करते रहिए.

(वीर सांघवी प्रिंट, टीवी पत्रकार और टॉक शो होस्ट हैं. उनका ट्विटर हैंडल @virsanghvi है. व्यक्त विचार निजी हैं.)

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़नें के लिए यहां क्लिक करें)

(संपादन: अलमिना खातून)


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