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Saturday, 16 November, 2024
होमदेश'हमारी सुनवाई नहीं हो रही', कठुआ में बच्ची के रेप और हत्या के दो दोषियों को जमानत पर बोले नाराज परिजन

‘हमारी सुनवाई नहीं हो रही’, कठुआ में बच्ची के रेप और हत्या के दो दोषियों को जमानत पर बोले नाराज परिजन

बच्ची के पिता मोहम्मद अख्तर ने कहा कि मुझे आश्चर्य है कि दो आरोपियों को जमानत पर छोड़ा गया है. सजा बढ़ाने की हमारी अपील अब भी लंबित है जबकि उनकी अपील को सुना गया.

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जम्मू/नयी दिल्ली: जम्मू जिले के कठुआ में आठ साल की बच्ची की दुष्कर्म के बाद हुई नृशंस हत्या के मामले में बच्ची के माता पिता ने दो दोषियों को जमानत मिलने जबकि छह की सजा बढ़ाने के लिए दायर उनकी याचिका पर सुनवाई नहीं होने पर नाराजगी जताई है. उनका कहना है कि इन दोषियों को जमानत दी गई है जबकि अदालत घटना को ‘राक्षसी और भयानक अपराध’ करार दे चुकी है.

मोहम्मद युसूफ जिसने पीड़ित बच्ची को गोद लिया था और मोहम्मद अख्तर जो बच्ची के जैविक पिता हैं, ने कहा कि उन्होंने सुना है कि दो दोषियों- पूर्व उप निरीक्षक आनंद दत्ता और हेड कांस्टेबल तिलक राज- को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने जमानत पर रिहा कर दिया और उनकी बाकी सजा अपील लंबित रहने तक स्थगित की गई है.’

अख्तर ने कहा, ‘मुझे आश्चर्य है कि दो आरोपियों को जमानत पर छोड़ा गया है. सजा बढ़ाने की हमारी अपील अब भी लंबित है जबकि उनकी अपील को सुना गया. मुझे आश्चर्य है कि क्या मेरे जैसे गरीब को कभी सुना भी जाएगा. मुझे उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय इस मामले को देखेगा और कोई कार्रवाई करेगा क्योंकि हमारी याचिका को कोई नहीं सुन रहा है.’

युसूफ ने दावा किया कि मामले को इस स्तर तक हल्का करने की कोशिश की जा रही है ताकि सभी दोषी बाहर आ जाएं. उन्होंने कहा, ‘जब आरोपी जमानत पर बाहर आएंगे, तो मुझे डर है कि एक दिन मेरे खिलाफ भी कोई फर्जी मामला दर्ज कर मुझे जेल में डाल दिया जाएगा. वे बहुत ताकतवर लोग हैं.’

युसूफ ने आरोप लगाया, ‘पहले ही कयास लगाए जा रहे हैं कि सीबीआई इस मामले की दोबारा जांच करने जा रही है और सभी आरोपी जमानत पर बाहर आ जाएंगे.’

उल्लेखनीय है कि 17 जनवरी 2018 को आठ साल की बच्ची की लाश मिली थी जिसके बाद पूरे देश में नाराजगी देखी गई. शुरुआती टालमटोल के बाद मामले की जांच उसी साल 27 जनवरी को अपराध शाखा को दी गई जिसने अपराध के पीछे की साजिश का खुलासा किया.जांच में पता चला कि लड़की का अपहरण कर पहले चार दिनों तक दुष्कर्म किया गया और उसके बाद नृशंस तरीके से हत्या की गई.

उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2018 में मामले की सुनवाई जम्मू से बाहर कराने का निर्देश दिया और पठानकोट सत्र न्यायालय को दैनिक आधार पर मामले की सुनवाई करने को कहा.

अदालत ने जून 2019 में अपराध के मास्टरमाइंड और ‘देवस्थानम’ जहां पर अपराध हुआ के देखरेख करने वाले संजी राम को, विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) दीपक खजुरिया और अन्य व्यक्ति परवेश कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जबकि तीन पुलिस कर्मियों दत्ता, राज और एसपीओ सुरिंदर कुमार को सबूतों को नष्ट करने का दोषी करार देते हुए पांच-पांच साल कारावास की सजा सुनाई.

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने इस महीने की शुरुआत में दत्ता और राज की बची हुई सजा फैसले के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई पूरी होने तक निलंबित रखने का आदेश दिया.

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