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Thursday, 23 May, 2024
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भाजपा अभी और तेज करेगी ममता बनर्जी के किले में सेंधमारी

टीएमसी से भाजपा में आ चुके मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांशु रॉय समेत 3 विधायक बीजेपी के सदस्य बने हैं. शामिल होने वालों में एक विधायक लेफ्ट पार्टी सीपीएम का है.

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नई दिल्लीः ममता बनर्जी नीत पश्चिम बंगाल में भाजपा की सेंधमारी की कोशिशें तेज हो गई हैं. इसी सिलसिले में पार्टी ने मंगलवार को एक ओर जहां टीमएसी के दो विधायक और 50 से ज्यादा पार्षद शामिल हुए. इन सभी नेताओं के भाजपा में शामिल होने से बंगाल में तृणमूल कांग्रेस बड़ा झटका लगा है. एक विधायक लेफ्ट पार्टी सीपीएम का है.

बंगाल की सत्ताधारी टीएमसी के 2 विधायक और 50 के करीब पार्षद मंगलवार को दिल्ली में बीजेपी में शामिल हुए हैं. टीएमसी से भाजपा में आ चुके मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांशु रॉय समेत तीन विधायक बीजेपी के सदस्य बने हैं. शामिल होने वालों में एक विधायक लेफ्ट के सीपीएम का है. शुभ्रांशु बीजपुर से टीएमसी से विधायक हैं. इनके अलावा विष्णुपुर से टीएमसी विधायक तुषार कांति भट्टाचार्य, हेमताबाद से सीपीएम के विधायक देवेंद्र रॉय भी पार्टी में शामिल हुए हैं.


यह भी पढ़ेंः 2019 लोकसभा रिज़ल्ट: ममता बनर्जी के गढ़ पश्चिम बंगाल में भाजपा ने लगाई सेंध


भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजवर्गीय ने दिल्ली में बंगाल के नेताओं पार्षदों को भाजपा में शामिल कराया. विजयवर्गीय ने कहा कि 3 विधायक और 50 से 60 पार्षद भाजपा में शामिल हो रहे हैं. ऐसे ही लोग शामिल होते रहेंगे. उन्होंने कहा कि कांचरापाड़ा नगरपालिका के 16 टीएमसी पार्षद सामूहिक रूप से तृणमूल कांग्रेस के पार्षद दल से हट गए हैं. वहीं भाजपा नेता मुकुल रॉय के बेटे सुभ्रांशु रॉय ने भी अपनी सदस्यता वापस ले ली है और भाजपा में शामिल हो गए हैं.

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विजयवर्गीय ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि 40 विधायक हमारे सम्पर्क में हैं, इस पर टीएमसी के डेरेक ने कहा था कि कोई कॉर्पोरेट भी नहीं आएगा लेकिन 50 से भी ज्यादा पार्षद और तीन विधायक हमारी पार्टी में शामिल हो रहे हैं. चरणबद्ध तरीके से लोगों को पार्टी में जॉइन करा रहे हैं. बड़ी संख्या में टीएमसी और दूसरे दलों से भी लोग आ रहे हैं.

पूर्व में टीएमसी और कांग्रेस नेता और अब भारतीय जनता पार्टी के नेता मुकुल रॉय ने कहा कि कई म्युनिसिपलिटी के पार्षद भाजपा जॉइन कर रहे हैं. अभी भी बंगाल का जो नेतृत्व है उससे परेशान होकर सब टीएमसी को छोड़कर भाजपा में शामिल हो रहे हैं. अगले महीने से फिर से और विधायक जुड़ेंगे. रॉय ने कहा कि बंगाल में ममता बनर्जी हॉर्स ट्रेडिंग कर रही है. ममता बनर्जी के इस्तीफे की पेशकश कर ड्रामा कर रही हैं. वह कुर्सी को छोड़कर नहीं जा रही हैं.

रॉय ने कहा कि सभी दीदी के नीतियों से त्रस्त आ चुके थे. बीजेपी और पीएम मोदी पर हमें पूरा भरोसा है. कैसे हमारी योजना थी ये तो बता नहीं सकते लेकिन अभी और भी हैं जो पार्टी जॉइन करेंगे. बंगाल में ऐसे हालात हैं कि सभी लोग ममता के शासन से ऊब चुके हैं और पार्टी से बाहर आना चाहते हैं. इसी का नतीजा है कि आज इतने पार्षद आज हमारी पार्टी में आए हैं.
उन्होंने कहा कि विधायकों का संख्या बल इतना ज्यादा नहीं है कि उनकी सरकार गिर जाए. लोग हमारी पार्टी में आ रहे हैं तो उनकी सरकार खुद ही गिर जाएगी.


यह है पार्टी की रणनीति

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में भारी सफलता के बाद भाजपा का फोकस अब पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव पर है. पार्टी अब हार हाल में अपनी सीटें बढ़ाकर निर्णायक स्तर पर पहुंचना चाहती है. भाजपा की पहली कोशिश है कि तृणमूल के ही नेता और कार्यकर्ता को तोड़कर अपनी पार्टी को निचले स्तर पर मजबूत करे. इसके अलावा वहां ममता के खिलाफ चलाए आंदोलन को जारी रखे, ताकि जनता के बीच में पार्टी का अस्तित्व बना रहे. पार्टी चाहती है कि इस विधानसभा में असली लड़ाई भाजपा और टीमएसी के बीच ही हो. इसी सिलसिले में भाजपा धीरे धीरे टीएमसी को कमजोर करने में जूटी हुई है. आने वाले दिनों में कई नेताओं को शामिल कर भाजपा बंगाल में अपनी जमीन को ओर मजबूत करेंगी.

लोकसभा चुनाव में भी यूपी के बाद बंगाल था फोकस

लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा का सबसे ज्यादा फोकस उत्तर प्रदेश के बाद पश्चिम बंगााल में था. यहां पीएम मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष ने चुनाव प्रचार के लिए सबसे ज्यादा समय दिया. वहीं निर्णायक सीटों पर खुद भाजपा अध्यक्ष और मोदी ने प्रचार की कमान संभाली. जिसका नतीजा था कि पिछले चुनाव में दो सीटे जीतने वाली भाजपा ने 18 सीटों पर जीत हासिल की है. पार्टी का अब अगला फोकस विधानसभा के चुनाव है. पार्टी यहां से ममता को ऐसे उखाड़ फेंकना चाहती है जैसे ममता ने बंगाल से वाम मोर्चा को उखाड़ा था.

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