scorecardresearch
Sunday, 22 December, 2024
होमदेशउत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत, सपा को 36 सीटों में से नहीं मिली एक भी सीट

उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत, सपा को 36 सीटों में से नहीं मिली एक भी सीट

विधान परिषद की 36 सीटों के लिए हो रहे चुनाव में नौ सीटों पर भाजपा के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) पहले ही निर्विरोध चुने जा चुके हैं. बाकी 27 सीटों के लिए पिछले शनिवार को मतदान हुआ था. हाल में हुए विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार भारी बहुमत से जीती भाजपा का अब विधान परिषद में भी बहुमत होना तय हो गया है.

Text Size:

लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधान परिषद की स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र की 27 सीटों के द्विवार्षिक चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बड़ी जीत की ओर है. वह अब तक 13 सीटें जीत चुकी है और बाकी ज्यादातर सीटों पर उसके प्रत्याशी निर्णायक बढ़त बनाये हुए हैं.

निर्वाचन आयोग के आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि 27 सीटों के लिए मतगणना का कार्य सुबह आठ बजे शुरू हुआ, जिसमें भाजपा ने शुरू से ही बढ़त बनाए हुए है. अब तक घोषित परिणामों के मुताबिक भाजपा देवरिया-कुशीनगर, इलाहाबाद, बहराइच, सुलतानपुर, मेरठ-गाजियाबाद, लखनऊ-उन्नाव, बस्ती-सिद्धार्थनगर, बाराबंकी, बलिया, फैजाबाद-अम्बेडकर नगर, गोंडा, बरेली-रामपुर और सीतापुर की सीटें जीत चुकी है. वाराणसी और आजमगढ़ सीट पर निर्दलीय तथा प्रतापगढ़ सीट पर जनसत्ता दल-लोकतांत्रिक के उम्मीदवार जीते हैं.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद चुनाव में भाजपा की कामयाबी पर सभी नवनिर्वाचित सदस्यों को बधाई दी. उन्होंने ट्वीट किया, ‘आज उत्तर प्रदेश के स्थानीय प्राधिकारी विधान परिषद चुनावों में भाजपा की प्रचंड विजय ने पुन: स्पष्ट कर दिया है कि आदरणीय प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) जी के कुशल मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में प्रदेश की जनता राष्ट्रवाद, विकास एवं सुशासन के साथ है.’

विधान परिषद की 36 सीटों के लिए हो रहे चुनाव में नौ सीटों पर भाजपा के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) पहले ही निर्विरोध चुने जा चुके हैं. बाकी 27 सीटों के लिए पिछले शनिवार को मतदान हुआ था. हाल में हुए विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार भारी बहुमत से जीती भाजपा का अब विधान परिषद में भी बहुमत होना तय हो गया है.

हालांकि, भाजपा को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में करारा झटका लगा है, जहां निर्दलीय प्रत्याशी अन्नपूर्णा सिंह ने जीत हासिल की है. यहां भाजपा तीसरे स्थान पर रही. इसके अलावा, आजमगढ़ सीट पर भी निर्दलीय उम्मीदवार ने विजय प्राप्त की. प्रतापगढ़ सीट से जनसत्ता दल लोकतांत्रिक का प्रत्याशी विजयी रहा.

वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि वाराणसी सीट से पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह की पत्नी निर्दलीय प्रत्याशी अन्नपूर्णा सिंह ने 4234 मत पाकर चुनाव जीत लिया है. उन्होंने अपने निकटतक प्रतिद्वंद्वी सपा के उमेश यादव को 3889 मतों से हराया। भाजपा प्रत्याशी सुदामा पटेल 170 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे। इसके अलावा ,127 मतपत्र निरस्त हुए हैं.

लखनऊ-उन्नाव सीट से भाजपा ने जीत दर्ज की है. यहां भाजपा उम्मीदवार रामचंद्र प्रधान ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के सुनील सिंह को 3088 मतों से पराजित किया. प्रधान को 3488 वोट मिले जबकि सिंह को 400 मतों से संतोष करना पड़ा.

देवरिया से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार देवरिया सीट से भाजपा के रतनपाल सिंह ने 3224 मतों से जीत हासिल की. उन्हें 4255 वोट प्राप्त हुए। वहीं, उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के डॉक्टर कफील खान को 1031 मत मिले.

प्रयागराज से निर्वाचन कार्यालय के सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक, इलाहाबाद सीट से भाजपा के के. पी. श्रीवास्तव ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के वासुदेव यादव को 1658 मतों से हराया. श्रीवास्तव को 3180 मत मिले जबकि सपा के वासुदेव यादव को 1522 वोट प्राप्त हुए.

बहराइच में भी भाजपा ने परचम लहराया है. जिलाधिकारी दिनेश चंद्र सिंह ने बताया कि भाजपा प्रत्याशी डॉक्टर प्रज्ञा त्रिपाठी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के अमर यादव को 3188 मतों से हराया. प्रज्ञा को 3419 मत तथा यादव को 231 वोट मिले.


यह भी पढ़ें : BJP में शामिल होंगे शिवपाल यादव? क्या है इसकी वजह और भतीजे अखिलेश को क्यों नहीं है परवाह?


मेरठ में भाजपा उम्मीदवार धर्मेंद्र भारद्वाज ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के सुनील रोहटा को 3433 मतों से पराजित किया. भारद्वाज को 3710 तथा रोहटा को 277 वोट हासिल हुए. सुलतानपुर सीट से भाजपा के शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने 1269 मतों के अंतर से जीत दर्ज की. सिंह को 2480 तथा उनकी निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा उम्मीदवार शिल्पा प्रजापति को 1211 मत प्राप्त हुए हैं.

बरेली-रामपुर सीट से भाजपा प्रत्याशी महाराज सिंह ने विजय प्राप्त की है. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा उम्मीदवार मशकूर अहमद को 3826 मतों से हराया. सिंह को 4227 वोट मिले जबकि अहमद को 401 मत प्राप्त हुए. प्रतापगढ़ सीट पर जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के उम्मीदवार अक्षय प्रताप सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के हरि प्रताप सिंह को 1107 मतों से हराया. अक्षय प्रताप सिंह को कुल 1721 वोट प्राप्त हुए जबकि हरि प्रताप सिंह को 614 मत मिले. सपा के विजय बहादुर को 380 मत प्राप्त हुए.

बस्ती से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक बस्ती-सिद्धार्थनगर सीट से भाजपा उम्मीदवार सुभाष यदुवंश 4280 वोट से विजयी हुए. उन्हें कुल 5167 मत मिले है. सपा प्रत्याशी सन्तोष यादव सन्नी को 887 वोट प्राप्त हुए है. बाराबंकी सीट से भाजपा के अंगद कुमार सिंह 1745 मतों से विजयी घोषित किये गये. उन्हें 2272 वोट मिले जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के राजेश यादव को 527 मत प्राप्त हुए.

अयोध्या से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार फैजाबाद-अम्बेडकर नगर सीट से भाजपा उम्मीदवार हरि ओम पांडेय ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के हीरालाल यादव को 1680 मतों से हराया. पांडेय को 2724 और यादव को 1044 मत प्राप्त हुए. गोंडा-बलरामपुर सीट से भाजपा प्रत्याशी अवधेश कुमार सिंह चुनाव जीत गए हैं. जिलाधिकारी उज्ज्वल कुमार ने बताया कि सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी सपा के भानु त्रिपाठी को 4401 मतों से पराजित किया. सपा प्रत्याशी को मात्र 171 मत मिले.

बलिया सीट से पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पौत्र रविशंकर सिंह पप्पू ने जीत हासिल की है. उन्हें 2259 तथा सपा प्रत्याशी अरविंद गिरि को 278 मत प्राप्त हुए। पप्पू ने लगातार चौथी बार जीत हासिल की है. वह विधानसभा चुनाव के ऐन वक्त सपा को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे.

सीतापुर सीट पर भी भाजपा उम्मीदवार पवन कुमार सिंह ने बड़े अंतर से जीत हासिल की। उन्हें 3753 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के अरुणेश यादव को मात्र 61 मत प्राप्त हुए. फर्रुखाबाद-इटावा सीट से भाजपा प्रत्याशी प्रान्शू दत्त द्विवेदी ने सपा प्रत्याशी हरीश यादव को 3482 मतों के भारी अंतर से पराजित किया. द्विवेदी को 4139 मत तथा सपा प्रत्याशी हरीश यादव को 657 वोट मिले.

आजमगढ़ सीट पर भाजपा से निष्काषित एमएलसी यशंवत सिंह के पुत्र विक्रांत सिंह ने 2813 मतों से जीत दर्ज की है. सिंह को कुल 4075 मत मिले. उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा प्रत्याशी अरुण कांत यादव को 1262 वोट मिले, जबकि सपा प्रत्याशी राकेश यादव को मात्र 356 मतों से ही संतोष करना पड़ा.

विधान परिषद चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा और सपा के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा था, मगर सपा का सूपड़ा साफ हो गया. कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने चुनाव में कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था.

उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के अनुसार, चुनाव मैदान में 95 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं. विधानसभा के बाद विधान परिषद में भी भाजपा को बहुमत हासिल होने की सम्भावना बहुत प्रबल हो गयी है. वर्तमान में 100 सदस्यीय सदन में भाजपा के 34 सदस्य हैं.

निर्वाचन कार्यालय के मुताबिक, जिन स्थानीय निकाय निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतों की गिनती हो रही है, उनमें मुरादाबाद-बिजनौर, रामपुर-बरेली, पीलीभीत-शाहजहांपुर, सीतापुर, लखनऊ-उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, बाराबंकी, बहराइच, गोंडा, फैजाबाद, बस्ती-सिद्धार्थनगर, गोरखपुर-महाराजगंज, देवरिया, आजमगढ़-मऊ, बलिया, गाजीपुर, जौनपुर, वाराणसी, इलाहाबाद, झांसी-जालौन-ललितपुर, कानपुर-फतेहपुर, इटावा-फरुखाबाद, आगरा-फिरोजाबाद, मेरठ-गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर-सहारनपुर शामिल हैं.

स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन क्षेत्र के विधान परिषद चुनाव में ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, खंड विकास परिषदों के अध्यक्ष एवं सदस्य, जिला पंचायत अध्यक्ष और नगरीय निकायों के पार्षद मतदाता होते हैं. इसके अलावा विधायक और सांसद भी इस चुनाव में वोट डालते हैं.

राज्य की 100 सदस्यीय विधान परिषद में इस समय भाजपा के 34, जबकि सपा के 17, बसपा के चार और कांग्रेस, अपना दल एवं निषाद पार्टी के एक-एक सदस्य हैं. वहीं, शिक्षक दल के दो, जबकि निर्दलीय समूह का एक और एक निर्दलीय सदस्य भी विधान परिषद में मौजूद है.

राज्य विधान परिषद की 36 सीटें सात मार्च को संबंधित सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होने के कारण रिक्त हो गई थीं। वहीं, सदन की 37वीं सीट नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन के निधन की वजह से खाली हुई है.

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.


यह भी पढ़ें : बीजेपी को मिली पार्टी की अपनी टोपी: गुजरात में बनी उत्तराखंड शैली की भगवा टोपी होगी नई ‘यूनिफॉर्म’


 

share & View comments