मुंबई, 12 मई (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने दो यूट्यूबर्स द्वारा महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता गिरीश महाजन के खिलाफ जारी किए गए छह ‘अपमानजनक’ वीडियो को हटाने का आदेश दिया है।
न्यायालय ने कहा कि ये वीडियो ‘प्रथम दृष्टया मानहानिकारक’ हैं।
न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की एकल पीठ ने आठ मई को पारित आदेश में कहा कि वीडियो देखने के बाद यह पाया गया कि अंतरिम राहत प्रदान करने का मामला बनाया गया है।
न्यायालय ने कहा, ‘वीडियो में प्रतिवादियों द्वारा दिए गए बयान, उनके ट्रांसक्रिप्ट से यह स्पष्ट है कि ये प्रथम दृष्टया मानहानिकारक हैं।’
न्यायालय ने प्रतिवादियों को तुरंत इन छह वीडियो को यूट्यूब से हटाने का आदेश दिया है और आगे से महाजन के खिलाफ किसी भी प्रकार के मानहानिकारक पोस्ट या वीडियो अपलोड करने पर रोक लगाई है।
मामले की अगली सुनवाई 20 जून को होगी।
महाजन ने अनिल थट्टे और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था, जिसमें दावा किया गया था कि उन्होंने महाजन के खिलाफ झूठे, बेबुनियाद और निराधार आरोप लगाए हैं।
महाजन ने उच्च न्यायालय से अपील की थी कि वे दोनों यूट्यूबर को उनके खिलाफ यूट्यूब पर जारी अपमानजनक वीडियों को हटाने का आदेश दें।
महाजन के वकील रवि कदम ने कहा कि वीडियो में एक महिला आईएएस अधिकारी के साथ महाजन के आचरण के बारे में झूठे बयान और आरोप लगाए गए हैं।
कदम ने कहा कि ये सभी बयान झूठे और मानहानिकारक हैं।
छह में से पांच वीडियो ‘अनिल गगनभेदी थट्टे’ नामक यूट्यूब चैनल पर अपलोड किए गए थे, जबकि एक वीडियो ‘मुद्दा भारत का’ नामक चैनल पर अपलोड किया गया था।
भाषा राखी नरेश
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