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Friday, 22 November, 2024
होमदेशदेश में दो तिहाई ब्रॉडबैंड यूजर्स धीमी इंटरनेट स्पीड और खराब कनेक्टिविटी से जूझ रहे, सर्वे में खुलासा

देश में दो तिहाई ब्रॉडबैंड यूजर्स धीमी इंटरनेट स्पीड और खराब कनेक्टिविटी से जूझ रहे, सर्वे में खुलासा

ब्रॉडबैंड, फाइबर और डीएसएल प्रदाता उनके द्वारा चुनी गई इंटरनेट सेवा के अनुसार वैल्यू प्रदान नहीं कर रहे हैं.

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नई दिल्ली: एक नए सर्वेक्षण के मुताबिक फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड कनेक्शन वाले तीन में से हर दो भारतीय या तो कनेक्टिविटी या कम स्पीड के मुद्दों से जूझ रहे हैं.

पॉलिसी और गवर्नेंस के मुद्दे पर फीडबैक वाली नोएडा आधारित लोकल सर्किल्स द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण
में शामिल 56 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे कनेक्शन में हर महीने लगभग तीन या अधिक रुकावटों या परेशानियों का सामना करते हैं.

फिक्स्ड लाइन कनेक्शन को लेकर जब लोगों से पूछा गया कि उन्हें किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है तो, 33 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि उन्हें ‘लगातार रुकावटों’ का सामना करना पड़ा, जबकि अन्य 33 प्रतिशत ने कहा कि कनेक्शन की स्पीड जो उन्हें देने का वादा किया गया था उससे कम थी.

लोकल सर्किल्स नागरिकों द्वारा ऐसे पोस्ट और टिप्पणियों में बढ़ोत्तरी देख रहा है जिसमें कहा गया है कि ब्रॉडबैंड, फाइबर और डीएसएल (डिजिटल सब्सक्राइबर लाइन, टेलीफोन लाइन के माध्यम से प्रदान किया गया एक इंटरनेट कनेक्शन) प्रदाता उनके द्वारा चुनी गई इंटरनेट सेवा के अनुसार वैल्यू प्रदान नहीं कर रहे हैं.

लोकल सर्किल्स के मुताबिक, ‘कई लोगों का कहना है कि उनके कनेक्शन में उतार-चढ़ाव होता है या धीमा रहता है, ज्यादातर समय रुक-रुक कर आता है. उनका कहना है कि ग्राहक देखभाल प्रतिनिधि के साथ जुड़ने के लिए बोझिल प्रक्रिया के दौर के बाद सेवा प्रदाता से शिकायत करने के बावजूद, उनके मुद्दों को हल नहीं किया जाता है.’

सर्वेक्षण को देश भर के करीब 319 जिलों से 33,000 से अधिक प्रतिक्रियाएं मिलीं. उत्तरदाताओं में 64 प्रतिशत पुरुष और 36 प्रतिशत महिलाएं थीं. 48 प्रतिशत उत्तरदाता टियर-1 जिलों से, 30 प्रतिशत टियर-2 से और 22 प्रतिशत टियर-3, -4 और ग्रामीण जिलों से थे.


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विवरण ढूंढना

जब लोगों से पूछा गया कि उनके फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड कनेक्शन के साथ कितने ईश्यू आते हैं तो तो जवाब में, 19 प्रतिशत ने ‘3-5 बार’, 21 प्रतिशत ने ‘5-10 बार’ कहा, जबकि 16 प्रतिशत ने एक महीने में ’10 से अधिक बार’ कहा. केवल 25 प्रतिशत ने कहा कि वे महीने में ‘एक या दो बार’ इंटरनेट की समस्या का सामना करते हैं.

हालांकि, 19 प्रतिशत को अपने कनेक्शन के साथ ऐसी किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा.

यह पूछे जाने पर कि शिकायत किए जाने के बाद इंटरनेट सेवा प्रदाता को किसी समस्या को हल करने में कितना समय लगा, 53 प्रतिशत ने कहा कि इसमें 24 घंटे से अधिक समय लगता है – 38 प्रतिशत ने कहा कि ’24 घंटे के भीतर’, 30 प्रतिशत ने ‘1-3 दिन’ कहा, 5 प्रतिशत ने ‘4-7 दिन’ कहा, जबकि 11 प्रतिशत ने 7 दिनों में कहा. इसके अतिरिक्त, सर्वेक्षण में शामिल 7 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनका मुद्दा ‘कभी हल नहीं हुआ.’

पिछले एक साल में केवल 8 प्रतिशत लोगों को कोई भी शिकायत नहीं थी.

सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि 74 प्रतिशत उत्तरदाता बेहतर गुणवत्ता वाले कनेक्शन, सेवा या मूल्य के लिए एक नए फिक्स्ड लाइन इंटरनेट प्रदाता में स्थानांतरित करने के लिए तैयार हैं.


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