नयी दिल्ली, 20 जुलाई (भाषा) राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) ने बुधवार को कहा कि पंजाब सरकार द्वारा एक छात्रवृत्ति योजना के तहत करीब 2,000 करोड़ रुपये के बकाये का भुगतान नहीं करने के चलते अनुसूचित जाति (एससी) श्रेणी के करीब दो लाख छात्रों ने कॉलेज की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मैट्रिक बाद दी जाने वाली छात्रवृत्ति योजना में कथित अनियमितता की व्यापक जांच के पिछले हफ्ते आदेश दिए थे। यह कथित अनियमितता राज्य में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान सामने आई थी।
एनसीएससी के अध्यक्ष विजय सांपला ने पत्रकारों को बताया कि आयोग ने राज्य सरकार से इस बात पर स्पष्टीकरण मांगा है कि केंद्र द्वारा बकाये का भुगतान किए जाने के बावजूद कॉलेजों को पैसे का भुगतान क्यों नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा, “ हमने मामले का स्वत: संज्ञान लिया है। इस तरह की कई शिकायतें हैं कि एससी समुदाय के छात्रों को कॉलेज में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है, क्योंकि सरकार ने उनका शुल्क जमा नहीं किया है।”
सांपला ने कहा, “ करीब तीन लाख छात्र 2017 में योजना से लाभांवित हुए थे और यह संख्या 2020 में घटकर एक लाख से लेकर सवा लाख के बीच रह गई। हमने जब राज्य सरकार से पूछा तो उसने बताया कि इन छात्रों ने पढ़ाई बीच में छोड़ दी है।”
सांपला ने बताया कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय और पंजाब सरकार के अधिकारियों के बीच सोमवार को इस विषय पर बैठक हुई थी।
उन्होंने कहा, “ बैठक में यह बात सामने आई कि केंद्र सरकार पर कुछ भी बकाया नहीं है जबकि राज्य सरकार को इन कॉलेजों को दो हजार करोड़ रुपये का बकाया अदा करना है। जो रकम बकाया है, वह कहां गया?”
सांपला ने बताया कि पंजाब सरकार से अगले बुधवार तक स्पष्टीकरण देने को कहा गया है।
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