लखनऊ: संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के विरोध में पुराने लखनऊ में महिलाओं का प्रदर्शन रविवार को तीसरे दिन भी जारी रहा.
सत्तारूढ़ भाजपा ने आरोप लगाया कि यह प्रदर्शन सपा और कांग्रेस द्वारा प्रायोजित है और कहा कि इन मुस्लिम महिलाओं को जनता तो दूर अपने परिवार वालों का भी समर्थन नहीं मिल रहा है.
खुले आसमान के नीचे पिछले शुक्रवार से बड़ी संख्या में महिलाएं दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर पुराने लखनऊ स्थित घंटाघर के सामने प्रदर्शन कर रही हैं. उनके साथ बच्चे भी हैं. इन महिलाओं का कहना है कि सरकार जब तक सीएए और एनआरसी को वापस नहीं लेती है तब तक वह अपना धरना समाप्त नहीं करेंगी.
इस बीच, भाजपा के प्रान्तीय प्रवक्ता चन्द्रमोहन ने कहा कि सीएए के विरोध में पुराने लखनऊ में मुस्लिम महिलाओं का धरना सपा और कांग्रेस द्वारा प्रायोजित है.
उन्होंने कहा कि दरअसल, दिसम्बर माह में सीएए के विरोध में हिंसक प्रदर्शन करने वाले उपद्रवियों पर हो रही कार्रवाई को रोकने के लिए ही सपा और कांग्रेस ने मुस्लिम महिलाओं का प्रदर्शन प्रायोजित कराया है.
चन्द्रमोहन ने दावा किया कि प्रदर्शन कर रही महिलाओं को जनता तो दूर, अपने परिवार वालों का भी समर्थन नहीं मिल रहा है.
उधर प्रदर्शनकारी महिलाओं ने आरोप लगाया कि काफी सर्दी होने के बावजूद पुलिस ने देर रात उनके कंबल छीन लिये. हालांकि पुलिस ने एक बयान जारी कर इस पर सफाई दी है.
पुलिस का कहना है कि कुछ सामाजिक संगठन इन महिलाओं को कंबल दे रहे थे तभी बड़ी संख्या में अन्य लोग जो इस धरने में शामिल नहीं थे, वे भी कंबल लेने के लिए वहां पहुंच गए. भीड़ और अफरा-तफरी को रोकने के लिए उसने वहां से कंबल हटवाए.
बहरहाल, महिलाओं के धरने को सामाजिक संगठनों और कई आम नागरिकों का भी समर्थन मिल रहा है.
हालात के मद्देनजर मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है.