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Friday, 20 December, 2024
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‘सिक्सर किंग’ युवराज सिंह ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को नम आंखों से कहा अलविदा

युवराज ने अपने रिटायरमेंट की घोषणा करते हुए कहा कि इस खेल ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है. इस खेल ने मुझे बताया कि जिंदगी में कैसे गिरते हैं, फिर उठते हैं, अपने शरीर में लगी धूल-मिट्टी को झाड़ते हैं और फिर आगे बढ़ जाते हैं.

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नई दिल्ली: भारत के बेहतरीन ऑलराउंडर और 2011 विश्व कप में हीरो रहे युवराज सिंह ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से अपने संन्यास का एलान कर दिया. मुंबई में युवराज ने अंतरराष्ट्रीय और प्रथम श्रेणी क्रिकेट को अलविदा कहते हुए बार-बार भावुक होते रहे. कई बार उनका गला भी रुंधा. उनकी आंखें भी भरी-भरी नजर आईं. युवराज ने कहा कि आईसीसी से मान्यता प्राप्त विदेशी ट्वेंटी-20 लीग में फ्रीलांस कैरियर बनाना चाहते हैं. युवराज ने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह काफी समय से रिटायरमेंट के बारे में सोच रहे थे. युवराज ने अपने रिटायरमेंट की घोषणा करते हुए कहा कि इस खेल ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है. इस खेल ने मुझे बताया कि जिंदगी में कैसे गिरते हैं, फिर उठते हैं, अपने शरीर में लगी धूल-मिट्टी को झाड़ते हैं और फिर आगे बढ़ जाते हैं.

इस मौके पर सिंह ने अपने परिवार वालों को शुक्रिया अदा किया और खासतौर पर पिता योगराज सिंह जो कांफ्रेंस में नहीं थे. युवी ने क्रिकेटर के तौर पर कामयाब होने का श्रेय भी अपने पिता को दिया. उन्होंने कहा, ‘मैंने जिंदगी में कभी हार नहीं मानी. मैंने अपने पिता का सपना पूरा किया.’

‘बचपन से मैंने अपने पिता का देश के लिए खेलने का सपना पूरा करने की कोशिश की.’ 

युवराज बोले मैंने, ‘अपने 25 साल के करियर और खास तौर पर 17 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे. अब मैंने आगे बढ़ने का फैसला ले लिया है.

संन्यास पर सचिन से की थी बात

रिटायरमेंट की घोषणा के दौरान युवराज ने मीडिया के कई सवालों के जवाब दिए. उन्होंने बताया कि आईपीएल के दौरान वह सचिन से रिटायरमेंट पर बात कर रहे थे. सिंह ने कहा, ‘सचिन ने मुझसे कहा था कि तुम्हें तय करना है कि कब अपना करियर खत्म करना है, तुमसे बेहतर कोई भी यह फैसला नहीं ले सकता.’

जब उनसे पूछा गया कि किस खिलाड़ी में वह अपनी छवि देखते हैं. इसपर वह बोले कि ऋषभ पंत अच्छे खिलाड़ी हैं और उनमें उन्हें अपनी छवि दिखती है.

कैसा रहा युवराज का करियर

युवराज ने अपना अंतिम टेस्ट साल 2012 में खेला था. सीमित ओवरों के क्रिकेट में वह अंतिम बार 2017 में दिखे थे. युवराज ने साल 2000 में पहला वनडे, 2003 में पहला टेस्ट और 2007 में पहला टी-20 मैच खेला था.

2007 के टी-20 वर्ल्ड कप में इंगलैंड के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्राड की गेंद पर छह छक्के मार कर इतिहास रच दिया था. वहीं 2007 के टी-20 विश्व कप और 2011 के विश्वकप मैच में वह मैन ऑफ द टूर्नाटमेंट भी रहे थे.

इसी तरह टी-20 मैचों में युवराज ने कुल 1177 रन बनाए. इसमें आठ अर्धशतक शामिल हैं.

युवराज ने टेस्ट मैचों में 9, वनडे में 111 और टी-20 मैचो में 28 विकेट भी लिए हैं.

युवराज ने 2008 के बाद कुल 231 टी-20 मैच खेले हैं और 4857 रन बनाए हैं. उन्होंने टी-20 मैचों में 80 विकेट भी लिए हैं.

चंडीगढ़ में साल 1981 में जन्में युवराज ने भारत के लिए 40 टेस्ट, 304 वनडे और 58 टी-20 मैच खेले. टेस्ट में युवराज ने तीन शतकों और 11 अर्धशतकों की मदद से कुल 1900 रन बनाए जबकि वनडे में उन्होंने 14 शतकों और 52 अर्धशतकों की मदद से 8701 रन जुटाए.

भारत ने जब साल 2011 में महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में दूसरी बार आईसीसी विश्व कप जीता था, तब युवराज एक लड़ाके के रूप में सामने आए थे. युवराज ने उस विश्व कप में 362 रन (एक शतक और चार अर्धशतक) बनाने के अलावा 15 विकेट भी हासिल किए थे और चार बार मैन ऑफ द मैच के अलावा प्लेअर ऑफ द टूर्नामेंट चुने गए थे.

युवराज के लिए वह विश्व कप खास था क्योंकि जब भारत ने पहली बार विश्व कप जीता था, तब उनका जन्म भी नहीं हुआ था और जब वह विश्व चैम्पियन बने तो उन्होंने अपने नाम एक अनोखा रिकार्ड जोड़ लिया. युवराज पहले ऐसे ऑलराउंडर हैं, जिन्होंने किसी विश्व कप में 300 से अधिक रन बनाने के अलावा 15 विकेट भी हासिल किए हों.

विश्व कप के बाद युवराज कैंसर से पीड़ित बताए गए और फिर अमेरिका में उनका लम्बे समय तक इलाज चला. कैंसर को हराने के बाद युवराज ने राष्ट्रीय टीम में वापसी की लेकिन इसके बाद उनकी जिंदगी पहले जैसी नहीं रही.

युवराज उन चुनिंदा खिलाड़ियों में से एक हैं, जिन्होंने भारत के साथ दो विश्व कप जीते हैं. 2007 में भारत ने टी-20 विश्व कप जीता था, तब युवराज टीम के सदस्य थे और उस दौरान युवराज ने इंग्लैंड के गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में छह छक्के लगाने का कारनामा किया था. उस मैच में युवराज ने 12 गेंदों पर अर्धशतक पूरा किया था, जो अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में आज भी एक मील का पत्थर बना हुआ है.

20011 के विश्व-कप के बाद ही उनके कैंसर की पुष्टि हुई थी. बता दें कि उसके बाद उन्होंने वन डे क्रिकेट में वापसी की थी लेकिन फॉर्म बहुत अच्छा नहीं रहा था. क्रिकेट से संन्यास की घोषणा करने के दौरान उन्होंने कहा कि अब वह कैंसर के मरीजों की मदद करेंगे. युवराज ने भारत के लिए 304 वनडे में 8 हजार 701 रन बनाए हैं. युवी ने साल 2000 में केन्या के खिलाफ वनडे में डेब्यू किया था और अपना आखिरी एकदिवसीय मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था. युवरज ने अपना टेस्ट डेब्यू न्यूजीलैंड के खिलाफ साल 2000 में पंजाब के मोहाली के मैदान पर किया था और अपान आखिरी टेस्ट मैच इंग्लैंड के खिलाफ कोलकत्ता में खेला था. युवी ने 40 टेस्ट की 62 परियों में 1900 रन बनाए हैं.

सीमित ओवरों के क्रिकेट में भारत के बेहतरीन हरफनमौला खिलाड़ियों में शुमार युवराज सिंह ने सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है.

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