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Sunday, 22 December, 2024
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छत्तीसगढ़ में संक्रमण के स्रोत का पता न लगने वाले कोरोना मरीज बढ़ रहे, पर सरकार हालात नियंत्रण में बता रही

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हम थ्रेशोल्ड स्तर पर पहुंचने वाले हैं. सभी मरीजों की हिस्ट्री बड़ी गहनता से ट्रेस की जा रही है. स्थिति नियंत्रण में है लेकिन बढ़ते स्रोतहीन केस चिंता का कारण हैं.

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रायपुर: कोरोना संक्रमण के स्रोत की जानकारी नहीं होने वाले मरीजों की बढ़ती संख्या ने छत्तीसगढ़ सरकार की चिंता बढ़ा दी है. सरकार का मानना है कि राज्य कम्युनिटी संक्रमण की तरफ बढ़ रहा है लेकिन परिस्थिति अभी नियंत्रण में है. प्रदेश में कुल कोविड पॉजिटिव मरीजों में 7-10 प्रतिशत वे मरीज हैं जिनके संक्रमित होने के स्त्रोत की जानकारी नहीं है. अधिकारी ने यह जानकारी दी है.

दिप्रिंट से बात करते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने बताया कि प्रदेश में कोविड संक्रमण की स्थिति अभी नियंत्रण में है लेकिन हम कम्युनिटी संक्रमण के नज़दीक जा रहे हैं क्योंकि संक्रमण के स्रोत की जानकारी न होने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. सिंह देव ने कहा कि उनकी चिंता बढ़ जरूर रही है लेकिन स्थिति पर नियंत्रण बनाये रखने के हर प्रयास सफलतापूर्वक किए जा रहें हैं.

स्वास्थ्य मंत्री का कहना है, ‘संक्रमण के स्रोत की जानकारी न मिल पाने वाले मरीजों की संख्या कुछ दिनों से बढ़ रही है. हम थ्रेशोल्ड स्तर पर पहुंचने वाले हैं. हालांकि सभी मरीजों की हिस्ट्री बड़ी गहनता से ट्रेस की जा रही है. स्थिति नियंत्रण में है लेकिन बढ़ते केस चिंता के कारण हैं. आधे से अधिक कोरोना मरीज प्रवासी मजदूर हैं लेकिन इनकी संख्या घट रही है लेकिन उसके साथ स्रोत की कोई जानकारी नही होने वाले मरीजों के संख्या बढ़ी है. 30 जून से 10 जुलाई के बीच ऐसे मजदूरों की संख्या 4 प्रतिशत से बढ़कर करीब सात प्रतिशत हो गई है.

उन्होंने कहा कि इसके अलावा मरीजों की संख्या तेजी से लगातार बढ़ रही है. विगत कुछ दिनों में 100 से ज्यादा पॉजिटिव केस प्रतिदिन मिले हैं. अब हमें अधिक सतर्क रहने की जरूरत है और लॉकडाउन भी कड़ाई से लागू किया जाएगा. इसके साथ ही जांच और इलाज की सुविधा भी सभी जिलों में बढ़ाई गई है.


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प्रदेश की स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारीक सिंह का कहना है कि स्रोतहीन संक्रमित मरीजों की संख्या अभी ज्यादा नहीं है लेकिन विभाग की कोशिश है कि यह संख्या न बढ़े और हर मरीज के संक्रमण स्रोत की जानकारी मिले. उन्होंने बताया, ‘मरीजों से कभी ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाती क्योंकि उन्हें अपने संपर्क में आने वालों की जानकारी याद नहीं रहती है. दूसरी ओर यदि मरीज एक-दो बार में पूरी जानकारी नहीं दे पाते तो उन्हें छोड़ दिया जाता है. संक्रमण के स्रोतहीन मरीजों की संख्या बढ़ी है लेकिन यह 6-7 प्रतिशत तक ही है. हमारी कोशिश है कि हर मरीज के संक्रमण की पूरी जानकारी मिले.’

स्वास्थ्य सचिव ने आगे बताया, ‘सभी संक्रमितों के स्रोत का पता लगाने के लिए जिला कलेक्टरों को कड़े निर्देश दिए हैं कि वे ट्रेसिंग कार्य में सिर्फ डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों पर निर्भर न रहें. यदि डॉक्टरों को ज्यादा इन्वॉल्व किया गया तो मरीजों के इलाज में बाधा आएगी. कलेक्टरों से कहा गया है कि अंतर्विभागीय टीम बनाएं. ये कर्मचारी ट्रेसिंग के संबंध में प्रशिक्षित हैं. ट्रेसिंग में और तेजी लाई जा रही है.’

हालांकि स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिप्रिंट को नाम न बताने की शर्त पर कहा कि स्रोतहीन संक्रमित मरीजों की वर्तमान संख्या करीब 10 प्रतिशत हो गई है. लगभग करीब 500 कोविड पॉजिटिव केस ऐसे हैं जिनके स्रोत की जानकारी नहीं मिल पायी है.

बता दें की प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 5500 से भी अधिक हो गई है. पिछले 15 दिनों में औसतन 160 मरीज रोज मिलें हैं. पिछले पांच दिनों में यह संख्या 200 मरीज के आसपास प्रतिदिन रही है.

राज्य के ज्यादातर बड़े शहर फिर लॉकडाउन की ओर

जुलाई में अब तक करीब 150 कोरोना पॉजिटिव मरीजों के रोजाना मिलने के चलते सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिया है कि वे शहरों में लॉकडाउन करने का निर्णय आवश्यकता अनुसार लें और इसका कड़ाई से पालन कराएं. इस दिशा में प्रदेश के करीब सभी बड़े शहर जिसमें राजधानी रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव, दुर्ग, रायगढ़, कोरबा शामिल हैं, में लॉकडाउन का पालन कड़ाई से किया जाएगा. इन सभी शहरों में 21-22 तारीख की रात से एक सप्ताह के लिए लॉकडाउन किया जाएगा. इस दौरान किराना दुकानें भी बंद की जाएंगी.

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