नयी दिल्ली, 14 नवंबर (भाषा) भारत अपनी 7,516 किलोमीटर लंबी तटरेखा और विशेष आर्थिक क्षेत्र को कवर करते हुए मंगलवार से दो दिवसीय सैन्य अभ्यास शुरू करेगा।
अधिकारियों ने बताया कि इस अभ्यास का मकसद किसी भी स्थिति से निपटने में विभिन्न एजेंसी की तैयारियों की जांच करना तथा समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना है।
उन्होंने बताया कि भौगोलिक विस्तार के संदर्भ में ‘सी विजिल’ (समुद्री निगरानी) अभ्यास का पैमाना और वैचारिक विस्तार, इसमें शामिल हितधारकों की संख्या, इसमें भाग ले रही इकाइयों की संख्या और उद्देश्य ‘‘अभूतपूर्व’’ हैं।
मुंबई आतंकी हमलों के बाद समुद्री सुरक्षा बढ़ाने की ओर उठाए गए विभिन्न उपायों की मंजूरी के लिए इस तरह के अभ्यास के संबंध में 2018 में विचार किया गया था। यह इसका तीसरा संस्करण है। समुद्री निगरानी का पहला अभ्यास जनवरी 2019 में हुआ था।
यह अभ्यास प्रमुख ‘थिएटर लेवल रेडीनेस ऑपरेशनल एक्सरसाइज’ (ट्रोपेक्स) की तैयारी है, जिसे भारतीय नौसेना हर दो साल में आयोजित करती है।
अधिकारियों ने बताया कि समुद्री निगरानी और ट्रोपेक्स मिलकर समुद्री सुरक्षा की सभी चुनौतियों से निपटेंगे।
इस अभ्यास के लिए भारतीय नौसेना, तटरक्षक बल, सीमा शुल्क विभाग तथा अन्य समुद्री एजेंसियों की संपत्तियों को तैनात किया जा रहा है।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘यह अभ्यास भारत की 7,516 किलोमीटर लंबी तटरेखा और विशेष आर्थिक क्षेत्र में किया जाएगा तथा इसमें मत्स्य और तटीय समुदायों समेत अन्य समुद्री पक्षकारों के साथ ही सभी तटीय राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल होंगे।’’
भाषा गोला अविनाश
अविनाश
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