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Wednesday, 17 April, 2024
होममत-विमतमैं ओशो के आध्यात्मिक वेश्यावृत्ति के पंथ का हिस्सा था पर मैने घृणा में उनकी माला नष्ट कर दी : महेश भट्ट

मैं ओशो के आध्यात्मिक वेश्यावृत्ति के पंथ का हिस्सा था पर मैने घृणा में उनकी माला नष्ट कर दी : महेश भट्ट

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रजनीश आनन्द बांटने बाले, एक उत्कृष्ट मनोरंजक और शब्दों मंझे हुए खिलाड़ी थे। नेटफ्लिक्स श्रृंखला वाइल्ड वाइल्ड कंट्री उनकी इस स्टार भूमिका को दर्शाती है।

“वाइल्ड वाइल्ड कंट्री नामक नेटफ्लिक्स श्रंखला पर एक नजर अवश्य डालें, यह एक ऐसे व्यक्ति की डाक्यूमेंट्री है जिसने भगवान के साथ खेलने की हिम्मत की, ओशो” ऐसा वाह्टसऐप (WhatsApp) के एक संदेश में कहा गया था।

ऐसा क्या था जिसने मुघे इस छह-भाग वाले नाटक को देखने के लिए आकर्षित किया जो कि बहुत मंहगा है, दरअसल जिस व्यक्ति ने मुघे सलाह दी थी वह एक फिल्म निर्माता था जो मनोरंजन की दुनिया हॉलीवुड से अपना जीवन यापन करता था। जो एक प्रिय दोस्त होने के साथ साथ, मेरे साथ 1970 के दशक के मध्य में ज्ञान प्राप्त करने के लिए कोरेगांव पार्क पुणे,

भगवान श्री रजनीश के दरवाजे तक, जाने की हिम्मत की।

क्यूँ एक मोहभंग करने वाले संन्यासी ने मुझे इस श्रृंखला को देखने की सलाह दी? मुझे आश्चर्य है कि अगर उन्हें यह महसूस हुआ की नहीं कि एक व्यक्ति के पतन के बारे में दर्शाना एक हिम्मत भरा काम है। लेकिन इसी चीज ने मुझे सीरीज देखने के लिए प्रोत्साहित किया। फिल्म के शुरू होने से पहले ही, मैं यह निश्चित रूप से जानता था कि फिल्म ओशो और उनके पतन पर एक नया दृष्टिकोण पेश करेगी।

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नेटफ्लिक्स वर्त्तमान का सबसे चर्चित शो है। नेटफ्लिक्स इस दुनिया में एक नया नमूना उभरकर सामने आया है, इन दिनों हर कोई बातचीत में इस बारे में पूछता है कि क्या आपने नेटफ्लिक्स पर ऐसी बहुत सारी श्रंखलाएं देखी हैं। मेरे अमेरिकी फिल्म निर्माता मित्र का कहना है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में मनोरंजन की सामग्री की मांग में काफी बदलाव आया है। दुनिया आज डिजिटल मनोरंजन कंटेंट की सूनामी की शिकार है। इस तरह के चुनौती भरे माहौल में खड़ा होना कोई आसान काम नहीं है। और फिर यह मॉन्सटर आया जिसे हम नेटफ्लिक्स कहते हैं, जो दिन प्रतिदिन, घंटा प्रति घंटा बड़ा होता जा रहा है।

वाइल्ड वाइल्ड कंट्री के निर्माताओं के लिए इस तरह के चुनौती भरे माहौल में अपनी उपस्थिति को दर्ज करा पाना बहुत ही कठिन है जिसके लिए उनको सलाम। अगर हम इसे बॉलीवुड की भाषा में कहें तो वाइल्ड वाइल्ड कंट्री एक सुपर हिट फिल्म है।

नेटफ्लिक्स और वाइल्ड वाइल्ड कंट्री के बारे में पर्याप्त जानकारी से रूबरू कराने के बाद, अब हम नीचे कुछ गंभीर तथ्यों पर बात करेंगे।

क्या वाइल्ड वाइल्ड कंट्री का संपादकीय एक विवादास्पद व्यक्ति की विरासत पर एक साहसी दृष्टिकोण दर्शाता है? मेरा जवाब ना में है। यह जान-बूझकर ओशो जैसे एक चरित्र को लेता है, जिसे विश्व स्तर पर ‘सेक्स गुरू’ के रूप में जाना जाता है, उन्होंने जानबूझ कर ओशो जैसे पात्र को चुना जिन्हें पूरी दुनिया सेक्स गुरू के रूप में जानती है इसके बाद उन्हे खलनायक बनाया और उनके पतन का जश्न मनाया। ऐसा करने के से यह मध्यवर्गीय जीवन प्रणाली और उनके मूल्यों का समर्थन तथा बचाव करता है जो कि पूरे विश्व की एक बड़ी आबादी की धड़कन और मनोरंजन का उत्पाद है।

इसलिए, जो इसका दिखावा है वह इसे हासिल करने में असफल है। जीवन चरित्र की तुलना में एक बड़े पतन ने सामान्य आदमी को हमेशा ही विचित्र आनंद के साथ परिपूर्ण कर दिया है। हम उन ऊंची संरचनाओं को देखना पसंद करते हैं जिनका धूल में मिल जाना यथार्थ संभव होता है। ओशो का पतन अब कुछ समय के लिए दुनिया के मनोरंजन का कारण बन गया है। वाइल्ड वाइल्ड कंट्री ऐसा ही करता है।

मेरे लिए, यह छह-एपिसोड शो का सबसे ताज़गी देने वाला पहलू ओशो नहीं है बल्कि शीला है, जो कि आध्यात्मिक वेश्यालय की प्रचंड पुजारिन थी। मैंने अपनी अशांत बिसवीं दशा में शीला को जाना था: वह गुजरात की रहने वाली एक सुन्दर, आकर्षक महिला थी, जिसे मैं इस तरह की बुलंद ऊंचाइयों पर काबिज होने की कल्पना नहीं कर सकता था। उसका दुर्बल, सूखा रूप और जिस तरीके से उसने अपना जीवन व्यतीत किया, चाहे वह जीवन का उतार हो या चढ़ाव हो, मुझे श्रृंखला से जोड़े रखा।

‘भगवान’ को हाथों में हथकड़ी देख और उनके शाही वस्त्र उतरते देख शायद लोग खुशी से झूम उठे। लेकिन मेरे लिए, ये चित्र एक पुष्टिकरण थे कि अगर आप अमेरिका के साहसिक राज्य के साथ तलवारबाजी करने का साहस रखते हैं तो इस किताब में उसको अपमानित और हराने को बारे में सीखने हेतु कुछ प्राप्त होगा।

रजनीश के पतन ने अरबों लोगों को कुछ प्रतिकूल प्रसन्नता दी। मैं भी एक बार उस फर्जी, ज्ञान-प्राप्त पंथ का हिस्सा था और अपने स्वर्ग से बाहर निकलने की हिम्मत रखता था, विशेष रुप से जब मैं कोई नहीं था तब वह मेरे कपड़ों के नीचे अपने माला की लालिमा रख गई थी। मैंने सोचा कि श्रृंखला में उन चित्रों को दुःखी प्रेरणाओं के लिए बढ़ावा दिया गया था, तथाकथित स्व-घोषित “अच्छे लोग” जो कि मुश्किल में हैं, जो उनके अनुरूपतावादी अस्तित्व से बाहर निकलने के लिए भी भयभीत हो गए हैं।

रजनीश एक महान सफलता की कहानी थी। वह साहसी था। लेकिन अंत में, वह एक मात्र आनंददायक था, एक मनोरंजक उत्कृष्टता, एक वचनकार जो अपने अनुयायियों को वादा किए गए देश में ले गए थे लेकिन वह उनके लिए स्वर्ग के द्वार नहीं खोल सकते थे।

आध्यात्मिक सुपर बाजार में, उसका माल अभी भी बेचा जात है। यह उसकी स्टार पॉवर के बारे में बताता है। वाइल्ड वाइल्ड कंट्री उस स्टार पॉवर को बढ़ावा देती है।

आध्यात्मिक सांत्वना के लिए लोगों में देखने की जरूरत है। जैसे गुरु एक सामाजिक भूमिका निभाते हैं वैसे ही वेश्यावृत्ति भी निभाती हैं।

महेश भट्ट मुंबई में एक फिल्म निर्माता होने के साथ पुणे में ओशो कम्यून के पूर्व सदस्य हैं।

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