बहराइच (उप्र) 13 सितम्बर (भाषा) नेपाल में नयी सरकार गठन के साथ साथ अब भारत नेपाल सीमा पर भी स्थिति सामान्य होती दिख रही है।
उत्तर प्रदेश के सात जिले– महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी और पीलीभीत नेपाल की सीमा से लगे हैं।
शनिवार को भारत-नेपाल सीमावर्ती रूपईडीहा बार्डर पर सवारी वाहन, कारें, मोटरसाइकिलें, पैदलयात्रियों तथा मालवाहक वाहनों का आवागमन पहले की तरह शुरू हो गया। व्यापारिक मालवाहक वाहन तो बड़ी संख्या में आए और गये लेकिन आम नागरिको की आवाजाही अपेक्षाकृत कम रही।
सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) 42 वीं वाहिनी के सेनानायक गंगा सिंह उदावत ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया,‘‘नेपाल में नयी सरकार गठन के साथ ही हालात सामान्य होने लगे हैं। इसलिए आज हमने किसी आने-जाने वाले व्यक्ति को रोका नहीं है। हलांकि हमने पहचान सुनिश्चित करने के बाद ही लोगों को देश की सीमा में प्रवेश करने दिया है।”
उन्होंने कहा कि बार्डर आउटपोस्ट पर लगे ‘फेस रिकाग्निशन डिवाइस’ तथा ‘नंबर प्लेट रीडर’ मशीनों की मदद से सक्रिय निगाह रखकर नागरिकों एवं वाहनों को आने-जाने दिया गया है।
उदावत का कहना है कि आमतौर पर प्रतिदिन करीब 50-55 हजार लोग रूपईडीहा बार्डर से आते जाते हैं लेकिन शनिवार को यह संख्या सिर्फ बीस हजार के आसपास थी। कैलाश मानसरोवर जाने वाले करीब 20 भारतीय तीर्थयात्रियों का एक जत्था शनिवार को रूपईडीहा बार्डर से नेपालगंज गया है। वहां से हवाई मार्ग द्वारा उन्हें तिब्बत के लिए आगे की यात्रा पर जाना है।
रूपईडीहा बाजार में आज थोड़ी चहल-पहल थी। दोपहर तक कुछ नेपाली नागरिक दुकानों पर रोजमर्रा जरूरत की वस्तुएं खरीदते नजर आये। अन्य दिनों की अपेक्षा भीड़ कम थी। नेपाली शहर नेपालगंज के भी बाजार खुले थे लेकिन खरीददार न के बराबर थे। संभवतः अभी वहां के लोग कुछ दिन पूर्व की अशांति वाले माहौल को भूल नही सके हैं।
‘लैंड पोर्ट ऑथोरिटी आफ इंडिया’ के प्रभारी अधिकारी सुधीर शर्मा ने ‘पीटीआई- भाषा’ से कहा,‘‘पांच दिनों से परेशान मालवाहक ट्रकों, लाठियों, टैंकर एवं कंटेनर के ड्राइवरों एवं सहायक स्टाफ के चेहरों पर खुशी थी। इन सभी को आज नेपाल के लिए रवाना कर दिया गया, नेपालगंज में फंसे सभी मालवाहक वाहन आज वापस अपने देश लौट आए हैं।’
भाषा सं आनन्द राजकुमार
राजकुमार
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