नई दिल्ली: एयर इंडिया का एक विमान गुरुवार को सरदार वल्लभभाई पटेल अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया. गुजरात राज्य पुलिस नियंत्रण कक्ष के अनुसार एयर इंडिया फ्लाइट AI‑171, एक बोइंग 787‑8 ड्रीमलाइनर, लंदन की उड़ान भर रही थी. इसमें 242 यात्री थे, जिनमें 12 दल के सदस्य शामिल हैं. अहमदाबाद की यह दुर्घटना बोइंग विमान से जुड़ी चिंताजनक घटनाओं की बढ़ती सूची में एक और चैप्टर जोड़ती है —जिससे गुणवत्ता नियंत्रण, डिज़ाइन की मजबूती और नियामक निगरानी पर सवाल उठते हैं.
यह 2025 में बोइंग 787‑8 ड्रीमलाइनर के साथ जुड़े कुल छह हवाई हादसों में से एक है. वहीं, 2009 में इसके पहले क्रैश के बाद से यह 100 से अधिक घटनाओं में शामिल रहा है.
बोइंग 787 ड्रीमलाइनर ने लॉन्च के बाद से कई गुणवत्ता नियंत्रण व निर्माण संबंधी समस्याओं का सामना किया है, जिनके कारण इसके संचालन में देरी, मरम्मत और कुछ समय के लिए इसकी उड़ानों पर रोक भी लगाई गई थी. इनमें फ्यूज़लज जोड़, फास्टर गलत तरीके से लगाए जाना और संरचनात्मक मजबूती से जुड़ी चिंताएं शामिल हैं.
पिछली घटनाएं
इस साल की शुरुआत में, वाशिंगटन जाने वाली एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर को इवोरी कोस्ट के ऊपर उड़ान के दौरान अचानक इमरजेंसी की वजह से लागोस में आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी. यूनाइटेड एयरलाइंस की फ्लाइट UA613 में 245 यात्री, आठ फ्लाइट अटेंडेंट्स और तीन पायलट सवार थे, जब सबसे ऊपर हवाई क्षेत्र में तकनीकी गड़बड़ हुई.
विमान अचानक ऊंचाई से नीचे गिर गया, जिससे यात्रियों में घबराहट मच गई. सूचना के अनुसार छह यात्री घायल हुए.
सितंबर 2024 में, दिल्ली से बर्मिंघम जा रही एयर इंडिया की एक बोइंग 787-800 विमान तकनीकी खराबी के कारण मॉस्को में सावधानीपूर्वक लैंडिंग की गई. सभी 258 यात्री और 17 चालक दल सुरक्षित थे.
पिछले जुलाई में, दिल्ली से सैन फ्रांसिस्को जा रही एयर इंडिया की एक फ्लाइट को साइबेरिया में लैंड करना पड़ा, क्योंकि पायलटों ने कार्गो होल्ड में संभावित गड़बड़ी महसूस की.
पिछले साल मई में, बोइंग ने 787 ड्रीमलाइनर मॉडल उड़ाने वाली एयरलाइंस को कॉकपिट स्विचों की जांच करने की सलाह दी थी, जब न्यूजीलैंड की LATAM फ्लाइट में अचानक नीचे की ओर आने लगी थी और 50 से अधिक यात्री घायल हो गए थे.
2018 और 2019 में हुए 737 MAX विमानों के घातक क्रैश के बाद बोइंग को विश्व स्तर पर कड़ी निगरानी का सामना करना पड़ा, जिसमें 350 से अधिक लोगों की मौत हुई थी. जनवरी 2024 में बोइंग 737 MAX 9 (अलास्का एयरलाइंस) की एक फ्लाइट का फ्यूज़लज पैनल उड़ान के दौरान उड़ गया था, जिससे लगभग एक बड़ी दुर्घटना होने वाली थी.
जांच से पता चला है कि MCAS (मैन्युवरिंग कैरेक्टरिस्टिक्स ऑगमेंटेशन सिस्टम) में खामियां थीं, पायलट प्रशिक्षण पर्याप्त नहीं था, और नियामक निगरानी में भी कमियां थीं.
व्हिसिलब्लोअर की चेतावनियां
पिछले साल, बोइंग के खिलाफ जांच शुरू हुई जब एक व्हिसलब्लोअर ने दो वाइडबॉडी जेट मॉडलों को लेकर बार-बार चिंताएं जताईं. ड्रीमलाइनर एक वाइड-बॉडी विमान है.
व्हिसलब्लोअर सैम सालेहपोर, जो बोइंग में इंजीनियर थे, ने आरोप लगाया था कि बोइंग ने अपने 777 और 787 ड्रीमलाइनर जेट्स के निर्माण में शॉर्टकट अपनाए, और जैसे-जैसे विमान पुराने होंगे, ये जोखिम ‘विनाशकारी’ साबित हो सकते हैं.
सालेहपोर की शिकायत के अनुसार, असेंबली टीम ने अलग-अलग जगह बने फ्यूज़लाज हिस्सों को जोड़ते समय छोटे-छोटे गैप्स को ठीक से नहीं भरा — यह खामी विमान पर तनाव बढ़ाती है, उसकी मजबूती को कम करती है और “विनाशकारी” फेल्योर का खतरा बढ़ाती है.
2021 से 2023 के बीच, फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) और बोइंग ने नए ड्रीमलाइनर विमानों की डिलीवरी रोक दी थी ताकि इस मुद्दे की जांच की जा सके. बाद में बोइंग ने कहा कि उसने अपने निर्माण प्रक्रिया में बदलाव किए हैं, और डिलीवरी फिर से शुरू कर दी गई. कंपनी ने यह भी कहा कि उसके विमान उड़ान के लिए सुरक्षित हैं.
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