कोच्चि: केरल हाई कोर्ट ने कहा है कि राज्य में बंद और हड़ताल पर प्रतिबंध लगाने के उसके और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का सभी संबंधित विभागों द्वारा पालन किया जाना चाहिए और इसके उल्लंघन का गंभीरता से संज्ञान लिया जाएगा.
अदालत ने यह निर्देश एक याचिका का निस्तारण करते हुए दिया जिसमें छात्र संगठनों या राजनीतिक दलों द्वारा बुलाए गए ‘शैक्षणिक बंद’ को अवैध, असंवैधानिक और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के उल्लंघन करार देने का अनुरोध किया गया था. याचिका में दावा किया गया था कि 2018 में कुछ छात्र संगठनों द्वारा बुलाए गए बंद की वजह से कोल्लम जिले के कोट्टारकारा में सरकारी स्कूल पी.वी.एच.एस. पेरुमकुलम को कुछ दिनों के लिए बंद रखना पड़ा था और इस संबंध में पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत का कोई असर नहीं हुआ था.
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राज्य सरकार ने याचिका का विरोध करते हुए हाई कोर्ट में कहा था कि शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने सभी हितधारकों के साथ एक बैठक की और स्कूल के ‘पेरेंट्स टीचर्स एसोसिएशन’ द्वारा उठाए गए मुद्दों को सुलझाया गया. इसके बाद ऐसी कोई घटना नहीं हुई. राज्य सरकार की स्थापना के बाद अदालत ने कहा कि वह याचिका पर आगे सुनवाई नहीं करेगा.
अदालत ने कहा, ‘मामले के संबंध में तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए हमने यही पाया कि सभी संबंधित विभागों को हड़ताल या बंद के संबंध में सुप्रीम कोर्ट और इस अदालत के फैसले का पालन करना चाहिए और इसके उल्लंघन को गंभीरता से संज्ञान में लिया जाएगा.’
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