दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.
आज के फीचर कार्टून में आलोक निरंतर बता रहे हैं कि मंगलवार को केंद्रीय बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीताराम के सामने कई टास्क होंगे. उनको महंगाई, बेरोजगारी, ग्रामीण संकट, उच्च राजकोषीय घाटा और कोविड से निपटना होगा और साथ ही पांच राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों पर भी नजर रखनी होगी.
इस बीच, मंजुल, नरेंद्र मोदी सरकार पर विज्ञापनों को लेकर तंज कस रहे हैं. जिसमें उन्होंने सीतारमण को पीएम को यह कहते हुए दिखाया गया है कि विज्ञापनों के लिए पैसा आवंटित कर दिया गया है और अब बचे पैसे को लोक कल्याण के लिए प्रयोग किया जा सकता है.
साजिथ कुमार 30 जनवरी को महात्मा गांधी को उनकी 74 वीं पुण्यतिथि पर याद करते हुए बता रहे हैं कि कैसे कुछ लोग अभी भी उनके हत्यारे, नाथूराम गोडसे को मनाते हैं. हिंदू महासभा ने गोडसे और उनके सह-आरोपी नारायण आप्टे को श्रद्धांजलि अर्पित करती है.
आर प्रसाद ने राहत महसूस करते हुए महात्मा गांधी को शांति से दिखाया क्योंकि इस साल, 2019 की तरह, उनकी मृत्यु को ‘नाटक’ के माध्यम से नहीं प्रदर्शित किया गया था. 2019 में, हिंदू महासभा के सदस्यों ने कथित तौर पर गांधीजी की हत्या को फिर से बनाने और जश्न मनाया था.
ई.पी. उन्नी ने केंद्रीय मंत्री वी.के. सिंह ने द न्यू यॉर्क टाइम्स को ‘सुपारी मीडिया‘ करार दिया क्योंकि उसने एक रिपोर्ट छापी जिसमें कहा गया था कि मोदी सरकार ने 2017 में इजरायल सरकार के साथ एक सौदे के दौरान पेगासस स्पाइवेयर खरीदा था. कार्टूनिस्ट, कहते हैं कि ‘सुपारी’ को सहजता से ‘शानदार’ से बदल दिया जाएगा जब वही द न्यू यॉर्क टाइम्स भारत या उसकी उपलब्धियों का जश्न मनाते हुए कुछ छापेगा.
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