दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.
आज के चित्रित कार्टून में, साजिथ कुमार राजनीतिक वर्ग की व्यस्तताओं पर कटाक्ष करते हैं क्योंकि भारतीय बेरोजगारी जैसे मुद्दों से जूझ रहे हैं, अंग्रेजी बोलने की क्षमता नौकरी के बाजार में बढ़त दे रही है. उन्होंने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की उस टिप्पणी की ओर इशारा किया, जिसमें उन्होंने ‘शिक्षा की मैकाले प्रणाली जिसने अंग्रेजी को शिक्षा के माध्यम के रूप में थोपा था’ की निंदा की, और जिसे ‘देश को बहुत नुकसान पहुंचाने वाला बताया.’
शेक्सपियर की ट्वेल्थ नाइट को बजाते हुए (‘यदि संगीत प्रेम का भोजन है, तो बजाओ, मुझे इसे जरूरत से ज्यादा दो …’) आर प्रसाद ने नायडू की टिप्पणी का मज़ाक उड़ाया है कि अंग्रेजी-माध्यम में शिक्षा वाले स्कूलों ने अभिजात वर्ग के एक छोटे वर्ग को जन्म दिया है.
मंजुल वाइव्स ऑफ इंडिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी द्वारा विवेक अग्निहोत्री की फिल्म दि कश्मीर फाइल्स का समर्थन को दिखाते हैं जिसमें घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन को दर्शाया गया है, जिसे गुजरात सहित भाजपा शासित राज्यों में कर-मुक्त कर दिया गया है. नेटिज़न्स ने इस तरह के कदमों पर सवाल उठाया है, यह पूछते हुए कि 2002 के गुजरात दंगों पर आधारित फिल्में परजानिया और फिराक, जब मोदी सीएम थे, क्रमशः थिएटर मालिकों द्वारा बहिष्कार और राज्य में प्रतिबंधित क्यों किया गया था. 2006 की फिल्म फना, जिसने गुजरात में मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना की थी, को भी राज्य में प्रतिबंधित कर दिया गया था.
आलोक निरंतर ट्विटर पर महाराष्ट्र की राजनीतिक घटनाक्रम पर तंज कसते हैं, वह ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन, महा विकास अघाड़ी (एमवीए) शिवसेना, कांग्रेस, एनसीपी में शामिल होने की पेशकश को शिवसेना द्वारा खारिज करने का जिक्र करते है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस प्रस्ताव को बकवास करार दिया, इसे ‘भाजपा द्वारा रची गई साजिश’ कहा, और ‘हिंदुत्व’ के लिए शिवसेना की प्रतिबद्धता पर जोर दिया.
संदीप अध्वर्यु यूक्रेन के खिलाफ रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निरंतर युद्ध का उपहास उड़ाते हैं, जबकि रूस खुद बड़े पैमाने पर पश्चिमी प्रतिबंधों से जूझ रहा है.
ई.पी. दि इंडियन एक्सप्रेस में महाराष्ट्र के एमवीए सरकार के तहत पुलिस तबादलों में कथित भ्रष्टाचार के बारे में एक सीलबंद लिफाफे में केंद्रीय गृह सचिव को 6.3 जीबी सबूत जमा करने की रिपोर्ट को संदर्भित किया है.