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Tuesday, 24 September, 2024
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जहांगीरपुरी हिंसा : कड़ी सुरक्षा व अवरोधकों से लोगों की जीविका प्रभावित

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(विष्णु अधना और अपर्णा बोस)

नयी दिल्ली, 22 अप्रैल (भाषा) दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती पर हुई हिंसा के बाद सी- ब्लॉक इलाके में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है और कई निवासियों ने शुक्रवार को कहा कि वे आवाजाही पर लगी पाबंदियों की वजह से अपनी दुकानें नहीं खोल पा रहे हैं या अपने काम पर नहीं जा पा रहे हैं जिससे उनका जीविकोपार्जन प्रभावित हो रहा है।

उल्लेखनीय है कि शनिवार को हुई सांप्रदायिक हिंसा का केंद्र रहे जहांगीरपुरी के सी- ब्लॉक में अधिकतर मकान निम्न आय वर्ग के लोगों के हैं। इस इलाके के निवासी आम तौर पर कारखानों में काम करते हैं या कबाड़, मैकेनिक, सब्जी-फल की रेहड़ी लगाने और किराना की दुकान चलाने जैसे छोटा-मोटा कारोबार करते हैं।

इलाके के कुछ निवासियों ने शुक्रवार को बताया कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा बुधवार को चलाए गए अतिक्रमण रोधी अभियान से भी उनका कारोबार प्रभावित हुआ है क्योंकि निकाय के बुलडोजर ने यथास्थिति कायम रखने का उच्चतम न्यायालय का आदेश आने से पहले ही कुछ अस्थायी और कंक्रीट ढांचों को ध्वस्त कर दिया था।

इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और अब भी इलाके में जगह-जगह अवरोधक लगे हुए हैं। सी- ब्लॉक में शुक्रवार को भी पुलिस और अर्धसैनिक बलों की भारी तैनाती रही। पुलिस ने बताया कि अवरोध कुछ और दिनों तक इलाके में कायम रहेंगे।

स्थानीय लोगों ने दावा किया कि पुलिस उन्हें स्वतंत्र आवाजाही करने और अपनी दुकानें खोलने नहीं दे रही है। इसी इलाके में रहने वाली अनवर बीबी ने बताया कि अवरोधकों और लोगों पर लगाई गई पाबंदियों से उनका जीविकोपार्जन प्रभावित हो रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘ये अवरोध हमारे लिए सबसे बड़ी समस्या उत्पन्न कर रहे हैं। मैं अपने 17 साल के बेटे के साथ कबाड़ का काम करती हूं। हम गरीब लोग हैं। अधिकारियों को कम से कम हमारे जीविकोपार्जन के बारे में सोचना चाहिए। हम अपनी रोजी-रोटी नहीं कमा पा रहे हैं। यह कब तक चलेगा?’’

उन्होंने कहा कि उसका पति नहीं कमाता है और परिवार उनके और बेटे की कमाई पर निर्भर है।

अनवर बीबी ने ‘‘ पीटीआई-भाषा’’से कहा, ‘‘ हमारा चार सदस्यों का परिवार है। मुझे घर का किराया भी देना है। बिना कमाई हम यह कैसे करेंगे? मेरा परिवार मुझ पर और मेरे बेटे की कमाई पर निर्भर है।’’

एक अन्य स्थानीय निवासी अकबर (25) ने बताया कि कुशल चौक पर उसकी मोबाइल फोन मरम्मत की दुकान है जो पिछले छह दिनों से बंद है और बिना किसी कमाई के जीवनयापन कर पाना मुश्किल हो रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने यह दुकान करीब पांच महीने पहले खोली थी और पिछले छह दिनों से मैं इसे नहीं खोल पा रहा हूं। मैं अपने आठ सदस्यों के परिवार को क्या खिलाउंगा? मैं हर महीने 15 हजार रुपये दुकान का किराया देता हूं। मैंने कर्ज भी ले रखा है जिसकी 15 हजार रुपये की किस्त भी देनी है। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि क्या होगा।’’

दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त (कनून-व्यवस्था, पूर्वी क्षेत्र) दीपेंद्र पाठक ने बताया कि वे पूरे इलाके पर सीसीटीवी कैमरों की मदद से भी नजर रख रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ अवरोधक कुछ और दिन रहेंगे। पिछले दिनों के मुकाबले आज स्थिति बेहतर रही और हम कानून-व्यवस्था पर नजर रख रहे हैं।’’

उल्लेखनीय है कि सी- ब्लॉक से आने और यहां से जाने वालों को सुरक्षा कर्मी नियंत्रित कर रहे हैं लेकिन स्कूल यूनीफार्म पहने बच्चों और परीक्षा देने वालों को आने-जाने दिया जा रहा है।

इलाके में बृहस्पतिवार को मीडियाकर्मियों के प्रवेश पर भी रोक थी।

भाषा धीरज अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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