चुराचांदपुर, तीन सितंबर (भाषा) जनजातीय संगठन जोमी काउंसिल ने कहा है कि जब तक राष्ट्रीय राजमार्ग-2 पर वसूली रैकेट का खात्मा नहीं हो जाता, तब तक राजमार्ग को फिर से नहीं खोला जाना चाहिए।
संगठन ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय राजमार्ग-2 के दीमापुर-इंफाल खंड को फिर से खोलने का कोई भी फैसला पूरी तरह से मेइती समुदाय की सुविधा के लिए है, जबकि चुराचंदपुर के लोग ‘‘आवश्यक वस्तुओं की कमी और भूख से जूझ रहे हैं’’।
राष्ट्रीय राजमार्ग-2 को मणिपुर की जीवनरेखा माना जाता है और मई 2023 में राज्य में जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद से दोनों समुदाय राजमार्ग का इस्तेमाल दूसरे पक्ष की आपूर्ति बाधित करने के लिए करते रहे हैं।
अन्य समुदायों के लोग इंफाल और दीमापुर के बीच यात्रा कर सकते हैं, लेकिन मेइती समुदाय के लोग ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि यह राजमार्ग कुकी बहुल कांगपोकपी जिले से होकर गुजरता है।
चुराचांदपुर में रहने वाले कुकी समुदाय के लोग इंफाल नहीं जा सकते क्योंकि मेइती समुदाय के लोग वहां रहते हैं। इसके अलावा, किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए राजमार्ग पर चलने वाले ट्रकों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में रखा जाता है।
एक बयान में जोमी काउंसिल ने कहा कि कुकी-जो काउंसिल या किसी अन्य जनजातीय संगठन द्वारा राजमार्ग को फिर से खोलने के लिए ऐसे समझौते पर हस्ताक्षर करना विश्वासघात से कम नहीं होगा जो कुकी लोगों के हितों की रक्षा नहीं करेगा।
संगठन ने कहा, ‘‘हम इस तरह के समझौते का समर्थन नहीं कर सकते।’’
भाषा सुरभि मनीषा
मनीषा
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